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New अठखेलियों Quotes, Status, Photo, Video

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RituRaj Gupta

कागज़ की नाव:- --------------- तेज बरसात में, बहते हुए पानी में, जब उतरी कागज़ की नाव, भरोसा था उसे ख़ुद पर, लेकिन पता था उसे की किसी से टकराक #lovequote #yqdidi #loveyourself #padhnelikhnewale #livelonglife #yourquotedidi #पढ़नेलिखनेवाले #kagazkinaav

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कागज़ की नाव:-
------------------
तेज बरसात में,
बहते हुए पानी में,
जब उतरी कागज़ की नाव,
भरोसा था उसे ख़ुद पर,
लेकिन पता था उसे की 
किसी से टकराकर या तो पलट जाएगी,
या दूर तलक चलती ही जाएगी,
विपरीत इसके उसको चलते जाना था,
वो देखो, वो मस्तमौला अंदाज़ में चले जा रही है,
परवाह न थी की लोग पत्थर फेंकेंगे,
अपनी अठखेलियों से सबको लुभा रही है, 
परवाह न थी उसे किसी अंजाम की,
उसे तो बस अपना कर्म करते जाना था,
उसे तो बस चलते जाना था । कागज़ की नाव:-
---------------
तेज बरसात में,
बहते हुए पानी में,
जब उतरी कागज़ की नाव,
भरोसा था उसे ख़ुद पर,
लेकिन पता था उसे की 
किसी से टकराक

Chetanya Jagarwad

#Nature love #NatureBeauty #Quote #chetanyajagarwad #coronavirus रात का अंधेरा छट रहा था, पक्षियों का दिन उग रहा था, सच कहूं ये प्रकृति इ

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रात का अँधेरा छँट रहा है,
पक्षियों का दिन उग रहा है।। #nature #love #naturebeauty #quote #chetanyajagarwad #coronavirus 

रात का अंधेरा छट रहा था,
पक्षियों का दिन उग रहा था,
सच कहूं ये प्रकृति इ

... मोलिका

सुनो.., जानती हूं कि तुम्हें, प्रेम बहुत है मुझसे, पर मेरा एक सवाल है..? क्या उसका ज़वाब दोगे ...? जानाँ, मुझे पता है, कि तुम्हारे दिल की ह #YourQuoteAndMine #blue_whirls

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सुनो..,

जानती हूं कि तुम्हें,
प्रेम बहुत है मुझसे,
पर मेरा एक सवाल है..?
क्या उसका ज़वाब दोगे ...?


(Read in caption..) सुनो..,
जानती हूं कि तुम्हें,
प्रेम बहुत है मुझसे,
पर मेरा एक सवाल है..?
क्या उसका ज़वाब दोगे ...?

जानाँ, मुझे पता है,
कि तुम्हारे दिल की ह

Sugandh Mishra

Full poetry in caption मैं रहती हूं आज कल ,कुछ उलझी उलझी सी , अपने में खोई कुछ गुमसुम चुप चुप सी पानी पे तैरती परछाई सी , कभी यहां कभी वहा #Dreams #wait #waitingforyou

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मैं रहती हूं आज कल ,कुछ उलझी उलझी सी ,
अपने में खोई कुछ गुमसुम चुप चुप सी ,
पानी पे तैरती परछाई सी , कभी यहां कभी वहां ,
मै बावरी सी फिरती हूं, समेटे मुट्ठी में,
 तेरी कहीं बातों की निशानियां ।।
कभी जो मिलने आए तो ,
मै मिल जाऊंगी चांद तले ,
तेरे ख्यालों में लिपटी हुई
या बादलों  के पर्दों से झांक कर,
चुपके से देखती हुई तेरी नादानियां ।।
मुझे पाओगे तुम अनायास,
छलकती हंसी के झरनों में ,
तेरी अठखेलियों पे खिलखिलाती हुई,
मै मिलूंगी गुम  तेरी यादों के दामन में ।।
मुझे ढूंढ़ना ना तुम ,हकीकत की जमीन पे ,
मैं  वो कहानी हूं जो तुम सुनते हो ख्वाबों में ,
या बुना करते हो रेशा रेशा ख्वाहिशों से ।।
बंद पलकों के पीछे मेरा बसेरा है जहां,
मै ठहरी इंतेज़ार कर रही हूं तुम्हारा ,
सोचती हुई की तुम आओगे एक दिन,
तुम आओगे ना ? ~सुगंध
 Full poetry in caption
मैं रहती हूं आज कल ,कुछ उलझी उलझी सी ,
अपने में खोई कुछ गुमसुम चुप चुप सी 

