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Rajneesh wrt
गर लब पे है तो उसे फरमाया जाए किसी के एहसासों को कहना बताया जाए जज्बात मुझे लिखना मालूम नहीं किसी उम्दा शायर को बुलाया जाए दिन को दिन रात को रात कहा है मैंने गर कोई गलती है तो समझाया जाए मेरी वफाओं में कमियां निकालते हो इक तुम्हारी भी वफा बताया जाए..... written by....Rajneesh kaushal गर लब पे है तो फरमाया जाए
manoj Kumar Mudgal
मेरे घर के ऊपर खूब रोशनी फैलाकर मंडराया कुछ अपने बारे में और कुछ मेरे इश्क के बारे में बताया और कहां की मैं इश्क की वह रोशनी हूं जो अंधेरे को भी रोशन कर दू मौसम था सुहाना दिल और कहीं नहीं सिर्फ चांद से था लगाना ©manoj Kumar Mudgal #रात भर एक चांद का साया इश्क फरमाया
karthik r
मिट्टी से लिपटू तो बिछोना बन जाऊंगा मैं मिट्टी से लिपटू तो बिछोंना बन जाऊंगा मैं तुम से मिलूं तो खिलौना बन जाऊंगा मैं तुम से मिलूं तो खिलौना बन जाऊं गा मैं तुम्हारी तरह घुमानी नहीं आतीं बाते हमें तुम्हारी तरह घुमानी नहीं आतीं बाते हमें कर लूं परदा मैं खुद से ये दुआ मांगी नहीं जाती हमसे कर लूं परदा मैं खुद से ये दुआं मांगी नहीं हमसे हमसफर अब गाँव जैसा हमसफर अब गाँव जैसा हो शहर वालों से मोहब्बत कि नहीं जाती हैं हमसे ✍ kartik...ji____ komal gaikwad pratibhaakaar khushi kumawat.. 😊 Shikha Sharma palak #थोडा_तहजीब_से #दिया_कर_जबाब_हमने_सब_आराम_से #फरमाया_था__तुम्हें ,,,,,।
Murari Shekhar
फरमाया है इश्क़ तेरे दर पर आज दूर से ही रूठे अश्क आया था नज़र बात जिंदा तेरे अरमानों की है हम कोई मेहमान थोड़े ही हैं -: मुरारी शेखर फरमाया है इश्क़ तेरे दर पर आज #Nojoto #NojotoHindi #NojotoEnglish
Er.Vijay Kumar Gautam
दिन में ख्यालों में रात में ख्वाबों में इतना न आया करो थक जाओगे थोड़ा आराम भी फरमाया करो
md Shoaib Khan
मज़दूर को पूरी मजदूरी देना ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा, (उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मज़दूरी पर रखा और उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मज़दूरी नहीं दी। ©md Shoaib Khan हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया #loV€fOR€v€R❤️ #Nojotoshayeri✍️M #islamicmotivation #SILANCE #each #gaalib #loV€fOR€v€R❤️
shivani sharma
हर बार मेरे इश्क़ को तूने भरी महफ़िल में ज़लील कराया हैं , इस बार भी तूने मेरे इश्क़ को, झूठा ठहराया हैं ।। #s.s... 2 liner " इश्क़ " को फरमाया हैं ।। आपके लिए तो चाँद भी ज़मीन पर आया हैं ...✍️ Do read guys ... Thank you #cinemagraph #paidstory
एक इबादत
मेरे महबूब ने मुस्कुराते हुए जब,नकाब अपने से सरका दिया,चौदहवी रात का चाँद शर्मा गया,जितने तारे थे सब टूट कर गिर पड़े,जिक्र जब छिड़ गया उनकी अंगड़ाई का,शाख से फुल यूँ टूट के गिर पड़े,जिक्र जब छिड़ गया उनकी अंगडा़ई का..... इन गज़ल की पंक्तियों को अताउल्लाह खान साहब ने अपनी आवाज में शोहरत फरमाया है,"छिड़ गया जिक्र जब उनकी अंगडा़ई का..."
pk Arun Kumare Daware
गालिब ने अरु को फरमाया की गालिब तह उम्र एक भूल करता रहा। धूल चेहरे पर थी। और हम की आयना साफ करता रहा। ©pk Arun Kumare Daware गालिब ने अरु को फरमाया की गालिब तह उम्र एक भूल करता रहा। धूल चेहरे पर थी। अयाना साफ करता रहा।