Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पुण्यात्मा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पुण्यात्मा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पुण्यात्मा.

    PopularLatestVideo

N S Yadav GoldMine

#boat हाथियों, घोड़ों, मनुष्यों और स्त्रियों के आर्तनाद से वह सारा युद्वस्थल गूंज रहा था पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत #पौराणिककथा

read more
mute video

N S Yadav GoldMine

#Gulaab आप मेरे इस अपराध को क्षमा कर मुझ पर कृपा कीजिए और मुझे धन-धान्य से समृद्ध कीजिए जानें रोचक कथा !! 💠💠 {Bolo Ji Radhey Radhey} गयासुर #प्रेरक

read more
mute video

N S Yadav GoldMine

#roshni पुण्यात्मा महर्षि व्यास के वरदान से वे दिव्य ज्ञान बल से सम्पन्न हो गयी थीं पढ़िए महाभारत !! 📔📔 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: #पौराणिककथा

read more
mute video

Verti....

*पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं?* *आपके मन में कभी भी ऐसे प्रश्न आते हैं क्या- मैं तो इतनी पूजा-पा

read more
Kuch chize waqt aur haalat tay karti hai...
Paisa kya h , zarurat e aam tay krti hai..
Lagta h waqt sachchi mohabbat paine mai..
Uska mol b khuda tai karta hai..
Itna aasan b nhi kisi p mohabbat luta dena..
Ye kissa b aapki umar tai krti hai.. *पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं?* 

*आपके मन में कभी भी ऐसे प्रश्न आते हैं क्या- मैं तो इतनी पूजा-पा

Krish Vj

#हिन्दुस्तान #bharat #India #bhagatsingh #आज़ादी #अल्फाज_ए_कृष्णा #भारत । 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 115 वीं जन्मशती पर प

read more
फ़ितरत मेरे लहू की खोलता, जब हिन्दुस्तान की आन को कोई ललकारता
वतन की खातिर क़ुरबानी की है हसरत, जब भी मुझे "हिन्दुस्तान" पुकारता  #हिन्दुस्तान #bharat #india #bhagatsingh #आज़ादी #अल्फाज_ए_कृष्णा #भारत ।

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
115 वीं जन्मशती पर प

pareek boy

अत्यंत दु:खद समाचार! पूज्य माताजी के श्रीचरणों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि। परमपिता से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों म #समाज

read more
ईश्वर मोदीजी, उनके परिवार व देश को दु:ख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करें ॐ शान्ति

©pareek official अत्यंत दु:खद समाचार! 

पूज्य माताजी के श्रीचरणों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

परमपिता से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों म

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary Vs❤❤ स्वर कोकिला, 'भारत रत्न' आदरणीया लता मंगेशकर जी का निधन अत्यंत दुःखद और कला जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रा #yqdidi #yqquotes #OmShanti #LataMangeshkar #yourquotebaba #yourquotedidi #vs❤❤ #lata_ke_bol

read more
Meri Diary #Vs❤❤
स्वर कोकिला, 'भारत रत्न' आदरणीया लता मंगेशकर जी का निधन अत्यंत दुःखद और कला जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों व उनके असंख्य प्रशंसकों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
✍️Vibhor vashishtha vs— % & Meri Diary #Vs❤❤
स्वर कोकिला, 'भारत रत्न' आदरणीया लता मंगेशकर जी का निधन अत्यंत दुःखद और कला जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रा

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary Vs❤❤ राजस्थान के जैसलमेर में वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप #yourquote #yqbaba #yqdidi #YourQuotes #yqquotes #yourquotedidi #vs❤❤

read more
Meri Diary #Vs❤❤
राजस्थान के जैसलमेर में वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए माँ भारती के वीर सपूत,जनपद लखनऊ निवासी भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर श्री हर्षित सिन्हा जी का एक दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना में निधन अत्यंत दुःखद है....।विंग कमांडर श्री हर्षित सिन्हा जी को भावभीनी श्रद्धांजलि...l😥😥
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।
🙏ॐ शांति!🙏
✍️Vibhor vashishtha vs
 Meri Diary #Vs❤❤
राजस्थान के जैसलमेर में वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप

Aamir Qais AnZar

स्वर्ग अर्थात वह स्थान जहां अच्छी आत्माएं रहती है और नर्क वह स्थान जहां बुरी आत्माएं रहती है। कहा जाता है कि पापी व्यक्ति को नर्क में यातनाए #जन्नत #सीधा #अकेलेचलनाहै #जीनादुश्वार #मुझेनहींआता #toknowlifemeans

read more
नर्क का Work से सीधा नाता है।
जो गलत है, वही नर्क जाता है। स्वर्ग अर्थात वह स्थान जहां अच्छी आत्माएं रहती है और नर्क वह स्थान जहां बुरी आत्माएं रहती है। कहा जाता है कि पापी व्यक्ति को नर्क में यातनाए

N S Yadav GoldMine

#Heart मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने #पौराणिककथा

read more
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृथ्वी जब जल में डूब रही थी, तब मत्स्य अवतार में भगवान ने उस ऋषि की नाव की रक्षा की। इसके पश्चात ब्रह्मा ने पुनः जीवन का निर्माण किया। 

एक दूसरी मन्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर की अथाह गहराई में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।

मत्स्य अवतार की कथा :-एक बार ब्रह्माजी की असावधानी के कारण एक बहुत बड़े दैत्य ने वेदों को चुरा लिया। उस दैत्य का नाम हयग्रीव था। वेदों को चुरा लिए जाने के कारण ज्ञान लुप्त हो गया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोलबाला हो गया। तब भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके हयग्रीव का वध किया और वेदों की रक्षा की। भगवान ने मत्स्य का रूप किस प्रकार धारण किया। 

