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ANSARI ANSARI
तु छोड़ कर चला गया । तेरा इशक याद आता है। छुप छुप के रो लिया करता हूं। बिता हुआ कल याद आता है। ©ANSARI ANSARI छुप छुप के।
Rohan Roy
White हम अपने जीवन के, उस अभिनय के किराएदार को, बदल सकते हैं लेकिन जो चरित्र, हमारे भीतर छुप कर बैठा है। उसे कैसे बदल सकते हैं? अगर बदल भी जाए। तो हम अपने ही चरित्र के, दुसरे किराएदार कैसे हो सकते है? ©Rohan Roy जो चरित्र, हमारे भीतर छुप कर बैठा है। उसे कैसे बदल सकते हैं? | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanr
Ganesh Joshi
सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका बिन होली खेले ही साजन भीग गया ©Ganesh Joshi #Holi सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका बिन होली खेले ही साजन भीग गया #holikadahan #Rang #ganeshjoshibkn
Poet Kuldeep Singh Ruhela
Blue Moon कोई रुखसार से पर्दे को हटा दो मेरे चांदनी को आज जमी पर ला दो मुमकिन हो तो अमावस की रात में मेरे सनम का दीदार करवा दो कही छुप कर बैठा है दूर गगन में बदलो में घिरा हुआ कोई मेरी बात मेरे चांद तक पहुंचा दो आज रुखसार से आसमान का पर्दा हटा दो ! कुलदीप सिंह रुहेला ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #bluemoon कोई रुखसार से पर्दे को हटा दो मेरे चांदनी को आज जमी पर ला दो मुमकिन हो तो अमावस की रात में मेरे सनम का दीदार करवा दो कही छुप क
Shivkumar
White खट्टे मीठे पीले आम कितने हैं रसीले आम सभी फलों के राजा हैं सबसे ऊँची इनकी शान आई गर्मी लेकर आम सूझा ना कोई और काम आम तोड़ने की हुई तैयारी दौड़े बच्चे दिल को थाम बाग बगीचे भरे पड़े हैं लटके तरह-तरह के आम माली के नजरों से छुप कर निशाना लगाते गुलेल थाम जिसका निशाना पक्का होता मिलता उसको उसका ईनाम लगे पत्थर जो माली के सर पर सरपट भागे धड़ाम धड़ाम सबके दिलों की पसंद हैं यह सबके मन को ललचाते आम पल भर में चट कर जाते बच्चों को खूब लुभाते आम। ©Shivkumar #mango #आम #Nojoto खट्टे मीठे पीले आम कितने हैं रसीले आम सभी फलों के राजा हैं सबसे ऊँची इनकी #शान
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बात दिल की बता दूँ अगर तुम कहो । माँग तेरी सजा दूँ अगर तुम कहो ।।१ चाँद जो छुप रहा जुल्फ़ की आड़ में । चाँद फिर से बुला दूँ अगर तुम कहो ।।२ किस तरह आज बहका रहे लोग है । आज पर्दा उठा दूँ अगर तुम कहो ।।३ चाल जो चल गये दोस्त तेरे यहाँ । राज़ उनके बता दूँ अगर तुम कहो ।।४ जो तुम्हारा यहाँ है सुनो बेटियों । शख़्श से उस मिला दूँ अगर तुम कहो ।।५ इक पिता ही तुम्हारा भला सोचता । ये गुरु से लिखा दूँ अगर तुम कहो ।।६ भूल आगे नहीं अब करोगे कभी । शर्त पे इस छुपा दूँ अगर तुम कहो ।।७ माफ कितनी खताएं अभी तक किया । एक हो तो गिना दूँ अगर तुम कहो ।। ८ जो किया है खता आज तुमने प्रखर । बात वो भी दबा दूँ अगर तुम कहो ।।९ ०३/०३/ २०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बात दिल की बता दूँ अगर तुम कहो । माँग तेरी सजा दूँ अगर तुम कहो ।।१ चाँद जो छुप रहा जुल्फ़ की आड़ में । चाँद फिर से बुला दूँ अगर तुम कह