Find the Latest Status about दीडशे वर्षांची परंपरा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दीडशे वर्षांची परंपरा.
Manya Parmar
जब जमाना कहता है औरत को ये कुरीति ढकोसले मानने होंगे तो आप सब पिता उनके खिलाफ होकर अपनी बेटी की स्थिति क्यों नहीं सुधारते। बेटियों को कमजोर #Motivational
read moreManya Parmar
आदमी के साथ साथ कमाती रही मजदूरी हो या किसी ऑफिस का काम हों लेकिन हमारे आदमी इतना ही सुनना चाहते है कि मैं ही कमाता हू त्याग करता हूं, फिर ज #Motivational
read moreManya Parmar
वे जो बच्चियां कामयाब हुई है नाम रोशन किया है अपना और अपने अपनो का उन्हें उतनी मात्रा में शिक्षा, साथ, समय,पैसा और अपनो का सहारा मिला जिसके #Motivational
read moreManya Parmar
पिता तो जानते है दुनियादारी, सबसे ज्यादा समझ होती है उनमें, अगर वाकई होता पितृ सत्तात्मक समाज तो हर बेटी कामयाब काबिल, शोषण ना सहने वाली, बे #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang
read moreN S Yadav GoldMine
White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Radhey Radhey} चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं। मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं। वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है। धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है. 👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है। चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। ©N S Yadav GoldMine #mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra
Dev Baba
White Dev Baba जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।। “खुश रहा करो उनके लिए जो अपनी खुशी से ज्यादा आपको खुश देखना चाहते है।” ©Dev Baba #SunSet सुबह का प्रणाम सिर्फ परंपरा नहीं , बल्कि अपनेपन का एहसास भी हैं , ताकि रिश्ते भी ज़िंदा रहे और यदि भी बनी रहे
#SunSet सुबह का प्रणाम सिर्फ परंपरा नहीं , बल्कि अपनेपन का एहसास भी हैं , ताकि रिश्ते भी ज़िंदा रहे और यदि भी बनी रहे #Motivational
read moreneelu
#MereKhayal गुरु शिष्य #परंपरा भगवान #भक्ति परंपरा तीसरी #परंपरा कौन सी है..AAP konsi follow kar rahe #nojolove #nojoenglish #nojolife nojo #Life #nojohindi #Motives
read moreManya Parmar
आज के समय में भी हमारे घर की नारी कमज़ोर है यानी हम, हमारी काबिलियत, हमारे आदर्श, संस्कार, आधुनिक युग, परिवार, अपनेपन की भावना सभी कमज़ोर है #Shayari #stopdomesticviolence #MissionMaanyMaang
read moreManya Parmar
बचपन से जवानी, जीवन के हर पग पर नारी को कम आंका कम बताया,खुद पर भरोसा न करना सिखाया, चुप रहना, बुराई सहना सिखाया, घर के काम इसकी राजनीति में #Shayari
read more