पानी पे तैरती परछाई सी , कभी यहां कभी वहा

Divyanshu Pathak

एक मज़ेदार बात ये है कि अभी तक कोई इतिहासकार ये पता नहीं लगा पाया है कि "बप्पा" किसी राजा का नाम था या 'उपाधि' और अगर यह उपाधि थी तो किसकी? : #yqbaba #yqdidi #yqhindi #Pintrest #पाठकपुराण #राजस्थान_के_इतिहास_की_झलकियाँ_1

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"बापा-रावल"
ईडर के राजा नागादित्य की भीलों ने हत्या कर राज्य छीन लिया तो उनकी पत्नी अपने तीन साल के बच्चे को किसी भी तरह बचाकर बड़नगरा में रहने वाले उनके कुल पुरोहित नागर ब्राह्मण जिन्होंने गुहदत्त की रक्षा की थी के वंशज "वंशधर" जी के पास ले गई।जब ब्राह्मणों को भीलों से खतरा हुआ तो वे बच्चे को लेकर भाण्डेर दुर्ग के जंगल में "नागदा" के समीप 'पराशर' नामक स्थान पर लेजाकर निवास करने लगे।इसी जंगल में गाय चराने वाले एक ग्वाले को 'बप्पा' के रूप में जाना गया। एक मज़ेदार बात ये है कि अभी तक कोई इतिहासकार ये पता नहीं लगा पाया है कि "बप्पा" किसी राजा का नाम था या 'उपाधि' और अगर यह उपाधि थी तो किसकी?
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Divyanshu Pathak

Dedicating a #testimonial to कोरा काग़ज़ ™️ जी #होलीकेहमजोली प्रतियोगिता का अंतिम दिन और हमारी टीम : #येरंगचाहतोंके सदस्यों - 1 कोमल शर्मा ज #collabwithकोराकाग़ज़ #मुस्कुरातेरंग #ज़हरीलाग़ुलाल #सृजनकेरंग #श्याम_रंग_में_जो_मीरा_ने_चूनर_रंगी

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टीम ये रंग चाहतों के
प्रशस्ति - पत्र
टीम "ये रंग चाहतों के" की ओर से टीम "कोराकागज़" और सहयोगियों को होली के हमजोली प्रतियोगिता के माध्यम से हमारी टीम को पाँच दिन अलग अलग कहानियाँ 1. ख़ुद रंग मोहब्बत 2. मुस्कुराते रंग 3.ज़हरीला ग़ुलाल 4.सृजन के रंग 
5. श्याम रंग में जो मीरा ने चूनर रंगी ।
लिखने का अवसर प्राप्त हुआ आपकी शानदार पहल का सफ़ल क्रियान्वयन के लिए आपको प्रशंसा पत्र भेंट करते हैं। Dedicating a #testimonial to कोरा काग़ज़ ™️ जी #होलीकेहमजोली प्रतियोगिता का अंतिम दिन और हमारी टीम
:
#येरंगचाहतोंके सदस्यों
- 1 कोमल शर्मा ज

Divyanshu Pathak

Dedicating a #testimonial to कोरा काग़ज़ ™️ शुभसंध्या टीम #येरंगचाहतोंके सदस्य- कोमल शर्मा जी,श्वेता मिश्रा जी, डॉ सीमा शकुनि जी,सुधा जोशी ज #yqdidi #होलीकेहमजोली #collabwithकोराकाग़ज़ #सृजनकेरंग

