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Islam Mirza Beg

महिला संगीत #nojotovideo

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satpal

हिंदी संगीत #शायरी

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Ravendra

मांगलिक अवसरों पर महिला संगीत #शायरी

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Rupam Rajbhar

हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस लग जाए हतेली में चंदन
महका महका वो हवा
सारी लिखी कविताओं
का वो सुर हिंदी का
गुनगुना रहा है। #Hindidiwas 
#कविता #कहानी #शायरी #कला #कॉमेडी #संगीत #हिंदी
#nojotonews

Khetdan Charan

विचार कविता शायरी कला संगीत हिंदी साहित्य प्रेम राह

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"प्रीत और पीड़ाएँ"
प्रीत की पीड़ाएँ
इधर उधर पहरे रखती हैं, 
जीने की जगह चिलमन 
के छिद्र जितनी, 
जिंदगी नांव बन जाती है
और कहीं से टूट जाती है 
फ़िर नित्य पानी ही पानी,
जब पीड़ा ह्रदय पर उलटती है, 
क़ायल हो जाते हैं प्रीत की
राह के राहग़ीर पीड़ाओं के, 
फ़िर इनके ज़हन में नशा 
चढ़ता है और आदतें भी, 
ख़ुमारी होती है तो फ़क़त 
मय पीकर सोने की, 
रुदनकर शय की, 
जीने की भूख और 
उपर से मृगतृष्णा,
यही हैं पीड़ा की अनुभूति। 
Khetdan charan #विचार #कविता #शायरी #कला #संगीत #हिंदी #साहित्य #प्रेम #राह

Rupam Rajbhar

हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस लग जाए हतेली में चंदन
महका महका वो हवा
सारी लिखी कविताओं
का वो सुर हिंदी का
गुनगुना रहा है। #Hindidiwas 
#कविता #कहानी #शायरी #कला #कॉमेडी #संगीत #हिंदी
#nojotonews

अभिजित त्रिपाठी

संगीत शायरी

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Gannu Yadav

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naresh_sogarwal

शायरी- संगीत।।

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शायरी
शायरी कुछ-कुछ शक़्ल से भूत और अक्ल में छः सूत होती है।
व्यंग्य हो या हास्य प्रतिद्वंदी सर पे अल्फाज़ो की सौ जूत देती है।।

संगीत
सुनकर चौंके मन मतंग मृदङ्ग नाचे।।
जहन में उतरे अंग-अंग में रँग बरसे।।
पीट पीट कर तलियाँ जज जजिस नाचे।।

©Naresh Sogarwal शायरी- संगीत।।

Madhav Jha

(मेरी लिखित नही है फिर भी साझा करता हूँ,दीवानगी है गायकी मेरी इसलिए लिखता हूँ)
बशीर बद्र की शायरी आपके सामने।
मतला है: शम्मा से रौशनी की बात करो
चाँद से चाँदनी की बात करो।
जीने वालों तुम्हें ख़ुदा की क़सम
मौत से ज़िन्दगी की बात करो।

न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
कईसाल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की
उजालों किपरियाँ नहाने लगी
नदी गुनगुनाई ख़यालात की
मैं चुप था तो चलती हवा रुक गयी
ज़बां सब समझते हैं जज़्बात की
सितारों को शायद खबर ही नहीं
मुसाफ़िर ने जाने कहाँ रात की 
मुकद्दर मेरे चश्म-ए-पुर अब कहाँ
बरसती है रात बरसात की
सितारों को शायद खबर ही नहीं
मुसाफ़िर ने जाने कहाँ रात की
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की। #शायरी  #संगीत
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