Find the Latest Status about लेखक शब्द का बहुवचन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.
Jiten rawat
Standing near the window, I saw अग्यार है तू मेरा यार न बन, तू एक ही रह हज़ार न बन। #अग्यार = अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन) #nojotoshayri #nojotolover #aloneboy #nojotowriter #jitenrawat
#अग्यार = अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन) #nojotoshayri #Nojotolover #aloneboy #NojotoWriter #JitenRawat #शायरी
read moreTarun Vij भारतीय
हुकूको का अपने जो तलबगार हो गया मैं, हुकूमत के आगे इक गुनहगार हो गया मैं। ©Tarun Vij भारतीय हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #politics #farmer #farmersprotest #fightforright #autocracy #tarunvijभारतीय
हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #Politics #farmer #farmersprotest #fightforright #Autocracy #tarunvijभारतीय
read moreAnand Dadhich
"अनाप शनाप ख़यालों में कुछ लिख जाता हूँ, कभी कभी ओस की बून्द सा दिख जाता हूँ, अपनी धुन में खोया अदना सा लेखक हूँ, 'शब्द' बनकर कुछ पल आँखों में छप जाता हूँ।" कवि आनंद दाधीच, भारत ©Anand Dadhich #लेखक #शब्द #writer #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindiquotes #poetsofindia
Madhav Jha
यात्रा ही केवल लेखक का होना तय नही करता। पूर्णतः मन का विचार केवल साहित्य पर निर्भर नही। एक दृष्टीकोण से ये सही है मगर लेखक अपने मन का प्रतिनिधि है। एक साहित्यकार और एक गंवार दोनो ही लेखक हो सकते हैं। केवल उनमें मन के भाव का उद्गम होना उनके परिस्थिति और समय के अनुसार जन्म लेता या मिट जाता है। अब.. घट ही पट है और पट ही घट है। ये सिद्धान्त के अनुसार अगर एक घड़ा ही कपड़ा है तो आश्चर्य है कैसे। एक घड़ा मिट्टी का अंश है। वहीं एक कपड़ा जो उसी मिट्टी से कपास के द्वारा बना वह भी मिट्टी है। जैसे एक शरीर मिट्टी है, मरणोपरांत जब भस्मविभूषित होता है तो बचती केवल मिट्टी है। सार्विक तातपर्य है कारण और उसके करण। ऐसे ही लेखक है जो मन से उपजता है और अथाह है। एक लेखक का परिचय
एक लेखक का परिचय
read moreNEERAJ SIINGH
लेखक को लेखक से प्रेम करने की जरूरत नहीं पड़ती लेखक, लेखक का खुद प्रेम होता है #neerajwrites लेखक का प्रेम
#neerajwrites लेखक का प्रेम
read moreRaveena Mahto
लेखक का दर्द.. एक लेखक का दर्द किसने देखा हैं कि शब्दों को संग्रह करते वक़्त , कितनी पीड़ाओ को महसूस वो करता हैं। तब जाकर वो शब्दों को उडेल पाता है। अपने विचारों को दूसरे के सामने रख पाता हैं। अपने शब्दों से ही, अपनी प्यास, अपना डर, अपना गुस्सा और कहीं अपना प्रेम दिखाने की कोशिश वो करता हैं। एक छोटे से पन्ने में, पूरी दुनिया के प्रेम, दर्द, दुख, सुख को समेटने की कोशिश, कहीं वो करता हैं। खुद को पुरा निकाल कर, कहीं शब्दों को वो बयां करता हैं। तो एक लेखक का दर्द किसने देखा हैं। उसकी एक रचना के पीछे कितनी पीड़ा का एहसास होता हैं। रवीना ©Raveena Mahto लेखक का दर्द #NatureLove
लेखक का दर्द #NatureLove
read moreYashu
लेखक वो नहीं जो अपना दर्द शब्दों में बयां करके पन्ने पर उतार देता हो । लेखक तो वो है जो दूसरों के दर्द को महसूस करके उसे भी निखार देता हो ।। #लेखक का सही अर्थ ।।
Tarun Vij भारतीय
हुकूको का अपने जो तलबगार हो गया मैं, हुकूमत के आगे इक गुनहगार हो गया मैं। हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #rights #politics #intolerance #farmer #farmersprotest #fightforright #autocracy #tarunvijभारतीय
हुकूक - हक का बहुवचन तलबगार - मांगने वाला #Rights #Politics #intolerance #farmer #farmersprotest #fightforright #Autocracy #tarunvijभारतीय
read moreAnmol Mishra
शब्द का असर तो देखिए जनाब, ज़ुबान शब्द कहती हैं, और कान उस शब्द को सुनते हैं, सुनकर वो शब्द दिल में उतर जाता हैं, और रोती आंखें हैं, तो अब आप ही बताइए इसमें दोष किसका हैं।। ©Anmol Mishra शब्द का दोष।।
शब्द का दोष।। #Quotes
read more