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sandy
❤️✍️ हुरहुर आज ती घरात एकटीच होती. आई वडील एका लग्नाला गेले होते. त्यात तिच्या मैत्रिणी देखील घरातील कुठल्या कामात बिझी होत्या. एकटेपणा ख
SUDHIR PANPATIL
पाहिले होते मी, तिचे हुंदके डोळ्यात... जे अडकून राहिले, होते तिच्या गळ्यात... ©SUDHIR PANPATIL #कंठ #Nojoto
yogesh atmaram ambawale
दाटून कंठ हा येतो.. जेव्हा कुणी दुरावतो. प्रसंग सुखद असो वा दुःखद, नयनी मात्र अश्रू आणतो. आठवणी सोबत राहतात.. व्यक्ती मात्र दुरावतात, दुरावल्याची जेव्हा जाणीव होते दाटुनी कंठ येतो नि मन भरून येते. शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे दाटून कंठ हा येतो... #दाटूनकंठहायेतो हा विषय Mahesh Suryawanshi यांचा आहे.
Anupam Tripathi
Trust me "स्वार्थ्य में तृष्णा मिलाकर, व्यवस्था को पिलाईये। कुटिलता औ' महत्वाकांक्षा, फ़टे तक मिलाईये।। आचरण संदिग्ध हो तो और बेहतर, का़नून के क़प में अनुशासन हिलाईये। बे-शर्मी ओढ़ लें ---- जनमत की सेज़ पर, अब आप तैयार हैं --- सत्ता--सुख़ पाईये।।" : अनुपम त्रिपाठी @मुक्त कंठ अम्बर !
Anupam Tripathi
इक इबादत की तरह, हम तो प्यार करते हैं। हो न रूसवा 'वो' कहीं, बार--बार डरते हैं।। वो तमन्ना है--तआर्रूफ़ है--तजु़र्बा 'अनुपम'। वो करे -- न भी करे, हम ऐतबार करते हैं।। : 'अनुपम' त्रिपाठी @मुक्त कंठ अम्बर !
Anupam Tripathi
"आँखें : मन की जु़बान होती हैं, तीर होती हैं -- क़मान होती हैं। दुश्मनों के लिए किसी खंज़र से क़म नहीं, दोस्तों की खा़तिर सलाम होती हैं।। इन्हीं आँखों में समाए हैं तूफाँ के नजा़रे, इन्हीं में बहती है सदा दर्द की नदी। इन आँखों ने रची कई दास्तां 'अनुपम', ये आँखें ! बे--जुबान होती हैं।।" : अनुपम त्रिपाठी @मुक्त कंठ अम्बर !
Anupam Tripathi
जन्म और मृत्यु तटबन्धों के, मध्य ये जीवन--धार है। साँस का रेला -- समय का खेला, कर्मों की पतवार है।। जितना जो भी डूबा इसमें, उतना उसने पार किया है। 'अनुपम' जिसने हिम्मत हारी, वो आर है -- न -- पार है।। #मुक्त कंठ अम्बर!
ek_ahe_kavi
ढग दाटून यावे या धरतीने बाहूत घ्यावे
Anupam Tripathi
Travel आज लो सारे फ़साने आपको मैं सौंपता हूँ। फि़र भी खा़ली हूँ कहाँ मैं? दर्द को जब रोपता हूँ।। टीस की नवबेल में फि़र याद के फ़ल जब लगेंगे। फि़र कहीं पर मैं मिलूँगा-- आप होंगे सोचता हूँ।। , : अनुपम त्रिपाठी @anupamtripathi " मुक्त कंठ अम्बर "