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Sethi Ji

💞💞 इश्क़ का सवाल 💞💞 💞💞 इश्क़ का ख्याल 💞💞 दिल में सवाल , आँखों में ख्याल रखता हूँ अपने ख्वाबों में भी तेरा इश्क़ बेमिसाल रखता हूँ ।। तुम चली

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єηмσηтισηѕ

हुस्न ए चाल love #Relationship #शायरी

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Praveen Jain "पल्लव"

#Emotional जब चाल चलन दुनियाँ का देखा #nojotohindi #कविता

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koko_ki_shayri

#Dhudh रहे hAi इसी चाल में...😍 #कोट्स

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Rohit Lala

एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे #Motivational

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं #शायरी

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Village Life ग़ज़ल :-
रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है ।
अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१
नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर ।
चलूँ अब चाल मैं उनकी की चाहत का महीना है ।।२
चुनावी हो रहे दंगल गली घर में लगे पर्चे ।
करो मतदान तुम बस अब सियासत का महीना है ।।३
लड़ेगी आँख तेरी भी किसी दिन तो हसीनों से ।
जिगर तू थाम लेना बस मुहब्बत का महीना है ।।४
अभी आयी जवानी है सँभलकर तुम जरा चलना ।
कदम बलखा न जाये अब नज़ाकत का महीना है ।।५
खिले जो फूल गुलशन में उन्हें कच्ची कली मानों
भँवर को भी बता दो अब हिफ़ाज़त का महीना है ।।६
प्रखर से सीख लो कुछ इल्म झूठी इन रिवायतों के ।
बता देगा तुम्हें वो भी तिज़ारत का महीना है ।।७
२८/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है ।
अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१
नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर ।
चलूँ अब चाल मैं

Bulbul varshney

#samay वक्त भी अपनी चाल चलता है। #शायरी

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

माहिया/टप्पा छन्द दुनिया दुखयारी है पाँव पडूँ गिरधर  यह पीर हमारी है । #कविता

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माहिया/टप्पा छन्द
दुनिया दुखयारी है
पाँव पडूँ गिरधर 
यह पीर हमारी है ।।
पढ़कर दौड़े आना 
पाती हूँ लिखती
अब छूट गया दाना ।।
चाल चलूँ मतवाली 
देखो तुम साजन
हो अधरो पे लाली ।।
पट आज उठा लेना
बाते करने को
ढ़ल जाये जब रैना ।।
क्या प्रीति बिना फागुन
भायेगा मुझको
कुछ आकर कर अवगुन ।
२०/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR माहिया/टप्पा छन्द


दुनिया दुखयारी है

पाँव पडूँ गिरधर 

यह पीर हमारी है ।

N S Yadav GoldMine

#mahashivaratri इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर #पौराणिककथा

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का #कविता

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घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल ।
छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।।

लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल ।
आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।।

आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल ।
हे राधा छू लेन दो , यही  नन्द के लाल ।।

हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल ।
मैं कोई नादान हूँ ,  सब समझूँ मैं चाल ।।

भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल ।
तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।।
रिश्ता :-
रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल ।
छुपा किसी से है नही ,  हम दोनो का हाल ।।

रिश्ते की बुनियाद है ,  अटल हमारी प्रीति ।
क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।।

रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप ।
मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।।

रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल ।
लेकिन उनमें आज कुछ ,  बनकर चुभते शूल ।।

एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान ।
जिनका रिश्ता ये जगत  , जोड़ गया भगवान ।।

रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार ।
मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।।

०७/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल ।

छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।।


लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल ।

आज तुम्हारी चाल का
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