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Shweta Srivastava Gargi
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ऐसा नही के मैं मुहब्बत से*महरूम ही रहा लेकिन मैं किसी*मुखलीस से*मरहुम ही रहा//१ * मुझको भी अपने*वकारे़ अना पे नाज़ ही रहा,उसको भी अपनी, अना_ए_ इज्जत का लिहाज ही रहा//२* मैने जिसे बिठाया था*दिले दयार में,बना अपना मेहबूब,कि उसका *वस्ल,इस *तन्हा*हयात का इंतजार ही रहा//३ यकीनन बहुत सुलभ था,मैं उन दिनों,पता चला,जब उसने खोया मुझे,वो सनम अब इसी*मलाल के ही रहा//४ शमा ये*तजरबा कम न था राहे उल्फत में,कि जो खोकर मिला हमको,वो शख्स मुझे पाकर ही रहा//५ ©shama writes Bebaak #Tpo#Huqsesingle ऐसा नही के मैं मुहब्बत से *महरूम ही रहा,लेकिन मैं किसी*मुखलीस से*मरहुम ही रहा//१ *दूरस्थ*खास*मृत मुझको भी अपने *वकार_ए_अना
Priyanka singh
Latika Sharma (गूँज)
साथ होने का ये एहसास मुझे पसंद है कुछ ख़ास अगर ढूँढने चली तो मिला नहीं सादगी ही ख़ासियत है तुम्हारी ये बात मुझे पसंद है माना कुछ नया नहीं रिश्ते में हमारे ना कसमें है, ना चाँद तारे तोड़कर लाने के वादे सारे ना जाने फ़िर भी पता नहीं क्यूँ तुमसे बढ़ता बस यूँ ही हर रोज़ का ये प्यार मुझे पसंद है ©Latika Sharma (गूँज) पसंद पर अपनी बहुत नाज़ है हमे... साथ उनका बेहद ख़ास है इस बात पर नाज़ है हमे #saath #NojotoWritingPrompt #nojohindi #nojotoLove #sadgi #pyaa
Sharda Jha
Author kunal
Parastish
शराब जैसी हैं उसकी आँखें, है उसका चेहरा किताब जैसा बहार उस की हसीं तबस्सुम, वो इक शगुफ़्ता गुलाब जैसा वो ज़ौक़-ए-पिन्हाँ, वो सबसे वाहिद, वो एक इज़्ज़त-मआब जैसा वो रंग-ए-महफ़िल, वो नौ बहाराँ, वो नख़-ब-नख़ है नवाब जैसा उदास दिल की है सरख़ुशी वो, वो ज़िन्दगी के सवाब जैसा वो मेरी बंजर सी दिल ज़मीं पर, बरसता है कुछ सहाब जैसा कभी लगे माहताब मुझ को, कभी लगे आफ़ताब जैसा हक़ीक़तों की तो बात छोड़ो, वो ख़्वाब में भी है ख़्वाब जैसा न वो शफ़क़ सा, न बर्ग-ए-गुल सा, न रंग वो लाल-ए-नाब जैसा जुदा जहां का वो रंग सबसे, है उसके लब का शहाब जैसा उसी से शेर-ओ-सुख़न हैं मेरे, उसी से तख़्लीक़ मेरी सारी वो अक्स-ए-रू है मेरी ग़ज़ल का, मेरे तसव्वुर के बाब जैसा ©Parastish शगुफ़्ता - cheerful ज़ौक़-ए-पिन्हाँ - hidden desire वाहिद - unique इज़्ज़त-मआब- most esteemed; respected नख़-ब-नख़ - row by row, line by l
~Úηιqυє :)
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ऐं इश्क तेरे नाज़ उठाके तड़पते हुए ,बस तुझे देखके हरहाल में मुस्कुराते रहे//१ सारे परवाने शमा से ही लड़कर उड़ते हुए, बस इस जिंदादिल को जलाते रहे/२ कितने तूफ़ान हम चराग़ों से,मिटते हुए ,बस इश्क में इस हयात को आज़माते रहे//३ ऐ हिज्र तेरे नवाजिश की राह में रहते हुए, बस वो हमसे पास दूर होते रहे//४ तुझको पाने की हसरत में खुद को खोते हुए, बस ऐ इश्क तुझको मनाते रहे//५ बाहम उसकी दीवानगी में रहते हुए, बस हम नाम उसका दिल में रटते रटाते रहे//६ न तू मेहबूब रहा,न हम सनम रहे तेरे, बस तेरी राह तकते हुए तुझे बुलाते रहे/७ कई ख़्वाब*शमा के दफ्न होते हुए,बस हम उसके शाने पे इश्क को दिखते दिखाते रहे//८ बारहा चश्म में अश्क,किसके लिए बहते हुए, जो पूछा*अख्तर* ने तो बस सकुचाते रहे//९ ©shamawritesBebaak_ #NojotoStreak ऐ इश्क तेरे नाज़ उठाके तड़पते हुए,बस तुझे देखके हरहाल में मुस्कुराते रहे//१ सारे परवाने शमा से ही लड़कर उड़ते हुए,बस इस जिंदा
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर