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Mukesh Meet
एक आँसू उबालकर देखो, जान आफत में डालकर देखो। गुनगुनाना भी सीख जाओगे, प्रेम को दिल में पालकर देखो।। ©Mukesh Meet #हौंसला#प्रेम#पालकर#देखो
Ajay Bishwas
माँ मन से अनबन टालकर रखती है बच्चों की यादें सँभालकर रखती है # माँ नेकी पालकर रखती है
# माँ नेकी पालकर रखती है
read moreLokesh Mishra
इरादों में तूफान पालकर रखिए, औरों से अलग करने का अरमान डालकर रखिए, वक्त है सिर्फ एक,हर पल का हिसाब बनाकर रखिए, इरादों में तूफान पालकर रखिए,गुड मॉर्निंग।।दोस्तों।☕☕
इरादों में तूफान पालकर रखिए,गुड मॉर्निंग।।दोस्तों।☕☕
read moreआयुष पंचोली
शिकारी भी शिकार हो जाते हैं कभी-कभी, जख्मी शेर, और पागल हाथी से ज्यादा, खतरनाक कोई और नही होता......!!!!!! गलत फहमी पालकर बैठने वालों, यकीन करो, आज के दौर मे वफादार कोई नही होता.....!!!!! ©आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #mereprashnmerisoch शिकारी भी शिकार हो जाते हैं कभी-कभी, जख्मी शेर, और पागल हाथी से ज्यादा, खतरनाक कोई और नही होता......!!!!!! गलत फहमी पालकर बैठने वालों, यकीन
शिकारी भी शिकार हो जाते हैं कभी-कभी, जख्मी शेर, और पागल हाथी से ज्यादा, खतरनाक कोई और नही होता......!!!!!! गलत फहमी पालकर बैठने वालों, यकीन #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #mereprashnmerisoch
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- अपना अपना कर रहे , अब अपने ही लोग । जो अपनों से ही सदा , पाते थे सहयोग ।। पाते थे सहयोग , बनाते जीवन सुंदर । अब वे हैं सब लोग , काटते जड़ को अन्दर ।। हुआ न देखो पूर्ण , किसी का ऐसे सपना । व्यर्थ पालकर स्वार्थ , करे जो अपना अपना ।। ०२/०६/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- अपना अपना कर रहे , अब अपने ही लोग । जो अपनों से ही सदा , पाते थे सहयोग ।। पाते थे सहयोग , बनाते जीवन सुंदर । अब व
कुण्डलिया :- अपना अपना कर रहे , अब अपने ही लोग । जो अपनों से ही सदा , पाते थे सहयोग ।। पाते थे सहयोग , बनाते जीवन सुंदर । अब व #कविता
read moreBharat Bhushan pathak
Alone बेबसी में आज ये कितना घिरा है आदमी, कोशिशें करना नहीं क्यों चाहता है आदमी। बस सोच क्यों बैठा हुआ है मुद्दतों से, चाहता करना सही क्यों बैठता है आदमी। चाहता पाना मगर ना काम करना है इसे, बेफिज़ूल ही यहाँ बस कोसता क्यों आदमी। मेहनत से देखिए अजी क्यों भागता है ये यहाँ, रंजिशें पालकर बस घाव करता आदमी। ©Bharat Bhushan pathak बेबसी में आज ये कितना घिरा है आदमी, कोशिशें करना नहीं क्यों चाहता है आदमी। बस सोच क्यों बैठा हुआ है मुद्दतों से, चाहता करना सही क्यों बैठत
बेबसी में आज ये कितना घिरा है आदमी, कोशिशें करना नहीं क्यों चाहता है आदमी। बस सोच क्यों बैठा हुआ है मुद्दतों से, चाहता करना सही क्यों बैठत #विचार
read moreM. LOHAR
नहीं हैं तेरी गुड़िया सुरक्षित माँ 😢😢😢 एक नन्ही जान को दुनिया मे लाने की पीड़ा एक हैवान क्या जाने? क्या गुजरती हैं एक माँ के सीने में जिसने कोख़ में पालकर अपनी बेटी को दरिंदो की बस
एक नन्ही जान को दुनिया मे लाने की पीड़ा एक हैवान क्या जाने? क्या गुजरती हैं एक माँ के सीने में जिसने कोख़ में पालकर अपनी बेटी को दरिंदो की बस
read moreDivyanshu Pathak
जो मिले उसमें काट लेंगे हम थोड़ी खुशियां थोड़े आँशू बांट लेंगे हम ऐसी लगन लगादी तूने जो अब सही न जाए....☺😊 : देखे बिन तुझको तो कहीं मेरी तबियत अब नही लगती.... मेरी चाहत की महफ़िल अब तेरे बिन नहीं सजती.... ..
ऐसी लगन लगादी तूने जो अब सही न जाए....☺😊 : देखे बिन तुझको तो कहीं मेरी तबियत अब नही लगती.... मेरी चाहत की महफ़िल अब तेरे बिन नहीं सजती.... .. #YourQuoteAndMine
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ज़िंदगी से आज भी सुन लो शिक़ायत है मुझे । क्या दुआ मैं अब करूँ जब मौत की चाहत है मुझे ।।१ सह सकूँ तेरे सितम मैं ये इज़ाजत तो नहीं । पर ज़िंदगी ने दी अभी और मोहलत है मुझे।।२ जी सका है कौन दिल में दर्द इतना पालकर । आज अपने ख़्वाहिशों से होती नफ़रत है मुझे ।।३ हारकर बाजी सदा दिल भी यही कहता रहा । क्या हुआ जो फिर उसी बुत से उल्फत है मुझे ।।४ सुन चुका हूँ मैं अभी तक लोग क्या-क्या कह रहे । बस उसी ही बात से होने लगी दहशत है मुझे ।।५ लूटकर अपने मुझे ही खेल खेलें है यहाँ । नाम उनका मैं नहीं लेता हूँ गैरत है मुझे ।।६ भूल कर भी भूल पाये तो प्रखर भी भूलता । इश्क़ में करना वफ़ा ही ये हिदायत है मुझे ।।७ ०६/१२/२०२२ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #alone ज़िंदगी से आज भी सुन लो शिक़ायत है मुझे । क्या दुआ मैं अब करूँ जब मौत की चाहत है मुझे ।।१ सह सकूँ तेरे सितम मैं ये इज़ाजत तो नहीं । पर
हेमाश्री प्रयाग
लीजिए मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बस आज नही ,प्रत्येक दिन मातृ दिवस मनाए –हेमाश्री प्रयाग।। ------ माँ मेरी माँ।----- बाहो में प्यार से माँ भर लेती है। क्योंकि माँ ही तो आखिर माँ होती है।। सारा दुख वो खुद ही तो सह लेती है। गम की इस धूप में सुख बिछा देती है।। प्यार कहते किसे और ममता है क्या? उनसे पूछो नहिं, जिनकी मां होती है!! लाल को पालकर जो बनाती है बड़ा। मेरे भगवान से बढ़ के मां होती है।। काँपता हाथ भी गर वो सिर पर रखे। तो दूर सारी बलाएँ स्वयं होती हैं।। मरते दम तक जो मिरा भला चाहती। सच्चे रिश्ते की पहचान मां होती है।। जब कभी टूट कर रोने लगती हूं मैं। मेरी मुस्कान वापस तो , माँ देती है।। ©®••••••• हेमा श्रीवास्तव हेमाश्री प्रयाग।। #NojotoQuote माँ मेरी माँ लीजिए मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बस आज नही ,प्रत्येक दिन मातृ दिवस मनाए –हेमाश्री प्रयाग।। ------ माँ मेरी माँ।-
माँ मेरी माँ लीजिए मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बस आज नही ,प्रत्येक दिन मातृ दिवस मनाए –हेमाश्री प्रयाग।। ------ माँ मेरी माँ।-
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