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Hrishabh Trivedi
बहरे को आंखों की कीमत कौन दिखाए अंधे को कानों की कीमत कौन सुनाए जो उंगली के सहारे मनपसंद गानों को सुनते हैं उन्हें अब रेडियो की कीमत को कौन बताए जो हासिल कर चुके जीवन में गिनना कौन सिखाए जमीं पर चल रहे को, चप्पू की कीमत कौन बताए जो बूंद गिर कर गंगा में, गंगाजल है बन गई उसे नाली में गिरी बूंद का दर्द अब कौन बताए सुलगती है जवानी इसे आकर अब कौन बुझाए सती का दर्द उन बेदर्दों को कौन बताए हजारों के गुलदस्ते बनवाते हैं जो अपनी जान के लिए उन्हें देवी पर अर्पित पुष्पों की कीमत कौन बताए 😊पूरी कविता अनुशीर्षक में😊 बहरे को आंखों की कीमत कौन दिखाए अंधे को कानों की कीमत कौन सुनाए जो उंगली के सहारे मनपसंद गानों को सुनते हैं उन्हें अब रेडियो की कीमत को कौन
Poetry with Avdhesh Kanojia
हाय रे सर्दी #poetry #poem #life #lifequotes #dailychallenge #laugh हाय रे सर्दी --------------- सर्दी रानी बड़ी सयानी कठिन तुम्हारा साथ। थोड़ी हमको राहत
Rohit
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ 🙏माँ सरस्वती के आशीर्वाद एवं सतगुरु की प्रेरणा से मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी 18th कविता वीणा वादिनी माँ सरस्वती को समर्पित 🌹 कृपया मेरे You Tube Channel (यू ट्यूब चैनल) को like( लाइक) करें पसंद आने पर subscribe (सब्सक्राइब) करें और अपनी comments (स्पष्ट टिपण्णी) देकर मार्गदर्शन करें ,नित प्रतिदिन इतिहास -वर्तमान नई रोचक जानकारियां -सकारात्मक क्वोट्स पढें ..., अगर आप भी कोई रोचक जानकारी ,सच्ची घटना या कुछ और मेरे यू ट्यूब चैनल के माध्यम से देना चाहें तो संपर्क करें : https://youtu.be/LEL7G1vLO1Y विषय - ठिठुरन ये रातें ये मौसम नदी का किनारा और ये ठिठुरन मेरे हाथों में आया जो हाथ तुम्हारा कम हुई कुछ ठिठुरन -1 सुबह उठते रजाई हटाते ही शरीर को छु गई ठिठुरन जब पेस्ट के लिए दिया हाथ पानी में तो मत पूछो ठिठुरन -2 जब गया वो नित्य क्रम वास्ते -जिस तरह से आई उसकी आवाज़ तो समझ आई उसकी ठिठुरन -3 चारों ऒर कोहरा और धुन्ध की चादर सर्द तीखी हवाएं समाई शरीर में तो बदन में चढ़ गई ठिठुरन -4 मुझे नाज है मेरे अन्नदाता किसान भाई तुम पर अपना फर्ज /कर्म निभाने से ना रोक पाई तुम्हें कोई ठिठुरन -5 चाय के प्याले से निकलता धुआं चाय खत्म होते ही फिर चढ़ गई एक नई ठिठुरन -6 अमीरों ने चलाया हीटर तो भी ना रुक पाई ठिठुरन आम आदमी ने चौराहे पर जलाया अलाव तो गरमाई ठिठुरन -7 एक नवविवाहित जोड़े का है ख्वाब ये ठिठुरन एक नया फूल उगाती है जनाब ये ठिठुरन -8 गरीबों ने जलाये कुछ अखबार तो भगाई ये ठिठुरन पैसे ने छलकाए दो जाम तो भगाई ये ठिठुरन -9 कहीं सरसों का साग मक्की की रोटी और ये ठिठुरन कहीं बेजुबान की बोटी संग रोटी और ये ठिठुरन -10 पैसे वाले के कई इंतजामात ना कोई ठिठुरन गरीब की हालत कर गई ख़राब हाय ये ठिठुरन -11 सलाम करता हूँ मैं तुझे माँ भारती के लाल क्यूंकि माइनस तापमान में भी तुझे हिला ना पाई ये ठिठुरन -12 बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान https://youtu.be/LEL7G1vLO1Y ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ 🙏माँ सरस्वती के आशीर्वाद एवं सतगुरु की प्रेरणा से मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी 18th कविता वीणा वादिनी माँ सरस्वती को
Er.Shivampandit
#एक_ऐसा_भी_प्रेम हमारा प्रेम तो है, बिल्कुल हाइड्रोजन! जिसका कुछ नहीं हो सकता वो बस मौजूद है हर जगह बेहद आसानी से सबसे परे ..एकल! और ये रिश्ता टिका है कैल्सियम, मैग्नेशियम के मजबूत आधार पे ! तड़प, विरह, जलन, गुस्सा ये सब बस समझो सोडियम है। और इसे शांत करने को चाहिए.. हाइड्रोकार्बन! ये कार्बन के टुकड़ों पे लिखी ये मेरी हैड्रोजनी नज्में ये सब शांत तो कर सकती हैं पर रह जाएगी एक धुंध हैलोजन की! जिसके लिए भी जरूरत पड़ेगी कई गुना हाइड्रोजन की! और सुनो! तुम मेरी ऑक्सीजन हो हाइड्रोजन से भरपूर! तुम जीवन हो मेरा जल की भाँति.... ©Shivam Tiwari #एक_ऐसा_भी_प्रेम हमारा प्रेम तो है, बिल्कुल हाइड्रोजन! जिसका कुछ नहीं हो सकता वो बस मौजूद है हर जगह बेहद आसानी से सबसे परे ..एकल! और ये रि
Harry Banarasiya
हम वो आखरी पीढ़ी हैं.......... #यादें #आखरी #बचपनकीयादें *हम वो आखरी पीढ़ी हैं*, जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बै
Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
मोहब्बत है क्या चीज़ मत पूछो कि मोहब्ब्त क्या चीज़ है! क्योंकि मोहब्ब्त तो अनुभव की चीज़ है! जो चीज़ बड़ी लज़ीज है! कुछ मीठी कुछ नमकीन है! सर्दी में हीटर, तो गर्मी में फ्रिज है! मोहब्बत तो छुट्टी(क़ायनात) का बीज है! बाकी की मोहब्ब्त पर लिखने की मोहब्बत छुट्टी से और छुट्टी मिलने पर करते हैं, फिलहाल तो यहाँ से छुट्टी लेकर हम पतली गली से खिसकते हैं... @बधाई हो छुट्टी की प्यारी मुक्की👊😇की🙏 #Love #BadhaiHoChuttiKi मत पूछो कि मोहब्ब्त क्या चीज़ है! क्योंकि मोहब्ब्त तो अनुभव की चीज़ है! जो चीज़ बड़ी लज़ीज है! कुछ मीठी कुछ नमकीन है! सर्
Mohd Hasnain
*हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है। *हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है।
Rakesh Kumar Dogra
अक्सर मैने उसे लाईब्रेरी में देखा है, जो चीज़ खरीदी नहीं जा सकती, हमने उसे इज़ाद करके देखा है. हैलोजन की जगह दीए की रोशनी में एकाग्रता ज्यादा बनती है।
DrLalit Singh Rajpurohit