Find the Latest Status about धुनी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धुनी.
somnath gawade
वारंवार उणी-धुनी काढणाऱ्यांना धुनी-भांडयाच्या कामाला लावले पाहिजे. #उणी-धुनी
Di Pi Ka
वो जो अपना नहीं था! वो जो अपनेपन की बातें अच्छी करता था| वो जो गैर था! मुझे अपने आप से ज्यादा अपना लगता था| वो जो कोसों दूर था! होता जो मेरे हर वक़्त में सुकून सा होता था| वो जो था! अगर वो थोड़ा भी मुझमें में होता! तो आज वो होता पर मुझमें शायद मेरा 'मैं' नहीं होता! वो कितना अच्छा होता! ©Di Pi Ka ना जाने ये धुनी क्यों गुनगुनाती है हम राम कहते है उन्हें मरा सुनाई जाती हैं! #dryleaf
SK Singhania
फ़कीर बन कर तुम उनके दर पर हजार धुनी रामा के बैठो.! जबीं के लिखे को क्या करोगे जबीं का लिखा मिटा के देखो.! #Skg ©SK Singhania #City फ़कीर बन कर तुम उनके दर पर हजार धुनी रामा के बैठो.! जबीं के लिखे को क्या करोगे जबीं का लिखा मिटा के देखो.! #SKG
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
धूप कहीं नही छाया है माह दिसम्बर आया है, स्वेत रंग है अम्बर पे शीत का मौसम लाया है, लगन लगी है अंगारो की धुनी जैसे माया है धूप कहीं नही छाया है माह दिसम्बर आया है, महेन्द्र सिंह चौहान ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR धूप कहीं नही छाया है माह दिसम्बर आया है, स्वेत रंग है अम्बर पे शीत का मौसम लाया है, लगन लगी है अंगारो की धुनी जैसे माया है धूप कहीं नही छाय
रजनीश "स्वच्छंद"
क्या क्या है किया हमने देखो।। क्या राह चुनी हमने देखो, कब किसकी सुनी हमने देखे। कहने वाले बहुत मिले पर, बस गर्दन धुनी हमने देखो। हर माली कुछ तो कहता था, तकलीफ बुनी हमने देखो। कुछ अपने थे कुछ कह के गए, क्या बात सुनी हमने देखो। ज्ञान की भाषा सबने कही पर, माना खुद को गुनी हमने देखो। हर पाप किये मैं बैठा था, कह खुद को मुनि हमने देखो। मज़हब का ठेकेदार रहा, बता खुद को पुणी हमने देखो। हर राग में नुक्स निकाला था, रमाये बैठ धुनी हमने देखो। अब रो रो आंख भिंगोते हैं, जीवन कर ली सूनी हमने देखो। ©रजनीश "स्वछंद" क्या क्या है किया हमने देखो।। क्या राह चुनी हमने देखो, कब किसकी सुनी हमने देखे। कहने वाले बहुत मिले पर, बस गर्दन धुनी हमने देखो।
Shree
शब्दों की धनी प्रेम की धुनी हर रुप गुणी ज्यों साझात मां सरस्वती। भली भोली मिश्री सी मीठी सरल सलोनी आंखों में भरे ज़माने की कहानी। कभी सहेली कभी पहेली कभी लगीं अकेली कभी भीड़ में बेबाक गुनगुनाती। वक्त के परे आप हो रुपाली, फूलों लदी डाली चमकती निगाहें जी, मुस्कान जग हारी। अनंत प्रेम के साथ ❣️ शब्दों की धनी प्रेम की धुनी हर रुप गुणी ज्यों साझात मां सरस्वती।
Vandana
सुप्रभात,, ऐ सुबह तू मेरी सांसो में महक रही है,,, ऐ सुबह तू मुझ में चहक रही है,,, ऐ सुबह तू मुझे आंखों से आकर्षित कर रही है,,,, बादलों से भरे आसमां मे
Pnkj Dixit
🌷 अभिलाषा 🌷 मन मोहक छवि प्यारी-प्यारी, कली के जैसी तुझमें यौवनता । पूर्णिमा शशि-सा धवल रूप, छुई-मुई - सी तुझमें कोमलता ।। उठती गिरती गंगा की लहरों ने, तुम से ही पाई नवयौवन धारा । उदास निराश मन हृदय में , तुम भर देती पूनम उजियारा ।। कोयल ने तुमसे सीखा होगा पंचम सुर में गाना । नवेली वधु ने सीखा है तुमसे , धीरे - धीरे शर्माना ।। तुम से ही मिला हिरनी की आंखों को काजल । तुम्हारी रसभरी वाणी से तैरते अंबर में बादल ।। जब अलक खोलकर लहराती हो , तब पवन झूम - झूम कर आता है । जब अलसाई अंगड़ाइयाँ लेती हो मधुमास बसंत वहीं रुक जाता है ।। झुक कर उठती पलकों में नक्षत्र सारे उतरकर आते है। तुम्हारी चाल देख कर ही मृगी - मयूर भी शरमाते है ।। जब मंद - मंद मुस्काती हो कमल - दल खिल जाते हैं । सुनकर के तुम्हारी हंसी भंवरे गुंजन करने आते हैं ।। उपवन में हिल-मिल सारे अनुपम प्रेम राग सुनाते हैं ।। अंग-अंग की मादकता से खेतों में सरसों लहराई है । छू कर तन तेरा पवन बावरी, प्रेम दूतिका प्रीत संदेशा लाई है ।। अहसास तुम्हारा ही पाकर, मन में जागी है जिज्ञासा । जीवन संगिनी बनकर आओ यही हृदय की अभिलाषा ।। कोटिक रति का सौंदर्य हरती ,मन मोहिनी प्यारी - प्यारी । अबके बरस कमल आँगन महकाओ ओ प्रियतमा प्यारी।। सुन कर कमल हृदय की पुकार ,मोहिनी लजाई शर्मायी । मन मन्दिर में कमल देव बिठाकर,कमल प्रीत धुनी रमायी।। २०/०९/२०१८ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 अभिलाषा 🌷 मन मोहक छवि प्यारी-प्यारी, कली के जैसी तुझमें यौवनता । पूर्णिमा शशि-सा धवल रूप, छुई-मुई - सी तुझमें कोमलता ।। उठती गिरती गंगा
Anamika Nautiyal
चाँद की बातें... सुनो चाँद तुम खुद पर इतना क्यों इतराते हो ? किस कहानी का नायक तुम खुद को बताते हो? क्या रहस्य है चेहरे पर सजी हुई मुस्कान का? जा