Find the Latest Status about पलडा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पलडा.
Anuradha Vishwakarma
ओर फिर मेरी प्रेम कहानी का ये अंत हुआ, मेरा दिल नही दहेज का पलडा भारी हुआ.. ओर फिर मेरी प्रेम कहानी का ये अंत हुआ, मेरा दिल नही दहेज का पलडा भारी हुआ..
*: ℘ཞıყąŋʂɧų ʂɧąཞɱą :*
तेरी जिंदगी का पलडा यूं ही बदल जाएगा काबिल होते ही तू इंसानियत भूल जाएगा चिंगारी-चिंगारी तो धधकती थी तेरे सीने में अंगार सी शोला सोच खुद ये चट्टान से जा टकराएगा यूँही रहा अगर तू खुद से घमंड और शान से कर बहार में खुद को समेट तू यूँही बिखर जायगा काबिल होते ही तू इंसानियत भूल जायगा फिर टूट जायगा गुमान कांच के टुकड़ों में सिमटकर पर वो भी आईना तुझे तुझे तेरी सूरत दिखलायेगा यह जो वहम है तेरा जितना उपर जायगा उस ऊंचाई से फिर तारा बन टूट बिखर जायगा सोचता क्या था चंद किताबों को पढ़ - ज्ञानी बन जायगा कुछ पल मौन बैठ - ध्यानी बन जायगा सोचे इससे परे की पस भरे दान से तू - दानी बन जायगा घमंड जितना करेगा उतना तू शाम सा ढ़ल जायगा काबिल होते ही तू इंसानियत भूल जायगा ©Priyanshu Sharma तेरी जिंदगी का पलडा यूं ही बदल जाएगा काबिल होते ही तू इंसानियत भूल जाएगा चिंगारी-चिंगारी तो धधकती थी तेरे सीने में अंगार सी शोला सोच
JALAJ KUMAR RATHOUR
दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, रोशन है सारा जहाँ ,पर रात हमारी काली है, न दियो का साथ ,न ही पूजा की थाली है, जनाब घर से दूर, ये हमारी पहली दिवाली है, ... #जलज कुमार राठौर 🕉शुभ दीपावली🕉 वो बचपन वो गलियाँ सब ख्वाव सा लगता है, वो सुतली वाला बॉम्ब अब कहाँ हमसे सुलगता है, वो ईगल के पटाखे और फुल झडी सब याद आता है, पर जिंदगी की
ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
Upendra Dubey
लाखों की लागत से बना सामुदायिक भवन हुआ खंडहर। सिंगरौली जिले के गनियारी वार्ड क्रमांक 41 में स्थित सामुदायिक भवन की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है, लाखों रुपए की लागत से बनाए गए इस भवन में कार्यक्रम तो दूर इसकी सफाई और रखरखाव भी नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है। पैसों की बर्बादी को दर्शाता यह भवन अब खंडहर में तब्दील होने लगा है इस पर जनप्रतिनिधि व अधिकारी ध्यान देने की बजाए अन्यत्र ही कारण बताकर इसकी देखरेख से पलडा झाड़ रहे है। यह भवन अब खंडहर में तब्दील होने लगा है आम लोगों व आसपास के रहवासियों को शादी विवाह एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए उक्त भवन का निर्माण कराया था। 12 साल पूर्व बने इस भवन में सिर्फ सरकारी कार्य जैसे कभी गल्ला गोदाम तो कभी खाद्य गोदाम के लिए ही उपयोग किया गया है। इसके लिए अतिरिक्त किसी निजी आयोजन के लिए इसका कभी भी उपयोग नहीं किया गया।नगर निगम की उदासीन रवैये के कारण भवन के खिड़की, दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही भवन में नहीं बिजली है नहीं पानी की व्यवस्था बनाई गई हैं भवन के प्रसाधनों को हाल भी बद से बदतर है, जहां कई महिनों से सफाई नहीं कराई गई है। जिससे कारण प्रसाधनों में गदंगी का अंबार लगा हुआ है।समय रहते अगर इसका जीर्णोद्धार हो जाएगा तो इसका सीधा फायदा गरीब जनता को मिलेगा ©Upendra Dubey लाखों की लागत से बना सामुदायिक भवन हुआ खंडहर। सिंगरौली जिले के गनियारी वार्ड क्रमांक 41 में स्थित सामुदायिक भवन की स्थिति बद से बद्तर होती
JALAJ KUMAR RATHOUR
आओ दीप जलायें दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, रोशन है सारा जहाँ पर, रात हमारी काली है, न दियो का साथ है ,न ही पूजा की थाली है, जनाब घर से दूर ये हमारी पहली दिवाली है, वो बचपन वो गलियाँ सब ख्वाव सा लगता है, वो सुतली वाला बॉम्ब अब कहाँ हमसे सुलगता है, वो ईगल के पटाखे और फुल झडी सब याद आता है, पर जिंदगी की तराजू मे, अब भी मेरी यादो का पलडा भारी है, जनाब घर से दूर ये हमारी पहली दिवाली है, वो खीले, वो गट्टे, वो मिठाईयाँ और मोहल्ले भर में सट्टे, वो मोम के बांट, घर वालो की डांट , वो जगमगाती रात सब याद आता है, लाइट्स लगाते वक़्त दो चार तो बिजली के झटके तो हर कोई खाता है मगर फिर भी घर को सजाने की रहती खुमारी है साहब घर से दूर, हमारी ये पहली दिवाली है, पर्वा पर ज्यादा पढ़ने की अफवाह अब तक जारी है भाई दौज की यादे लगती अब पुरानी है ख्वाव सभी लगते अब हमको बेमानी है साहब घर से दूर, हमारी ये पहली दिवाली है, जाने अनजानो का संदेश आता है , किसी से बात करने का मौका मिल जाता है, तो कोई लाइट्स के दरमियाँ खिची तस्वीरों मे सुकून पाता है, त्योहार ये चेहरे पर लाता हर शख़्स के खुशहाली, है साहब घर से दूर, हमारी ये पहली दिवाली है, .... #जलज कुमार राठौर 🕉शुभ दीपावली🕉 दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, रोशन है सारा जहाँ पर, रात हमारी काली है, न दियो का साथ है ,न ही पूजा की थाली है, जनाब घर से दूर ये हमा
Asha Giri
क्यों औरते अपनी उम्र के किसी मोड़ पर "बागी" हो जाती है। हम सभी ने नारियों के विषय में कईं लेख पढे। देखा, सुना और जाना कैसे नारियों का शोषण होता है। न वो अपने मायके की रहती है और न ससुराल की। हर जग
Rashmi Hule
#TheCountdown #YoStoWriMo #ShortStory Read in caption ⬇️ बॉक्स पॅकिंग चल रहीं थी समान जाना था . वर्कर्स कहा से आते लाॅकडाउन में, तो पापा सामान भर रहे थे निना ब्राऊन टेप लगा रही थी. छोटा भाई नंबर्स