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Ashish Prajapati

स्वाभाविक #विचार

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Bhavik Shrimali

#स्वाभाविक सत्य

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जिसका मन मस्त है #स्वाभाविक ही उसके पास समस्त है...
शुभप्रभात.... #स्वाभाविक सत्य

#Seema.k*_-sailent_*write@

प्रकृति प्रकृति #शायरी

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फूलों को क्या मालूम कि
कब कौन आकर उसे 
उसकी उम्मीद (टहनी) से 
दूर कर देगा।
वह तो यूंही हवाओं 
संग खेला करते हैं!

©seema kapoor प्रकृति

प्रकृति

Dilip Kumar

#इंसान का बदलना स्वाभाविक है #ज़िन्दगी

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Shashank Rastogi

एक रात जागा में
मैंने देख लिया सवेरा
प्रकृति की गोद में ही तो है
जन्नत का बसेरा प्रकृति

#प्रकृति #सवेरा #रात #जन्नत

writer0698

बहार -ए-प्रकृति #प्रकृति Photo #nojotophoto

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 बहार -ए-प्रकृति 
#प्रकृति #NojotoPhoto

Swati Rai

प्रकृति और स्त्री... #स्त्री #प्रकृति #विचार

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 प्रकृति और स्त्री...

#स्त्री #प्रकृति

Amit Gupta

प्रकृति प्रेम @ प्रकृति की तपन

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ये धूप, तू मान मेरी 

ये धूप, तेरा यूं नित्य बढ़ना लाजमी है मानता हूं मैं,
तेरी तपन तुझको मानवों ने ही दिए, जानता हूं मैं
पर क्या तू भी बन जाओगी निर्मोही और निष्ठुर 
तू मान मेरी, कर दे ऐसी सभी नाराजगी तू दूर  
मेरी सुन, खामोखां तू दिन-ब-दिन बढ़ रही है
तेरी तपन से पिघल जाए ऐसा कोई दिल नहीं है । 
आकांक्षाओं कि परिसिमा लांघते गए ओ इस कदर 
पेड़ काटे, पर्वत - पहाड़ तोड़े, और न जाने क्या-क्या किए
दर्द तेरी समझता हूं, ऐसे ही नहीं ढा रही तू ये कहर 
पर तुझसे से तो हमने ना कभी ऐसी उम्मीद किए 
मेरी सुन, खामोखां तू दिन-ब-दिन बढ़ रही है
तेरी तपन से पिघल जाए ऐसा कोई दिल नहीं है । 
अच्छे, बुरे, लोभी, लालची, मतलबी चाहे जैसे भी 
आखिर ये भी तो तेरे संग ही रहते, तू रखे चाहे जैसे भी 
मान जा, तू जिद न कर, बढ़ तू पर न इस तरह
देख, प्रकृति प्रेमियों के भी आंसू बने पसीने कि तरह
मेरी सुन, खामोखां तू दिन-ब-दिन बढ़ रही है
तेरी तपन से पिघल जाए ऐसा कोई दिल नहीं है ।
नन्हे बच्चों की अभी छुट्टियां भी तो नहीं हुई 
तेरी तपन उन्हें तड़पाती है, न जाऊंगा स्कूल, कहलवाती है
ये भविष्य कल के, पढ़ कर समझेंगे तेरी वेदना को 
तू भी तो समझ बागों से दूर होते इनकी संवेदना को 
मेरी सुन, खामोखां तू दिन-ब-दिन बढ़ रही है
तेरी तपन से पिघल जाए ऐसा कोई दिल नहीं है । प्रकृति प्रेम @ प्रकृति की तपन

Drjagriti

ANSARI ANSARI

प्रकृति। #विचार

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