Find the Best रात्रिख़्याल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Anamika Nautiyal
चाँद की बातें... सुनो चाँद तुम खुद पर इतना क्यों इतराते हो ? किस कहानी का नायक तुम खुद को बताते हो? क्या रहस्य है चेहरे पर सजी हुई मुस्कान का? जानूँ क्या क्या भेद है तुम्हारे इस अभिमान का? क्या है बात वह जो तुम्हें विशिष्ट बनाती है? क्यों ये सारी दुनिया तुम्हारे ही गुण गाती है ?
Anamika Nautiyal
'तू' ,'तुम' से आगे 'आप' कहे जा रहे हो, लगता है हमसे बहुत दूर जा रहे हो । #shayriwayri 😐 #रात्रिख़्याल
Anamika Nautiyal
जीव विज्ञानियों ने हृदय की स्थिति के विषय में जो धारणा बनाई है मेरे ख़्याल से उसे गलत करार दिया जाना चाहिए... क्योकि उसने जब मेरी हथेलियों को स्पर्श किया तो मेरे हाथों में भी हृदय उग आया था अँगुलियाँ स्पंदन कर रही थी और सारा हाथ हृदय बन गया था उसके और मेरे हाथों से प्रेम का दो आत्माओं के मध्य संचार हो रहा था। इसीलिए कहते हैं हृदय का आकार बंद मुठ्ठी के जैसा है। #अनाम_ख़्याल 😐 #रात्रिख़्याल 😴 #हाथों_में_हृदय
Anamika Nautiyal
यादों की सीढ़ियाँ लेकर ख्वाबों के छत पर चढ़कर बार बार तुम्हें निहारना कितना प्यारा लगता है दिल को भी तसल्ली है कि यहाँ तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है वैसे ही जैसे; खुशबू का फूल पर, पंछियों का पेड़ों पर यहाँ कोई सलाखें ना कोई खिड़की है बस तुम मैं आसमाँ और मेरे बचकाने ख़याल। PC - my sis ❣️ #latenightthoughts #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल
Anamika Nautiyal
तुम्हारे बारे में सोचते हुए मैंने तुमसे ज्यादा खुद को पाया था तुम मेरे और मेरी अंतरात्मा के बीच पुल का कार्य करती रही तुमने सदैव मुझे विस्तार दिया वह आसमान उपलब्ध कराया जो मुझे चाहिए था
Anamika Nautiyal
वो झोपड़ी... ऊँची नीची पहाड़ियाँ जो हर मौसम में अडिग रहती हैं मानो प्रकृति ने इन्हें प्रहरी के रूप में तैनात किया हो ।कोई हरी तो कोई सफेद चादर ओढ़े हुए। उन पर देवदार चीड़ और न जाने कितने औषधीय गुणों के पेड़ पौधे ऐसे ही टाँके गए हैं जैसे सुहागन की चुनरी पर सितारे..पहाड़ियों से बहती हुई नदियाँ और झरने जैसे चुनरी से निकलते हुए धागे। उन्हीं पहाड़ों की तलहटी पर बसा हुआ था एक छोटा सा गाँव...एक सामान्य गाँव की तरह उसकी भी एक दिनचर्या थी बस भौगोलिक परिस्थितियाँ होने से थोड़ी सी भिन्न थी। खेती और उससे जुड़े कामका
Anamika Nautiyal
सिंक में रखे हुए आख़िरी झूठे प्याले के साथ सब्ज़ी कौन सी बने इस उधेड़बुन में फूलती रोटियों के बीच धीमी कभी तेज आँच पर स्वेटर पर ऊन से लेटेस्ट डिजाइन बनाते हुए कभी उलझे केशों को सँवारते हुए कभी जूडे़ में ही बंधे हुए घूँघट को सिर पर सरकाते दबे मुँह की बातें गालों पर अँगुलियों के निशान छुपाते इन्ही सबके बीच कहीं ना कहीं से जन्म ले ही लेती है गृहिणियों की कविता!! विद्रोही कविता #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #गृहिणी #कविता
Anamika Nautiyal
बिस्तर की सिलवटों में गुम हैं कुछ ख़्वाब कुछ प्रकाश को तलाशते तो कुछ ठोकरों से हारे कुछ अलसाये से वहीं तकिए पर उल्टा मुँह करे बेसुध पड़ा है मन जिद्दी है बहुत पर कल मान जाएगा इसी आस में सिलवटों से चुन-चुन कर हथेली में रख रही हूँ सारे ख़्वाब फूँक मारकर उड़ाने के लिए देखना वो टूटे ख़्वाब जुगनु बन सारी रात चमकेगें और सुबह फिर सूरज की किरणों के साथ नया जन्म लेकर आयेगें मेरे जीवन को प्रकाशमान करने के लिए!! बिस्तर की सिलवटों, हैं दिल की सब ख़राशें... #बिस्तरकीसिलवटें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #latenightthoughtbazaar
Anamika Nautiyal
बूढ़ी कविता... थोड़ा लिख कर फिर डब्बे में बंद कर किसी कोठरी में रख दी जाती है कविता जैसे ब्याह में पहनी हुई साड़ी। उसे बंधन पसंद नहीं वो अकुलाती है वो तो स्वतंत्रता चाहती है
Anamika Nautiyal
हवा देकर चिंगारी को सारे शहर में किसने ये आग लगाई है, बात ज़रा सी की तो थी जाने किसने राई का पहाड़ बनाई है। झूठी अफ़वाहें उड़ती रहती है इन पर भला किसका जोर अब , आज तुझसे कल किसी और से होगी मेरी ये खोखली लड़ाई है। मैं तो अदना सा इंसान था फिर किसने बातों में उलझा दिया, याद नहीं कब किसने और क्यों ये ज़हर भरी हुई बातें सिखाई है। मेरे सीने में जलती आग पता नहीं कब दूसरों का घर जला गई , उसी जलती-बुझती राख पर मैंने अपने सपनों की सेज सजाई है। #rzmph #rzmph68 #latenightthoughtbazaar #रात्रिख़्याल