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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Nature Quotes चाहते चाहते कब जुदा कर दिया उसने, पता भी न चला कब विदा कर दिया उसने.... बदल बदलकर लहजा,कुर्बत को भी मिटा दिया उसने, के दोगली अदा से चाहत को धत्ता बता दिया उसने.... अब उसके इश्क की छुअन भी कुछ अलहदा सी है, "शमा" की मासूम चाहत को भी वफा न दिया उसने.... #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #NatureQuotes चाहते चाहते कब जुदा कर दिया उसने,पता भी न चला कब विदा कर दिया उसने.... बदल बदलकर लहजा, कुर्बत को भी मिटा दिया उसने,के दोगली अ
Kulbhushan Arora
Happy New Year आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आज साल का पहला दिन No class today जाओ मौज करो सब आपकी छोटी*आनंदी* #yqछोटी_आनंदी_की_ बड़ी_बातें आज सब खूब मौज मनाओ, कल से करेंगे पढ़ाई.... नानू का एक पसंदीदा शेर सुनो सब रास्ता पुरपेच है और हमसफ़र कोई नहीं
chirag mittal
जी बहुत हुआ अब यू सताना बंद कीजिए!!! (Another poem by me read in caption) 👇 जी बहुत हुआ अब यू सताना बंद कीजिए नज़रें मिलाकर दिल चुराना फिर यू हस के भाग जाना जी बहुत हुआ अब यू सताना बंद कीजिए!! हमारे घर आके मम्
Rabiya Nizam
लाकडाउन वाला प्यार (In caption) अच्छा सुनो, तुम्हें याद तो है ना? पिछले साल की वो बंद दरवाज़ो के पीछे वाले कि़स्से? अरे धत्त! कुछ और मत समझो, क्योंकि वो किस्से हैं हमारी शा
Pankaj Singh Chawla
पर्किंग वाला प्यार भाग - 8 (Read in Caption) पर्किंग वाला प्यार 8 सुनो...! हां, तो मैंने पूछा था, बताओ चाय या कॉफ़ी क्या चलेगा या कुछ और जो तुम्हे पसंद है... उसने कहा - कैफे चलते है देख
Pankaj Singh Chawla
चले शॉपिंग नूं (Read in Caption) हां, जानदा वा... नहा-धो के तैयार बैठी होण्णी तू, शॉपिंग ली ता तुसी कुड़ियां, दुकान नालों पहला पहुँच जाओगी, अच्छा बाबा! बस भी करो हुन्न, इह दस
Vikas Sharma Shivaaya'
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ नमस्कार , ASTRO SARV SAMADHAN Present's महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हम ZOOM पर रात्रि 8:15 बजे से 2-3 घंटे का एक ऐसा कार्यक्रम ला रहे हैं जहाँ आप जान पाएंगे की :- बेलपत्र क्या होते हैं ? बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका बेलपत्र क्यों चढ़ाये जाते हैं ? धत्तूरा क्या होता है ! क्यों महादेव को कंद फूल फल प्रिय हैं ? महादेव को चढ़े प्रसाद को ग्रहण क्यों नहीं करते ? प्रहर क्या होते हैं ? किस प्रहर में कौनसी पूजा की जाती है ? गन्ने के रस -दूध -अक्षत -चीनी आदि क्यों भोले को अर्पण किये जाते हैं ? ॐ नाम उच्चारण ॐ नमः शिवाय उच्चारण द्वादश ज्योतिर्लिंग स्मरणम श्री रुद्राष्टकम अर्थ सहित श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम शिव गायत्री मंत्र शिव भजन एक ऐसा कार्यक्रम जहाँ आप शिव में समां जाएँ ,शिवमय हो जाएं ,आपके रोम रोम से शिव शिव शिव निकले जहाँ आप घर बैठे कैलाश -अमरनाथ एवं शिव स्थलों की ऊर्जाओं को महसूस कर पाएं तो स्वागत है ,आपका आइये और शिव नाम से अपने आपको चार्ज कीजिये नोट :- 1-सीमित स्थान ,कृपया अपनी सीटें बुक करें . 2-कृपया गर्भवती एवं पीरियड्स के समय वाली महिलाएं सम्मिलित ना हों ,क्यूंकि वो ऊर्जाएं बहुत प्रचंड होगीं ! EE:555/- Paytm:+91-Mr.Naveen Gupta,Shubh Numbers After payment, kindly share screenshot with your name,mobile number,city,& mail id. ©Vikas Sharma Shivaaya' ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ नमस्कार , ASTRO SARV SAMADHAN Present's महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हम ZOOM पर रात्रि 8:15 बजे से 2-3 घ
Dilkash Wakeel
~ चलो घास की एक छतरी बुने... हरी हरी घाँस। कुछ छोटे छोटे फूलो वाली घाँस ! छतरी की डंडी हो इस छोटे से गुलाब के पौधे की जो इस समय यहाँ पर उगा है, घाँस की छतरी, गुलाब की टहनी की डंडी वाली । जिसे जब भी मै ऊपर तान कर चलू, मकानो के छज्जो पे खड़े लोग ईर्ष्या करे इससे क्यूंकि उनके पास जो नहीं। काश ये घाँस, कभी न सूखे, गुलाब की टहनी हमेशा हरी रहे. और वो छोटे छोटे फूल कभी न झड़े कितना अच्छा हो अगर ऐसा हो तो पर इतना कुछ सोचने पर मन में आनंद और दुःख भरी व्यग्रता समान मात्रा में क्यूँ आ रही है ? विचार आता है की "काश मुझे ये करना ही ना पड़ता, क्यू बनाई मैंने घाँस की छतरी ? और क्यूँ आशावान हुँ ? कि ये कभी ना सूखे। बताऊ क्यूँ ? समय रहते अगर मैंने उस जगह से घाँस और पौधे ना हटाये होते, तो रौंद दिये जाते, बड़ी बेदर्दी से। बेदर्दी ? मन ने कहा, पौधों को दर्द थोड़े ना होता है ! फिर हँसा वो ! मन तो किया की बताऊ, मन को क्या .. ..... More in caption ~ शहज़ाद अख्तर वकील #yqbaba ..... .... मन तो किया की बताऊ, मन को क्या होता है दर्द ! आज उसी जगह पर एक गगनचुम्बी इमारत है, जिसके नीचे से, जब भी मै अपनी घाँस क
A NEW DAWN
लाकडाउन वाला प्यार (In caption) अच्छा सुनो, तुम्हें याद तो है ना? पिछले साल की वो बंद दरवाज़ो के पीछे वाले कि़स्से? अरे धत्त! कुछ और मत समझो, क्योंकि वो किस्से हैं हमारी शा