Find the Latest Status about धर्म की आड़ pdf from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धर्म की आड़ pdf.
कृष्णा
दर्द को छुपने के लिए, हमेशा ही इक झूठी मुस्कान के आड़ का सहारा लेना पड़ता है... दर्द को छुपने के लिए इससे महफूज जगह हो नहीं सकती ©Krishna #मुस्कान की आड़...✍️
raj gaba
Ek villain
कर्नाटक के उड़ती से उपजा विवाद एक तरफ से अंतरराष्ट्रीय रूप ले चुका है जो दुनिया इससे पहले ही जा में मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाने का अभियान चला रही थी उसे अचानक याद आया कि मैं अरे मेरा हिसाब तो इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा एचआर इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा हो या ना हो लेकिन मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए षडयंत्र का हिस्सा तो ही है पिछले 10 साल में तीसरी कोशिश मोदी देश में तो अपनी राजनीतिक विरोधियों की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक हिस्से को भी रास नहीं आ रही यह दोनों मोदी विरोधी ताकतें मिल गई दोनों का लक्ष्य इनकी है या तो मोदी कमजोर हो और यह उनके अनुसार चलाई फिर सत्ता से बाहर हो जाए क्योंकि मोदी के खिलाफ कोई प्रभावी मुद्दा मिल नहीं रहा इसलिए भारतीय जनतंत्र को एक अंधेरी गली में धकेलने का प्रयास हो रहा है अराजकता का बोलबाला है मोदी को पता था की पहली कोशिश सैन्य ताकत के जरिए होने होगी इसलिए प्रधानमंत्री बनाने के बाद ही वायुसेना को सूचित करने और रक्षा उत्पादन के मामले में भारत को आधुनिक बनाने के लिए अभियान में जुट गये इसके बाद मोदी विरोधियों की ओर से दूसरा रास्ता अपनाया गया और संप्रदायिकता के लिए चुना गया है मोदी विरोधी ताकतों की ओर से अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार ©Ek villain #हिजाब की आड़ में सुनियोजित साजिश #illuminate
Jas Preet Singh
घड़ी है ये संकट की कैसी भयानक आपदा है सङको से भीड़ गायब है मैदानो से बच्चे लापता है । भागने लगते थे सूरज उगते ही एक दूजे को पछाड़ने की खातिर चार दिन रहे चारदीवारी में तो आज घर का हर कोना काटता है। कुछ घूम रहे है दीवानापन लेकर कुछ घूम रहे है सर पे कफन लेकर कुछ मलाल लिए घरो में बैठे हैं कुछ निकले है पेट भरने को अन्न लेकर, ये सेवा है कोई संयोग नही सालो की तपस्या है कोई प्रयोग नहीं साहब वो पहले नीयत देखता है फिर हिस्से में सेवा बांटता है। आज सडकों पर कोई धर्म नही आज सिर्फ बेसहारा लोग है बीमारी वो भी है जो हमें अलग करती हैं जिसने एक देश किया वो भी तो रोग है। नफरत के बीजो से फसले नही उगती कौम पे मरने वाली नस्ले नही उगती कुछ खौफ तो कर उस ऊपरवाले का वो कहाँ धर्म की मोहरे छापता है। 'जसप्रीत सिंह' #धर्म #की #मोहर
Parasram Arora
धर्मो ने ही धर्म की हत्या की है आज अगर धर्म की जगह अधर्म दिख रहा है. और आदमी के हाथों मे बुझा हुआ दीया दिख रहा है तों इस दीए को बुझाने वाले लोग न तों कोई राजनीतिज्ञ नकोई नास्तिक. न वैज्ञानिक . न भौतिकवादी है... इस दीये क़ो बुझाने वाले लोग तथाकथित धार्मिक लोग है.... osho ©Parasram Arora धर्म की हत्या