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Reena Sharma
ये बेटियां घर की आन बान शान है ये सबका स्वाभिना अभिमान है पंख मिले है इन्हें अब उड़ान ऊंची भरने दो सपने इनको तुम पूरे करने दो एक नया इतिहास तुम रचने दो हौसला तुम इन्हें अपना बुलंद करने दो खेल जगत में बेटियों को तुम और आगे बढ़ने दो कर रही है नाम रोशन इस देश का तुम इन्हें कोख में ना मरने दो ©Reena Sharma #Olympic2021 #Betiyan #beti #Shayari #Olympic2021
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read moreutkarsh
किन लफ़्ज़ों में बयाँ करू,. मै ज़िंदगानी बेटी की.... घर से लेकर ससुराल तक ताने बहुत ही सुनती हैं उफ्फ तक न करती वो,, हर दर्द को सह जाति है। माँ - बाप की इज़्ज़त का खयाल उसको हर पल रहता है, यही सोच कर उसके मन मे एक सवाल तो रहता है। जवाब उसे मिल जाता है, जब वह खुद माँ बन जाती है। माँ - बाप के डर का मतलब भी वो उस वक़्त समझ जाती है,.. जब वो बेटी खुद एक बेटी की माँ बन जाती है.... किन लफ़्ज़ों में बयाँ करू मै ज़िंदगानी बेटी की.... बड़ी दर्द नुमा है ये कहानी बेटी की।। © utkarsh #Betiyan #बेटी #Betiyan #feelings
Simran Sachdeva
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read moreKavi Narayan
night quotes in hindi बेटियां परायाधन नही होतीं है वे तो करुणा त्याग दया सहनशीलता की मूरत होतीं है #NojotoQuote Betiyan #betiyan#paradhan #stree#shaktishali
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read moreAkriti Singh
तेरी मुस्कान में छुपा है जहाँ का प्यार, तू है मेरी रौशनी, तू है मेरा इज़हार। फूलों की तरह खिलती रहे तेरी जिंदगी, बाबा की बदौलत, तू है हमारी रौशनी। तेरी हर मुसीबत, मेरे दिल को छू जाती है, तू है मेरी दुनिया, तू है मेरी जान। बेटी होना एक आशीर्वाद है, तू है मेरा गर्व, तू है मेरा संसार। तेरी हंसी में बसी है सारी खुशियाँ, तू है मेरा सपना, तू है मेरी राह। बेटियाँ होती हैं खुदा की एक छोटी सी मूरत, तेरी हर हँसी में है प्यार का इज़हार। ©Akriti Singh #Betiyan
RAJ JAAT
विवाह के बाद पहली बार मायके आयी बेटी का स्वागत सप्ताह भर चला। सप्ताह भर बेटी को जो पसन्द है, वो सब किया गया।वापस ससुराल जाते समय पिता ने बेटी को एक अति सुगंधित अगरबत्ती का पुडा दिया और कहा कि पुत्री तुम जब ससुराल में पूजा करोगी तब यह अगरबत्ती जरूर जलाना... माँ ने मन्द स्वर में कहा- बिटिया प्रथम बार मायके से ससुराल जा रही है, तो भला कोई अगरबत्ती जैसी चीज देता है? पिता ने झट से जेब मे हाथ डाला और जेब मे जितने भी रुपये थे, वो सब बेटी को दे दिए... ससुराल में पहुंचते ही सासु माँ ने बहु का बैग टटोला और पूछा कि तुम्हारे माँ बाप ने बिदाई में क्या दिया, कुछ विशेष न मिलने पर उनकी नजर अगरबत्ती का पुडे पर पड़ी । क्रोधवश सासु माँ ने मुंह बना कर बहु को बोला कि कल पूजा में यह अगरबत्ती लगा लेना... सुबह जब बेटी पूजा करने बैठी, अगरबत्ती का पुडा खोला तो उसमे से एक चिट्ठी निकली- लिखा था... बेटी यह अगरबत्ती स्वतः जलती है, मगर संपूर्ण घर को सुगंधित कर देती है। इतना ही नही, आजू-बाजू के पूरे वातावरण को भी अपनी महक से सुगंधित एवं प्रफुल्लित कर देती है...!! हो सकता है की तुम कभी पति से कुछ समय के लिए रुठ जाओगी या कभी अपने सास-ससुरजी से नाराज हो जाओगी, कभी देवर या ननद से भी रूठोगी, कभी तुम्हे किसी से बाते सुननी भी पड़ जाए, या फिर कभी अडोस-पड़ोसियों के बर्ताव पर तुम्हारा दिल खट्टा हो जाये, तब तुम मेरी यह भेंट ध्यान में रखना - अगरबत्ती की तरह जलना, जैसे अगरबत्ती स्वयं जलते हुए पूरे घर और सम्पूर्ण परिसर को सुगंधित और प्रफुल्लित कर ऊर्जा से भरती है, ठीक उसी तरह तुम स्वतः सहन करते हुए ससुराल को अपना मायका समझ कर सब को अपने व्यवहार और कर्म से सुगंधित और प्रफुल्लित करना... बेटी चिट्ठी पढ़कर फफक-2 कर रोने लगी, सासू माँ दौड़कर आयी, पति और ससुरजी भी पूजा घर मे पहुंचे जहां बहु रो रही थी। "अरे हाथ को चटका लग गया क्या? -पति ने पूछा "क्या हुआ यह तो बताओ- ससुरजी बोले। सासु माँ आजू बाजू के सामान में कुछ है क्या- यह देखने लगी तो उन्हें पिता द्वारा सुंदर अक्षरों में लिखी हुई चिठ्ठी नजर आयी, चिट्ठी पढ़ते ही उन्होंने बहु को गले से लगा लिया और चिट्ठी ससुरजी के हाथों में दी। चश्मा ना पहने होने की वजह से चिट्ठी बेटे को देकर पढ़ने के लिए कहा... सारी बात समझते ही संपूर्ण घर स्तब्ध हो गया। "सासु माँ उच्च स्वर में बोली अरे यह चिठ्ठी फ्रेम करानी है, यह मेरी बहू को मिली हुई सबसे अनमोल भेंट है, पूजा घर के बाजू में ही इसकी फ्रेम होनी चाहिए । और फिर सदैव वह फ्रेम अपने शब्दों से सम्पूर्ण घर, और अगल-बगल के वातावरण को अपने अर्थ से महकाती रही, और अन्ततः अगरबत्ती का पुडा खत्म होने के बावजूद भी... क्या आप भी ऐसे संस्कार अपनी बेटी को देना चाहेंगे ... *बेटियां दो कुलों को महकाती है * ©RAJ JAAT #Betiyan