Find the Latest Status about गर्मियों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गर्मियों.
BANDHETIYA OFFICIAL
धुंध की बात जहां तक है, शीतलहरी का सबब तो लू की भी वजह है, छंट जाना इसका रास्ता ही नहीं, मौसम भी साफ करे, मिजाज गर्मी से ऊबके, आंखें सिंक जायं - कलेजे का ठंडापन तो महसूस करें , गर्मियां कब नहीं हैं-- जवानी,दौलत, बदमिजाजी । ©BANDHETIYA OFFICIAL गर्मियों वाले दिन-रात! #Suicide
khusi
गर्मियों के दिन। वह भी क्या दिन हुआ करते थे, जबहम सभी एक साथ घर पर रहा करते थे ।आज भी साथ रहते हैं मगर अब वह वाली बात नहीं रही है गर्मियों में ।आज भी गर्मी आती है मगर पहले जैसी यादें दे कर नहीं जाती। बात उस समय की है जब हम छोटे हुआ करते थे । उतनी ज्यादा समझ ना थी ,ना थोड़ी सी भी कुछ ख्वाहिशें थी। एक साथ सारा परिवार गर्मियों की रात छत पर बिताता था ।एक साथ सब छत पर लेटे रहते प्यार से पापा मम्मी के पास बैठे रहते , और एक टक तारे को देखकर कहां करते हैं ,कि यह कितना दूर है? काश उसे हम छु पाते ? हमेशा सोचते की काश इतनी दूर पहुंच पाते और अब देखो भूल गए है वो सारी बातें। अब सब बड़े हो गए हैं अपने अपने दुनिया मै खो गए हैं । पास रहने का मौका ही नहीं मिलता सब अपने अपने मोबाइल फोन में बिजी हो गए है ।भूल गए है वह खट्टी मीठी सारी यादें ।धुंधली पड़ी हुई है कहीं वह सारी यादें। आज भी जब ऊपर आसमां को देखती हूं, याद करती हूं वह बचपन जहां एक साथ अपने भाई बहन के साथ बैठ करती थी ।जो सबसे ज्यादा हवाई जहाज देखेगा ओर दिखाएगा वह आज का विजेता कहलाएगा।यह सारी बाते ना जाने कहां खो गई है। यह उन दिनों की बात है जब हम छोटे हुआ करते थे ना कोई फोन था , ना कोई अपना सीक्रेट था। सब एक साथ मिलजुल कर हंसा करते थे। यह बात उन दिनों की है, जब हम छोटे हुआ करते थे। अब याद आते हैं वह दिन गर्मियों के। #गर्मियों के दिन#yosto wrimo#
Divyanshu Pathak
ककड़ी तरबूजों के खेतों में हम छुप कर सेंध लगाते थे । खट्टी मीठी अमियां बेख़ौफ़ तोड़ कर लाते थे । रखवाली करने बाले जब हमें पकड़ने आते थे । दिखा अंगूठा हम भगते पर हाथ न उनके आते थे । रोज शाम सोने से पहले बडी शिकायत होती थी । फिर अपनी सेवा भी ढंग से घर डंडे से होती थी । गर्मियों की यादें.....☺😊