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Manish ghazipuri
जाने कैसे लोग मिलेंगे, जाने क्या क्या बातें होंगी। गले मिलेंगे बारी बारी, या पीछे से घाते होगी। नये शहर में आ ही गये जब, शायद दिन में रातें होंगी। शीशे की दीवारें होंगी, कागज के सब फूल खिलेंगे। खुश्बू के मादक झोंकों में, शुष्क हृदय के तार हिलेंगे। आंखों से झरते अश्कों से, सावन की बरसातें होंगी। जाने क्या क्या बातें होंगी। ©Manish ghazipuri दुनिया की बाते
Shashi Bhushan Mishra
दुनिया की सच्चाई समझ ले, कुछ भी नहीं स्थायी समझ ले, प्रेम और अपनापन गायब, भाई से लड़ता भाई समझ ले, अपने-अपने में गुम सारे, भीड़ में भी तन्हाई समझ ले, फिसलन भरी राह बर्फीली, लगी बर्फ में काई समझ ले, सह न सके औलाद की पीड़ा, माँ का दिलअच्छाई समझ ले, धर्म की राह छोड़कर भटके, आयेगा फिर खाई समझ ले, करके फिर पछताओगे 'गुंजन', इश्क बड़ा हरजाई समझ ले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #दुनिया की सच्चाई#
Amit Singhal "Aseemit"
यह मतलब की दुनिया है मेरे यारों, स्वार्थी लोग भरे हुए है दिशा चारों। किसी से दिल की बात मत कहना, अपने आप में ही तुम मस्त रहना। ©Amit Singhal "Aseemit" #मतलब #की #दुनिया
Shashi Bhushan Mishra
राज़ की बात बताये राजी, दिनभर करता हाँ जी हाँ जी, तन है कश्ती नाम खिवैया, खेकर पार लगाये मांझी, उठकर टहलो ख़्वाब से जागो, सुबह-सुबह की हवा है ताजी, चिड़ियाघर में जाकर देखो, पुरखों सा लगता चिंपैंजी, होशियार बन जाओगे तुम, खाओ जमकर सब्ज़ी भाजी, दूर रहो ऐसे लोगों से, जिनके मन से निकले ना जी, 'गुंजन' जीवन सरल बनाओ, जीतोगे दुनिया की बाज़ी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #जीतोगे दुनिया की बाज़ी#
Jashvant
चमन में कौन बबूलों की डाल खींचता है यहाँ जो आता है फूलों के गाल खींचता है वो तीर बा'द में पहले सवाल खींचता है सवाल भी जो समा'अत की खाल खींचता है ऐ प्यार बाँटने वाले मैं ख़ूब जानता हूँ कि कितनी देर में मछवारा जाल खींचता है निकल भी सकता हूँ क़ैद-ए-तख़य्युलात से गर वो शख़्स खींच ले जिस का ख़याल खींचता है मैं उस के आगे नहीं खींचता नियाम से तेग़ वो शेर-शाह जो दुश्मन की ढाल खींचता है ये सर्द सुब्ह में सोया शरारती सूरज बस आँख खुलते ही परियों की शाल खींचता है मैं होश-मंद हूँ ख़ुद भी सो मेरी ग़ज़लों में न रक़्स करता है 'आशिक़ न बाल खींचता है ©Jashvant परियों की शाल खींचता है PФФJД ЦDΞSHI ज़हर Geet Sangeet Andy Mann Raj Guru
परवरिश कल की (Deepak Yadav)
gsgshsgsgshshshshshsh ©परवरिश कल की (Deepak Yadav) संतुलन की शुरुआत विचारों के आगे की दुनिया
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