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Ravindra Gangwar
खामोशी तेरी कर रही है बयां, जुबां तेरी जो कह ना सकी । घुटन का है शोर जो सुनाई दे रहा, जकड़ी बेड़ियां क्यों ये तोड़ ना सकी ।। खामोशी तेरी कर रही है बयां, जुबां तेरी जो कह ना सकी । घुटन का है शोर जो सुनाई दे रहा, जकड़ी बेड़ियां क्यों ये तोड़ ना सकी ।। #ravindragangw
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आज़ादी खुद से बस एक सवाल क्या हम आज़ाद है? Read in Caption! क्या हम आज भी आज़ाद हुए है? हम आज़ादी की 74 वीं वर्षगांठ मना रहे है , बस झंडा फहराने का त्योहार।इसके अलावा क्या हम और कुछ करते है ? क्या कभी
अभि "एक रहस्य"
एक स्त्री एक स्त्री रीति रिवाजों में जकड़ी फर्ज निभाने में जकड़ी सब को खुश करने में अपनी खुशी खो दी सोचा तो बहुत था बचपन में पर उन चार दीवार के पीछे
alex akash
तो बातें कितनी होंगी ना,पर हम ख़ामोश होंगे, ना मैं तुम्हें कुछ कह पाऊंगा,और ना ही तुम, दोनों को एक ही ख़ामोशी,एक ही बेचैनी जकड़ी होंगी, हम बस एक दूसरे से,एक दूसरे का हाल ही पूछ पायेंगे, ना पहले जैसी कोई मीठी बातें होगी, ना ही पहले जैसे कोई मुलाकातें होगी, इस बार जब हम मिलेंगे। इस बार जब हम मिलेंगे। तो बातें कितनी होंगी ना, पर हम ख़ामोश होंगे, ना मैं तुम्हें कुछ कह पाऊंगा, और ना ही तुम, दोनों को एक ही ख़ामोशी, एक ही
Abhishek Mishra
एक स्त्री एक स्त्री रीति रिवाजों में जकड़ी फर्ज निभाने में जकड़ी सब को खुश करने में अपनी खुशी खो दी सोचा तो बहुत था बचपन में पर उन चार दीवार के पीछे
Dr Upama Singh
“धर्म जाति प्रथा” अनुशीर्षक में://👇👇👇 धर्म जाति प्रथा ही अखंड भारत बनने में सबसे बड़ा बाधा धर्म जाति प्रथा सामाजिक बुराई प्राचीन काल से देश में प्रचलित रही वर्ण व्यवस्था किया दे
Manshi Kashyap
नजर तो आयेंगे सब तुमको यहां लेकिन हम उस वक़्त तेरे नज़रों से जुदा होंगे मिट जायेंगी दिल में बसे यादें सारे जिस दिन वक़्त के कटघरे में खड़े हम होंगे .... भुला दिए जाओगे तुम भी इस दिल से जिस दिन मिट्टी से बना ये जिस्म मिट्टी में दफन होगा वकालत मैं भी न करूंगी ख़ुद के अस्तित्व से जब धुंधलें यादों के समंदर में खड़े हम होंगे..... ख़ामोशी के जंजीरों में अभी जकड़ी गई हूं मैं बस कुछ दिन की बात है ,फिर तन्हाइयों की बरसात है आहिस्ता - आहिस्ता सताई गई थी मैं अब जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है जब किसी के इंतेजार में अकेले खड़े हम होंगे ..... कहां से लाओगे तुम अपने दर्दों का इलाज़ जब तुम भी लौटकर उसी मोड़ पर आओगे याद रखना तुम्हारे इश्क़ का तौहीन जरूर होगा और तुम्हारे पलकों पर आंसू ठहर कर नग्में गायेंगे उस दिन सवाल लिए खड़े हम होंगे ...... _________________________________________________ नजर तो आयेंगे सब तुमको यहां लेकिन हम उस वक़्त तेरे नज़रों से जुदा होंगे मिट जायेंगी दि
अशेष_शून्य
~©Anjali Rai तुम्हारे जाते ही मन के किवाड़ बंद कर लिए मैंने! जो नम स्मृतियों की जंजीरों से जकड़ी हुई है आजतक। कैद हैं वहां