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Asha
मेरा दिल बेचैन है, पर्यावरण के बढ़ते प्रदूषण को देख दिल मेरा बेचैन है ना जाने कब समझेगा इंसान प्रदूषित पर्यावरण
प्रदूषित पर्यावरण
read morepradeep
#WorldEnvironmentDay सर पर्यावरण बिगड़ता जा रहा है तो हम क्या करें सर आपको पेड़ लगाने चाहिए तो तुम ही लगा दो मैं बता रहा था पर्यावरण प्रदूषित है
पर्यावरण प्रदूषित है #WorldEnvironmentDay
read moreRanjana singh
"दिल्ली की दशा " 👇👇👇👇👇 प्रदूषण की मार झेल रहा है दिल्ली, देख मानव तेरा उड़ा रहा है खिल्ली। जाग -जाग अब भी मानव तू मूर्ख ! क्यों करते स्याह,गाल गुलाबी सूर्ख। रंजना सिंह "अंगवाणी बीहट" प्रदूषित दिल्ली
प्रदूषित दिल्ली #कविता
read moreअंकुर आजाद
Girl quotes in Hindi दिल्ली के हवाओं में ज़हर है इससे बेहतर तो हमारा शहर है #NojotoQuote प्रदूषित शहर 'दिल्ली' #AnkurAzad
प्रदूषित शहर 'दिल्ली' #ankurazad
read moreSunita Bishnolia
पर्यावरण (दोहे) हरी-भरी धरती रहे,नीला हो आकाश, स्वच्छ बहे सरिता सभी,स्वच्छ सूर्य प्रकाश।। पेड़ों को मत काटिए,करें धरा श्रृंगार। माटी को ये बांधते,ये जीवन आधार।। सुनीता बिश्नोलिया©® शुद्ध हवा में साँस लें,कोई न काटे पेड़। आस-पास भी साफ़ हो, सभी बचाएँ पेड़।। धरती माता ने दिए,हमें अतुल भण्डार, स्वच्छ पर्यावरण रखें, मानें हम उपकार।। कानन-नग-नदियाँ सभी,धरती के श्रृंगार। दोहन इनका कम करें,मानें सब उपहार।। साफ-स्वच्छ गर नीर हो,नहीं करें गर व्यर्थ। कोख न सूखे मात की, जल से रहें समर्थ। धूल-धुआँ गुब्बार ही,दिखते चारों ओर। दूषित-पर्यावरण हुआ,चले न कोई जोर।। कान फाड़ते ढोल हैं,फूहड़ बजते गीत, हद से ज्यादा शोर है,खोये मधुरिम गीत। हरी-भरी खुशहाली के,धरती भूली गीत। मैली सी वसुधा हुई,भूली सुर संगीत।। पर्यावरण स्वच्छ राखिये,ये जीवन आधार, खुद से करते प्यार हम,कीजे इससे प्यार। #सुनीता बिश्नोलिया #जयपुर #पर्यावरण #स्वच्छ #पर्यावरण
Ram Yadav
उसकी ज़िद थी जिबाह करने की फिर जिरह से क्या हासिल होता 😌 एक घुटी आह के साथ.... उसको देखा और गर्दन झुका दी 😔 हरि ॐ www.theforestrevolution.blogspot.com ©Ram Yadav #पर्यावरण
kamta prasad nayak
छांव भरा ये फैला आंचल मां तू भी लगा ले अब छोटा सा काजल मानुष की नज़र न लग जाए वर्षा हिलोरें तापमान में जो तूने की है तपस्या जिनको तूने खुशीयां दी उसी ने की और करता रहा है तेरी खुशियों कि हत्या । फिर भी तू ने प्यार दिया मीठे मीठे उपहार दिया जीवन तो पहले से वारी है और समर्पण संग संसार दिया । जड़ मती मानुष की ये नज़रे दुबारा फिर न लग जाए मां तू भी लगा ले अब छोटा सा काजल मानुष की नज़र न लग ©kamta prasad nayak #पर्यावरण