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टीम ये रंग चाहतों के
प्रशस्ति - पत्र
टीम "ये रंग चाहतों के" की ओर से टीम "कोराकागज़" और सहयोगियों को होली के हमजोली प्रतियोगिता के सफ़ल क्रियान्वयन के लिए प्रशंसा पत्र भेंट करते हैं। Dedicating a #testimonial to कोरा काग़ज़ ™️ शुभसंध्या टीम #येरंगचाहतोंके
सदस्य- कोमल शर्मा जी,श्वेता मिश्रा जी, डॉ सीमा शकुनि जी,सुधा जोशी ज

अशेष_शून्य

कौन कहता है प्रेम की कोई भाषा नहीं ना कोई रंग है न रूप तुम्हारा आलिंगन हमारी आत्मा का वो संवाद है जो किसी युद्ध के विराम हेतु

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~©Anjali Rai कौन कहता है 
प्रेम की कोई भाषा नहीं
ना कोई रंग है न रूप

तुम्हारा आलिंगन 
हमारी आत्मा का 
वो संवाद है
जो किसी युद्ध के विराम हेतु

Preeti Parashar

क्या इतना आसान था? अंजाम जानते हुए भी, उम्मीदें आजमाते रहना! क्या इतना आसान था? काश की धुंध में, हकीकत से नज़रे मिलाते रहना! #feelings #lifequotes #yqbaba #yqdidi #yqquotes #longform

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क्या सब कुछ इतना आसान था? क्या इतना आसान था?
अंजाम जानते हुए भी,
उम्मीदें आजमाते रहना!

क्या इतना आसान था?
काश की धुंध में,
हकीकत से नज़रे मिलाते रहना!

Harshita Dawar

#lifequotes #realityoflife #Zindagi #yqquotes #yqdidi Who leave their father or whoes father leave their children better understand The v

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पिता
ना जता सका था मैं जब कांधे पर बिठाया था
ना बता सका था मैं जब गले से लगाया था

मर्ज़ी मस्ती सी जीता था कितना भी समझाया था
ना सुनता कुछ भी था बस दिल फिर बहलाया था

कितनी सीढ़ियां गवाह बनती थी कितना चलना साथ था
ज़िन्दगी की अठखेलियों में अल्हड़ जवानी का जवाब था

सुनना चाहता गवाह था वक्त जो बेवक्त मेरे दिमाग़ मे था
बहुत अच्छा वक्त था पापा जब हाथ तुम्हारा हाथ में था

याद हमेशा रहता था एक दम भर सांस बढ़ता था
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर था हर बात करना चाहता था

पर वक्त बदल चुका था अब पापा का साथ ना साथ था
फिर जीना चाहता था पर अब आंखे नम पर सवाल था

जल्दी क्यू ना जाना था ये सुनने और सुनाने का एहसास बड़ा पेचीदा था
क्यूं बड़ा हुआ था अब पापा ये वक्त ने जताया था

इस वक्त के पर्दे को उड़ने मुझे बचाना था 
पर हवा कभी रुकती है क्या ये वक्त ने बताया था

मैं बड़ा हुए सब बदल गया आज पता लगा कैसे कमाया जाता था
पिता के पैसे पर तो एश किया जाता था आज सिर्फ़ शतरंज सी ज़िन्दगी बस ज़रूरतो  से भरता हूं

एक सबक सिखाया था यहीं वक्त रहते इमान पहचान सभी ज़िन्दगी का पता नहीं ये सबक जाने के बाद समझ में आया था
विश्वास अभी भी कायम है पापा आप जहां भी हो देख रहे हो , ये बेटा कुछ कर दिखाएगा , वहीं गर्व से सर ऊंचा हो जायेगा।

©️ जज़्बात ए हर्षिता #lifequotes  #realityoflife  #zindagi #yqquotes #yqdidi 
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