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Parasram Arora
क्या कभी लौट पायेगा वो प्रवासी जल मरुस्थलो मे? कैसे विस्मृत कर सकता है आज वो मरुस्थल कि. वो भी कभी समुन्द्र का अंश था और उसमे भी. लहरे कभी ठाठे मारा करती थी लेकिन वक़्त ने करवट ली और उसके जल क़ो सूरज ने वाशपिकृत करके उसे मरुस्थल मे बदल दिया आज वो सन्नाटो मे चीख चीख कर अपनी व्यथा प्रकट करता है. और आज भी वो तरलता के स्वप्न उन वीरान रातो मे देखा करता है ©Parasram Arora मरुस्थल की व्यथा
Azeem Khan
सौदा ये हकीकत बहुत पुरानी है । " दिल" मोहब्बत की राजधानी है । by # malikzada zaved # दिल मोहब्बत की राजधानी है ।#
Arvind Kumar
बिहार की राजधानी कहां है ©Arvind Kumar बिहार की राजधानी कहा है
Ek villain
हाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने यह कहकर हलचल मचाई कि मैं और पूर्व मंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं चाहते थे कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजधानी हो यह साफ है कि उनके विचारों को अहमियत नहीं दी गई का आशा सहयोगी प्रगतिशील गठबंधन पानी यानी संप्रदा सरकार शरद पवार और मनमोहन सिंह की सलाह मान ली थी आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री है तो उसका बड़ा कारण यही रहा है कि तत्कालीन प्रसंग सरकार ने लगातार उनके खिलाफ प्रतिशोध आत्मक और निंदा अभियान चलाया खुद कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर तक कहा संप्रग और उसकी सरकार ने यह प्रदर्शित करने की कोशिश की कि 2002 में जिस तरह के दंगे गुजरात में हुए पैसे देंगे उससे पहले कभी नहीं हुए हालांकि यह भी सुना था कि अन्य कई सांप्रदायिक दंगों के आंकड़े उसकी पुष्टि नहीं करते कि गुजरात दंगा सर्वाधिक भयावह है ध्यान रहे कि शरद पवार ने प्रतिशोध शब्द का इस्तेमाल किया है लेकिन किसी की गलती के खिलाफ कार्रवाई करना या उसके अभियान चलाने को प्रतिशोध नहीं कहा जाता उस वजह कार्रवाई कहते हैं प्रतिशोध उसे कहते हैं जो प्रसंग सरकार मोदी के खिलाफ कर रही थी राजनीतिक पर सिखों के अनुसार प्रसंग सरकार के प्रतिशोध आत्मक अभियानों और कार्रवाई यों के कारण भी देश के ऐसे अनेक माह में लोग दिल दिमाग और नरेंद्र मोदी के लिए सहानुभूति पैदा हो गई जो पहले भाजपा के समर्थक नहीं तो स्वाभाविक रूप से उनसे राजनीतिक परिदृश्य और एक बड़ा अंतर पैदा किया गया चुनावी आंकड़ों से यह स्पष्ट भी है शरद पावर की बात से यह साफ हुआ कि गुजरात दंगे के लिए नरेंद्र मोदी जिम्मेदार नहीं थी असलियत यह भी थी कि मोदी ने दंगों को रोकने के बस कर कोशिश की थी अंधा अदालत ने भी मोदी को दोषी नहीं माना जो किसी मामले में दोषी नहीं उसे लेकर अगर मौत का सौदागर खोने की दलदली करने जैसे नापाक इरादे लगाए जाए तो माहौल उल्टे पलक खिलाफ होगा ©Ek villain # प्रतिशोध की राजधानी के परिणाम #Glow
पंकज कुम्हार
दिल मरुस्थल हो रहा कुछ हरियाली दिखा नब्ज़ों से connection दिल का नब्ज़ों में बांध ना बना खारा ही सही पर इन्हें कुछ पानी तो दिखा दिल-मरुस्थल
Ek villain
वोट बैंक की राजनीति की भक्ति देश में मुफ्त खोरी की राजनीति का आगाज हो चुका है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब तक इसका दायरा बढ़ाने में जुटा गए हैं पंजाब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कर रहे हैं इसी के अनुसरण में समाजवादी पार्टी में भी औपचारिक तौर पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान कर दिया इसलिए स्पष्ट है कि मुफ्त बिजली सत्ता हासिल करने की स्थिति बन चुकी है ऐसे में आने वाले समय में मुफ्त बिजली की राजनीति का दायरा बढ़ जाएगा नहीं होना चाहिए यह स्थिति तब तक है जब तक विशेषज्ञ पहले से चेतावनी दे रहे हैं कि मुफ्त बिजली की राजनीति के 7 राज्यों की आर्थिक सहायता के लिए भी नुकसानदेह है यहां पंजाब का उदाहरण है 1997 में पंजाब सरकार ने किसानों के लिए शुरू की थी पर भी पड़ा था वर्ष 2017 में 56 वर्ष में ₹10000 तक पहुंच गया हॉस्पिटल में धान की खेती को बढ़ावा देने से मुक्त हो चुके हैं रूप में सामने आया कि को रोकने के लिए सरकार ने कानून बनाया लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते इस पर सख्ती से अमल नहीं किया जा सकता था जो गुजर स्तर पहले बच्चे 30 फुट था पर था अब वह दिन से अभी तक पहुंच गया इससे ना सिर्फ खेती की लागत बढ़ रही है बल्कि भोजन को भी बढ़ावा मिल रहा है ©Ek villain # सिर्फ उठती मुकद खोरी की राजधानी #makarsakranti