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Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ शब्द-शिल्पी, साहित्य की अनेक विधाओं के मूर्धन्य विद्वान, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से वैश्विक साहित्य जगत में हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयां दिलाने वाले महान साहित्यकार एवं युग प्रवर्तक लेखक जयशंकर प्रसाद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास में इनके कृतित्व का गौरव अक्षुण्ण है। 🙏💐प्रसाद जी को कोटि-कोटि नमन💐🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ शब्द-शिल्पी, साहित्य की अनेक विधाओं के मूर्धन्य विद्वान, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से वैश्विक साहित्य जगत में हिंदी साह
Meri Diary Vs❤❤ शब्द-शिल्पी, साहित्य की अनेक विधाओं के मूर्धन्य विद्वान, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से वैश्विक साहित्य जगत में हिंदी साह #yourquote #yqbaba #yqdidi #YourQuotes #yqquotes #yourquotedidi #jaishankarprasad #vs❤❤
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अद्भुत शब्द-शिल्पी, साहित्य की अनेक विधाओं के मूर्धन्य विद्वान, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से वैश्विक साहित्य जगत में हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयां दिलाने वाले महान साहित्यकार एवं युग प्रवर्तक लेखक जयशंकर प्रसाद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास में इनके कृतित्व का गौरव अक्षुण्ण है। 🙏💐प्रसाद जी को कोटि-कोटि नमन💐🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary#Vs❤❤ छोड़कर पार्थिव भोग विभूति, प्रेयसी का दुर्लभ वह प्यार . पिता का वक्ष भरा वात्सल्य, पुत्र का शैशव सुलभ दुलार . दुःख का करके स
Meri DiaryVs❤❤ छोड़कर पार्थिव भोग विभूति, प्रेयसी का दुर्लभ वह प्यार . पिता का वक्ष भरा वात्सल्य, पुत्र का शैशव सुलभ दुलार . दुःख का करके स #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #jaishankarprasad
read moreभारद्वाज
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ? सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्मकथा? अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा। ●●● जयशंकर प्रसाद | #पुण्यतिथि पर सादर नमन #जयशंकर प्रसाद
#जयशंकर प्रसाद #पुण्यतिथि
read moreशंभू दयाल अहिरवार
नमस्कार जी यह पंक्तियां जयशंकर प्रसाद जी की हैं जो इस प्रकार हैं बीती विभावरी जाग री अंबर पनघट में डुबो रही तारा घट उषा नागरी बीती विभावरी जाग री खग कुल कुल कुल सा बोल रहा, किसलय का अंचल डोल रहा लो यह लतिका अभी भर लाई नवल मुकुल रस गागरी बीती विभावरी जाग री कवि जयशंकर प्रसाद
कवि जयशंकर प्रसाद
read moreVR UpadhYaY
रजनी की रोई आंखे आलोक बिंदु टपकाती तम की काली छल नाए उनको चुप चुप पी जाती । - लेखक साहब जयशंकर प्रसाद जी
जयशंकर प्रसाद जी #विचार
read moreयतींद्र यति
आंसू- इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती क्यों हाहाकार स्वरों में वेदना असीम गरजती? मानस सागर के तट पर क्यों लोल लहर की घातें कल कल ध्वनि से हैं कहती कुछ विस्मृत बीती बातें महाकवि जयशंकर प्रसाद को उनकी जयंती पर शत शत नमन ©यतींद्र यति #जयशंकर प्रसाद #जयंती