Find the Latest Status about तोहके भुला खातिर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तोहके भुला खातिर.
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
White जमीं से ले गए आसमां तक फिर छोड़ गए, मुझको इस जमाने में तन्हा कर मुंह मोड़ गए, वो अपने रिश्तों की खातिर मेरा रिश्ता भूल गए....., वो खुश थे अपने ही माहौल में, मैं बैठा रहा यूं ही उनकी खौल में, वो अपनी हसीं अपनो को दिखाते गए, वो अपने रिश्तों की खातिर मेरा रिश्ता भूल गए ....., वो अपने रिश्तों की खातिर.......,
वो अपने रिश्तों की खातिर.......,
read moreMohmad Tanveer
मोहब्बत में मोहब्बत के खातिर लड़ रहे हैं लोग ©Mohmad Tanveer #romanticstory मोहब्बत में मोहब्बत के खातिर लड़ रहे हैं लोग
#romanticstory मोहब्बत में मोहब्बत के खातिर लड़ रहे हैं लोग
read moreShalini Nigam
अगर धृतराष्ट्र हो तो की आतिर को गांधारी नहीं बनना चाहिए_ ©Shalini Nigam #औलाद #खातिर #Shayari #thought #yqdidi #yqbaba #Love #Life #Nojoto
AD Kiran
आखिर कब तक जियब ई हाल में बता त् द् ! देखै खातिर तरसे ला नयन एक बार बुलाके जियरा जुरा त् द् !! ©AD Kiran देखै खातिर तरसे ला नयन... SabitaVerma
देखै खातिर तरसे ला नयन... SabitaVerma #Shayari
read moreAD Kiran
तोहार मुख में चांद लौकअ्ता ! "ऐ हमर करेजा" तोहार बोली सुनै खातिर हमर कान तरसअ्ता !! ©AD Kiran तोहार बोली सुनै खातिर... SabitaVerma
तोहार बोली सुनै खातिर... SabitaVerma #Love
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
चाँद अब न रात में और न दिन में दिखायी देता है।। अब केवल हमारी आँखों में आँसू दिखायी देता है।। वो फूल था और मैं उसके ही साथ था मगर, चारों ओर केवल अब रेगिस्तान दिखायी देता है ।। साथ था वो तो कितना अच्छा लगता था, मगर अब सारा शहर वीरान दिखायी देता है।। सब कुछ पता है मुझे उन लोगों के बारे में, पीठ पीछे जो मेरी बुरायी करता दिखायी देता है।। उसके हंसने से दिन खिला खिला सा रहता था, अब लेकिन मन भी उदास दिखायी देता है।। "मनु" तुम उसे भुला न देना चाहे वो तुम्हें भुलाये, उसकी यादों से भी तो मन प्रसन्न दिखायी देता है।। ©मनोज कुमार झा "मनु" तुम उसे भुला न देना
तुम उसे भुला न देना #विचार
read moreShashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh हम अपनी रंजिशें भुला न सके, खफ़ा हैं उनसे बता न सके, ग़ुरूर सामने खड़ा मिलता, चाहकर हाथ मिला न सके, एक पर्दा हमारे दरमियाँ था, पास आए मगर उठा न सके, मिली मग़रूर आँधियाँ जब भी, मशाल थे कि झिलमिला न सके, हरेक लौ से ज़ीस्त चमकाई, खिजां भी हौसला गिरा न सके, दुआओं में थी ख़ैरियत सबकी, प्यार था ये कभी जता न सके, देखकर हाथ में मरहम 'गुंजन', ज़ख़्म अपना कभी छुपा न सके, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #भुला न सके#