Find the Latest Status about चौपड़ रामगंज from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चौपड़ रामगंज.
Babli Gurjar
चुनावी चित्र को अब चौपट बनाकर खेलते हैं लोकतंत्र में ही हम बहुत सी अनियमिताओं को झेलते हैं ढेर दौलत का जिस के पास है सत्ता में उसी की साख है झण्डे उठाने वाले कार्यकर्ता बंधुआ रह जाते खाली हाथ है शान से बेचते हैं राजनैतिक दल टिकट अपने अपने रहते हैं जीते निर्दलीयों को भी खरीदने की जुगत में सखी अब मत समझदार के समर्थन को नहीं कहते वोट खरीदे जाते हैं निशुल्क लाभ के झांसे वाले नोट से बबली गुर्जर ©Babli Gurjar चौपड़
चौपड़ #शायरी
read moreRam babu Ray
जयपुर की बड़ी चौपड़ पर #दो_दुकान_हैं_मेरे हवा महल के झरोखों से वहाँ मस्त नजारे दिखते सारे करो इशारे अब मोना जी एक दे दूं या ग्यारह भेजूं दिल करता है पूरे बारह भेजूं बोलो मोना जी आज भेजूं #या__कल__भेजूं दे दो इजाज़त कब भेजूं पैसों की फिक्र न करूँगा देने की आप जिकर मत करना अपना पता मुझे मेल करना क्योंकि ट्विटर पर विश्वास नहीं है ट्विटर वाले होते सब फर्जी दूसरों के काम में खुद की गर्जी..!! ©Ram babu Ray जयपुर की बड़ी चौपड़ पर #दो_दुकान_हैं_मेरे हवा महल के झरोखों से वहाँ मस्त नजारे दिखते सारे करो इशारे अब मोना जी एक दे दूं या ग्यारह भेजूं
जयपुर की बड़ी चौपड़ पर #दो_दुकान_हैं_मेरे हवा महल के झरोखों से वहाँ मस्त नजारे दिखते सारे करो इशारे अब मोना जी एक दे दूं या ग्यारह भेजूं #शायरी #या__कल__भेजूं
read moreTOLCNR_Keep_Smile
#DearZindagi #DearZindagi ना जाने कैसे - कैसे लोगों से मिलवाती हो, वो कभी परेशानी से उबार कर, तो कभी ठग कर चले जाते हैं। कहानी का शीर्षक - ठग्गु सन्त यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है, गोपनीयता बनाए रखने का बिल्कुल प्रयास नहीं किया गया है। कृपया अनुशीर्षक में पूरी कहानी पढ़े 🙏 #DearZindagi #story शीर्षक 👉 "ठग्गू संत" कमरू कमच्छर के आए हुए सन्त रूप में बाबाजी नोट- उस समय हमारी उम्र लगभग पन्द्रह वर्ष की थी। मैं
#DearZindagi #story शीर्षक 👉 "ठग्गू संत" कमरू कमच्छर के आए हुए सन्त रूप में बाबाजी नोट- उस समय हमारी उम्र लगभग पन्द्रह वर्ष की थी। मैं #tolcnrkeepsmile
read moreShree
ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या-क्या बन जाता हूं अनुशीर्षक कभी करण बन जाता हूं कभी अर्जुन बन जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं कभी मोह भंग कर जाता हूं कभी मोह पाश बिछाता ह
कभी करण बन जाता हूं कभी अर्जुन बन जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं कभी मोह भंग कर जाता हूं कभी मोह पाश बिछाता ह #musingtime #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires
read moreTushar Jangid
"पधारो म्हारो प्यारो निरालो जयपुर" कुछ दिनों पहले एक शख्स से मुलाकात हो गई जो बातों बातों में यह कह गए कि जयपुर में ऐसा है ही क्या है फिर क्या था। एक जयपुर प्रेमी के बदन में च
कुछ दिनों पहले एक शख्स से मुलाकात हो गई जो बातों बातों में यह कह गए कि जयपुर में ऐसा है ही क्या है फिर क्या था। एक जयपुर प्रेमी के बदन में च #Jaipur #yqdidi #Rio #longform #jaipurdiaries #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts
read moreN S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर :- मान्यता है की यहां रखा है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर:- 🎷 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फीट अंदर है। यह गुफा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां विराजित है गणेशजी का कटा मस्तक :- 🎷 हिंदू धर्म में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेशजी के जन्म के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया। 🎷 पाताल भुवनेश्वर में गुफा में भगवान गणेश कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल सुशोभित है। इससे ब्रह्मकमल से पानी भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है। मुख्य बूंद आदिगणेश के मुख में गिरती हुई दिखाई देती है। मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था। पत्थर बताता है कब होगा कलयुग का अंत :- 🎷 इस गुफाओं में चारों युगों के प्रतीक रूप में चार पत्थर स्थापित हैं। इनमें से एक पत्थर जिसे कलियुग का प्रतीक माना जाता है, वह धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। माना जाता है कि जिस दिन यह कलियुग का प्रतीक पत्थर दीवार से टकरा जायेगा उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा। पौराणिक महत्व :- 🎷 स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं। यह भी वर्णन है कि त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफ़ा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफ़ा के भीतर महादेव शिव सहित 33 कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में जगदगुरु आदि शंकराचार्य का 822 ई के आसपास इस गुफ़ा से साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने यहां तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया क्या है इस गुफा मंदिर के अंदर? 🎷 इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले मेजर समीर कटवाल के मेमोरियल से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ दूर चलने के बाद एक ग्रिल गेट मिलता है जहां से पाताल भुवनेश्वर मंदिर की शुरुआत होती है। यह गुफा 90 फीट नीचे है जो बहुत ही पतले रास्ते से होकर इस मंदिर के अंदर घुसा जाता है। थोड़ा आगे चलने पर इस गुफा के चट्टान एक ऐसी कलाकृति बनाते हैं जो दिखने में 100 पैरों वाला ऐरावत हाथी लगता है। फिर से चट्टानों की कलाकृति देखने को मिलती है जो नागों के राजा अधिशेष को दर्शाते हैं। कहा जाता है कि अधिशेष ने अपने सिर के ऊपर पूरी दुनिया को संभाल कर रखा है। 🎷 पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में चार द्वार हैं जो रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम से जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पापद्वार बंद हो गया था। इसके साथ कुरुक्षेत्र की लड़ाई के बाद रणद्वार को भी बंद कर दिया गया था। यहां से आगे चलने पर चमकीले पत्थर भगवान शिव जी के जटाओं को दर्शाते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के कटे हुए सिर को स्थापित किया गया था। इतना ही नहीं इस मंदिर में प्रकृति द्वारा निर्मित और भी कलाकृति मौजूद हैं। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर? 🎷 अगर आप रेलवे के रास्ते हैं यहां आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे करीब टनकपुर रेलवे स्टेशन पड़ेगा। आप चाहें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से भी यहां सकते हैं। अगर आप एयरवेज के रास्ते से यहां आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 226 किलोमीटर दूर है। N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #boat पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भ
N S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश् #प्रेरक
read more