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Stories related to उम्मीदें वर्सेस असलियत

Kavi Himanshu Pandey

असलियत... #beingoriginal Hindi

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इरादा यदि दिखावे का हो, तो असलियत सामने आ ही जाती है, 
ज़हन में भरी हो यदि गंदगी, तो एक दिन बाहर आ ही जाती है! 
...... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey असलियत... #beingoriginal #NojotoHindi

vksrivastav

इतनी उम्मीदें किस लिए Quotes Life Love Shayari SAD vksrivastav

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Deependra Dubey

#उम्मीदें शुभ विचार

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White जमानों में दुःख उन्हीं को मिला,
जिस किसी उम्मीदों के सहारे जिया।

©Deependra Dubey #उम्मीदें  शुभ विचार

Ajita Bansal

#MakarSankranti2025 मकर संक्रांति आई है खुशी से, उड़ रहे हैं पतंगे आसमान में, सूरज की किरणें छूने चलीं, धरती भी नाचे है गुमान में। तिल गुड़

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Makar Sankranti Messages  मकर संक्रांति आई है खुशी से,
उड़ रहे हैं पतंगे आसमान में,
सूरज की किरणें छूने चलीं,
धरती भी नाचे है गुमान में।

तिल गुड़ का मीठा स्वाद है,
खुशियों की रुत फिर आ गई,
हर दिल में नई उम्मीदें,
नई राहों पर उड़ान भर गई।

आओ सब मिलकर मनाएं,
संक्रांति का पर्व सुखद हो,
सभी को प्रेम, शांति और समृद्धि,
यह संकल्प हम सब लें, हर रोज़ हो।

©Ajita Bansal #MakarSankranti2025
मकर संक्रांति आई है खुशी से,
उड़ रहे हैं पतंगे आसमान में,
सूरज की किरणें छूने चलीं,
धरती भी नाचे है गुमान में।

तिल गुड़

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मुंह पर बनते हो मीठे, पीठ पीछे ज़हर घोल ही देते हो। रिश्तों का ये कैसा फ़रेब, हर बार दिल तोड़ ही देते हो। क्या दोस्ती का बस यह

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White मुंह पर बनते हो मीठे,
पीठ पीछे ज़हर घोल ही देते हो।
रिश्तों का ये कैसा फ़रेब,
हर बार दिल तोड़ ही देते हो।

क्या दोस्ती का बस यही मतलब है?
हर ख़ुशी पर तुम सवाल छोड़ ही देते हो।
हाले दिल जिक्र  करते हैं अपना समझ के,
तुम वक्त बेवक्त, गाहे-अगाहे यूं ही मुंह खोल देते हो।

सच को नकाब पहनाकर,
हर बार झूठ का दरिया बहा देते हो।
जो दिखते हो, वो हो नहीं,
हर साए में अपनी असलियत छुपा जो लेते हो।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
मुंह पर बनते हो मीठे,
पीठ पीछे ज़हर घोल ही देते हो।
रिश्तों का ये कैसा फ़रेब,
हर बार दिल तोड़ ही देते हो।

क्या दोस्ती का बस यह

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है, तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं। हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता भी नह

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White हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है,
तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं।
हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता नहीं है,
तुम आए ना आए, पर उम्मीदें ख़त्म नहीं हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है,
तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं।
हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता भी नह

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी

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"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा,
कितनी  तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।"

तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी दिल दर्द से भर गया,
हर बार तुमसे जो उम्मीदें थीं, इस बार भी ख्वाबों की तरह बिखरा।

"तेरी कसमों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा,
कितनी  तुझसे उम्मीदें थीं,  वो सब झूठा निकला।"

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा,
कितनी  तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।"

तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे, वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था। राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंद

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दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।

राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंदा थीं,
 हमें यकीन था, कोई तो हमारा था।

ग़मों की धुंध में कभी उसने हंसी दी थी,
अब वही शख़्स, हमें छोड़कर जा रहा था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।

राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंद

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन

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ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं,
हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं।
दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं,
जिनसे उम्मीदें थीं, उनसे कोई शिकायत नहीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं,
हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं।
दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं,
जिन

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं, जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

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Unsplash दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं,
जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं,
जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।
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