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NRKK . Narendra
White ये शाम ये धुआं और ये खुली फिजा । क्या क्या नहीं है मेरे पास जो तू दे साथ मेरा तो समेट के तुझे तोहफे में दे दूं। ©NRKK . Narendra #Night तेरा इश्क
Ashutosh Mishra
White तू और तेरी यादें तू कहता था ना,,तेरा शहर तुझे सबसे प्यारा है आ,,देख ये कैसे सिसक सिसक कर रो रहा है। नहीं रही वो पहले सी चहल पहल उदास हो गया है एक के बाद एक ना जाने कितना दर्द सहा है। बड़ी बेरहमी से लूटा है लुटेरों ने इसकी आबरु को दर्द से कराह भी नही सकता,,दहशत में जी रहा है। कभी,,लगता था भाईचारे का मेला जहां इंसानियत वहीं तार तार हो रही है। सभी सामर्थवान सामर्थ की गंगा में हाथ धो रहें है असमर्थवान उनकी बनाई चक्की में पिस रहें है। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #City तू कहता था ना,,तेरा शहर तुझे सबसे प्यारा है आ,,देख कैसे सिसक सिसक कर रो रहा है। #शहर #तू_और_तेरी_यादें #दहशत #बेआबरू Babli BhatiBa
Yogesh Goswami
White जिसके माथे की बिंदी है इंतजार ।उसी का इंतजार कर रहा हूं। कहा था कि लौटेंगे अगले माह तक।ऐसा क्यूं लग रहा है बरसों से उसी का इंतजार कर रहा हूं। ©Yogesh Goswami #Night तेरा ही इंतजार है
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
Sethi Ji
White 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 दिल का कसूर , इश्क़ हुआ जरूर 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 दिल का क्या कसूर होता हैं वोह अपने हालातों के सामने मजबूर होता हैं जो लिखते हैं आज कल बेवफाई के बारे में उनको भी एक बार इश्क़ जरूर होता हैं जब उड़ जाता हैं पंछी तोड़ कर अपना पिंजरा वोही आगे जा कर अपने हुनर के दम पर मशहूर होता हैं क्या कीमत लगाएं अपने जज़्बातों की दोस्तों जब हमारा दिल हर वक़्त बेक़सूर होता हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 ©Sethi Ji 💞💞 इश्क़ का सवाल 💞💞 💞💞 इश्क़ का ख्याल 💞💞 दिल में सवाल , आँखों में ख्याल रखता हूँ अपने ख्वाबों में भी तेरा इश्क़ बेमिसाल रखता हूँ ।। तुम चली
शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन )
नाम मुख पर छवि नयन में अंतस में तुम्हें बसाना है, जग का नहीं बस तेरा होकर मुझे जीना है ©शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) तेरा होकर #sheetalchoudhary #मेरेशब्दसंकलन #कृष्णा #Love #प्रेम प्रज्ञा Muna Uncle Mili Saha Manish Thakur Lalit Saxena अदनासा- sana naaz
Anuj Ray
White स्वागत है ज़िन्दगी तेरा" किरणों सा रूप सुनहरा लेकर, और मुस्कान मोतियों सी भरकर। पायल की छम छम करते आना, मेरे जीवन में सुस्वागत है ज़िन्दगी तेरा। ©Anuj Ray # स्वागत है जिंदगी तेरा"
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,