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New आसमा को फिर जमी पे Quotes, Status, Photo, Video

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jameel Khan

# फिर वही #

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Ritesh Free Fire

#love_shayari चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!

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White चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!

©Ritesh Free Fire #love_shayari चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,

बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!

Ashraf Fani

फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को #ashraffani

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White फिर उसी राह पे हैं हम निकले

फिर नये कांटों से उलझने को

माना हम ढीठ सही, वो भी तो है

मामला है  कहाँ  सुलझने को

©Ashraf Fani फिर उसी राह पे हैं हम निकले

फिर नये कांटों से उलझने को

माना हम ढीठ सही, वो भी तो है

मामला है  कहाँ  सुलझने को
#ashraffani

F M POETRY

#आधे रस्ते पे....

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White आधे रस्ते पे मुझे छोड़ गया..

जाने क्यों मेरे दिल को तोड़ गया..



यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #आधे रस्ते पे....

neelu

#sad_qoute फिर भी

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White हम लोगों के होसलों पर छोड़ देते हैं ...
हम लोगों के फैसलों  पर छोड़ देते हैं...
फिर भी..

©neelu #sad_qoute फिर भी

Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes मेरा भी जमी आसमान है

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White पल्लव की डायरी
मेरा भी जमी और आसमान है
हवा पानी सांसो का अधिकार है
माना नदिया हूँ मै सागर की
बहाब सतत जीवन का चाहिये
नालो में सड़  जाये धवल जीवन
रुकावटे कंकड़ पत्थरो की नही चाहिये
हूँ आम आदमी नही बड़ा नाम चाहिये
पहचान मिटाने खड़ी है सरकारे
सागरो को करती रहती मालामाल
लेकिन कानूनी चाबुक से खाल मेरी खींच रही है
नॉकरी विजनेस सारा पेशेवरों के पास
आमजनों से जीने का अधिकार छीन रही है
                                        प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes मेरा भी जमी आसमान है

Arvind adhar

ये जो इल्जाम लगाए है हमी पर tumne झूठ के पेड़ लगाए है जमी पर तुमने

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{**श्री राधा **}

ओ आसमान वाले जमी पर उतर के देख.....🥹💔

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन

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ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं,
हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं।
दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं,
जिनसे उम्मीदें थीं, उनसे कोई शिकायत नहीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं,
हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं।
दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं,
जिन

Satish Kumar Meena

मेरे हाल पे

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mujhe chod do mere haal pe  मैं निराश हूं,
कृंदनों से।
मुक्त हो जाऊं,,
बंधनों से।
मुझे समझाने में,
बरसों लगेंगे। 
ज़ख्म गहरे हैं,,
जी भर सहेंगे।
फंस गए अब,
किसी की चाल पे,
मुझे छोड़ दो,,
मेरे हाल पे।।

©Satish Kumar Meena मेरे हाल पे
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