इसकी विस्मयकारिणी कथा इस प्रकार है-

{Bolo Ji Radhey Radhey}

कल्पांत के पूर्व एक पुण्यात्मा राजा तप कर रहा था। राजा का नाम सत्यव्रत था। सत्यव्रत पुण्यात्मा तो था ही, बड़े उदार हृदय का भी था। प्रभात का समय था। सूर्योदय हो चुका था। सत्यव्रत कृतमाला नदी में स्नान कर रहा था। उसने स्नान करने के पश्चात जब तर्पण के लिए अंजलि में जल लिया, तो अंजलि में जल के साथ एक छोटी-सी मछली भी आ गई। सत्यव्रत ने मछली को नदी के जल में छोड़ दिया। मछली बोली- राजन! जल के बड़े-बड़े जीव छोटे-छोटे जीवों को मारकर खा जाते हैं। अवश्य कोई बड़ा जीव मुझे भी मारकर खा जाएगा। कृपा करके मेरे प्राणों की रक्षा कीजिए। सत्यव्रत के हृदय में दया उत्पन्न हो उठी। उसने मछली को जल से भरे हुए अपने कमंडलु में डाल लिया। तभी एक आश्चर्यजनक घटना घटी। एक रात में मछली का शरीर इतना बढ़ गया कि कमंडलु उसके रहने के लिए छोटा पड़ने लगा। दूसरे दिन मछली सत्यव्रत से बोली- राजन! मेरे रहने के लिए कोई दूसरा स्थान ढूंढ़िए, क्योंकि मेरा शरीर बढ़ गया है। मुझे घूमने-फिरने में बड़ा कष्ट होता है। सत्यव्रत ने मछली को कमंडलु से निकालकर पानी से भरे हुए मटके में रख दिया। यहाँ भी मछली का शरीर रात भर में ही मटके में इतना बढ़ गया कि मटका भी उसके रहने कि लिए छोटा पड़ गया। दूसरे दिन मछली पुनः सत्यव्रत से बोली- राजन! मेरे रहने के लिए कहीं और प्रबंध कीजिए, क्योंकि मटका भी मेरे रहने के लिए छोटा पड़ रहा है। तब सत्यव्रत ने मछली को निकालकर एक सरोवर में डाल किया, किंतु सरोवर भी मछली के लिए छोटा पड़ गया। इसके बाद सत्यव्रत ने मछली को नदी में और फिर उसके बाद समुद्र में डाल दिया। आश्चर्य! समुद्र में भी मछली का शरीर इतना अधिक बढ़ गया कि मछली के रहने के लिए वह छोटा पड़ गया। अतः मछली पुनः सत्यव्रत से बोली- राजन! यह समुद्र भी मेरे रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। मेरे रहने की व्यवस्था कहीं और कीजिए। 

अब सत्यव्रत विस्मित हो उठा। उसने आज तक ऐसी मछली कभी नहीं देखी थी। वह विस्मय-भरे स्वर में बोला- मेरी बुद्धि को विस्मय के सागर में डुबो देने वाले आप कौन हैं? 

मत्स्य रूपधारी श्रीहरि ने उत्तर दिया- राजन! हयग्रीव नामक दैत्य ने वेदों को चुरा लिया है। जगत में चारों ओर अज्ञान और अधर्म का अंधकार फैला हुआ है। मैंने हयग्रीव को मारने के लिए ही मत्स्य का रूप धारण किया है। आज से सातवें दिन पृथ्वी प्रलय के चक्र में फिर जाएगी। समुद्र उमड़ उठेगा। भयानक वृष्टि होगी। सारी पृथ्वी पानी में डूब जाएगी। जल के अतिरिक्त कहीं कुछ भी दृष्टिगोचर नहीं होगा। आपके पास एक नाव पहुँचेगी। आप सभी अनाजों और औषधियों के बीजों को लेकर सप्त ऋषियों के साथ नाव पर बैठ जाइएगा। मैं उसी समय आपको पुनः दिखाई पड़ूँगा और आपको आत्मतत्त्व का ज्ञान प्रदान करूँगा। सत्यव्रत उसी दिन से हरि का स्मरण करते हुए प्रलय की प्रतीक्षा करने लगे। सातवें दिन प्रलय का दृश्य उपस्थित हो उठा। समुद्र भी उमड़कर अपनी सीमाओं से बाहर बहने लगा। भयानक वृष्टि होने लगी। थोड़ी ही देर में सारी पृथ्वी पर जल ही जल हो गया। संपूर्ण पृथ्वी जल में समा गई। उसी समय एक नाव दिखाई पड़ी। सत्यव्रत सप्त ऋषियों के साथ उस नाव पर बैठ गए। उन्होंने नाव के ऊपर संपूर्ण अनाजों और औषधियों के बीज भी भर लिए। 

नाव प्रलय के सागर में तैरने लगी। प्रलय के उस सागर में उस नाव के अतिरिक्त कहीं भी कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। सहसा मत्स्य रूपी भगवान प्रलय के सागर में दिखाई पड़े। सत्यव्रत और सप्त ऋषि गण मतस्य रूपी भगवान की प्रार्थना करने लगे 

भगवान से आत्मज्ञान पाकर सत्यव्रत का जीवन धन्य हो उठा। वे जीते जी ही जीवन मुक्त हो गए। प्रलय का प्रकोप शांत होने पर मत्स्य रूपी भगवान ने हयग्रीव को मारकर उससे वेद छीन लिए। भगवान ने ब्रह्माजी को पुनः वेद दे दिए। इस प्रकार भगवान ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों का उद्धार तो किया ही, साथ ही संसार के प्राणियों का भी अमित कल्याण किया।

©N S Yadav GoldMine #Heart मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile