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Shreyansh Gaurav
White "यें नींद कहाँ रहतीं है" रात में सुकून की नींद आये, इक़ अरसा गुज़र गया है..! इक़ पल सोता में हूँ, नींद खुल जाती है, रात भर जागते रहता हूँ..! क्या हुआ है नींद को कोई कुछ बता सकता है क्या.! यें मुझसे क्यूँ रूठी है कोई सुलझा सकता है क्या..! चलती रहतीं है रात अपनी रफ्तार से हौले हौले..! रात में घड़ी की सुईयों की आवाज़ लगातार टिक टिक करतीं रहतीं है..! यें टिक टिक की आवाज़ कानो में भी लगातार गुज़ती रहतीं है..! चाहता हूँ मैं भी सो जाऊ इस नींद का कोई पता बताओ यें नींद अब कहाँ रहतीं है..!! ©Shreyansh Gaurav #goodnightimages #नींद अब कहाँ रहतीं है
#goodnightimages #नींद अब कहाँ रहतीं है
read moreAnjali Singhal
"कहाँ तक उठाऊँ इस दिल के नाज़-ओ-अंदाज़! रुठकर उनसे उन्हीं को चाहने की जिद्द करता है हर बार!!" ©Anjali Singhal #Heart "कहाँ तक उठाऊँ इस दिल के नाज़-ओ-अंदाज़! रुठकर उनसे उन्हीं को चाहने की जिद्द करता है हर बार!!" #शायरी #AnjaliSinghal #shayari #quot
#Heart "कहाँ तक उठाऊँ इस दिल के नाज़-ओ-अंदाज़! रुठकर उनसे उन्हीं को चाहने की जिद्द करता है हर बार!!" #शायरी #AnjaliSinghal #Shayari quot
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ, थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ। गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं, हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ। तेरी राहों का राही बनूं कैसे, मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ। बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है, मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ। पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है, पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ। मंजिल मेरी भी होगी एक दिन, सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ। भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं, मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ। तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद, खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ। अशोक वर्मा "हमदर्द " ©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
read moreShalini Nigam
मिट्टी होने से पहले, "क्यूं ख़ाक होना" जब ~अन्त~ पता है.. "सबको" जलना है.!_ "~खुश~ रहना सिखो.!!" ©Shalini Nigam #मिट्टी #Nojoto #yqdidi #yqbaba #Love #Life #Poetry #poem
Anuj Ray
White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray # दो मुसाफ़िर
# दो मुसाफ़िर
read moreParasram Arora
White ये देह तो एक मुट्ठी धूल से बना हुआ खिलौना हैँ इस खिलोने से. थोड़ी देर खेल लेना क्योंकि टूटने का खतरा मंडरा. रहा हैँ सिर पर ©Parasram Arora खिलौना मिट्टी का
खिलौना मिट्टी का
read moreGeeta khati
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset इस दुख भरे मन में एक अजब सी वेदना उठती। पर तू नहीं दिखती मुझको तेरी यादें मन में रहती। दीदी तेरी एक झलक देखने को। अब ये आंखे बहुत तरसती। ©Geeta khati दीदी कहाँ हो तुम
दीदी कहाँ हो तुम
read moreRAMLALIT NIRALA
Unsplash यार मेरे तरह किसी को इतना प्यार मत करना कि जिन्दगी क्या है तुम भुल जाओ चलो प्यार कर ही लिया तो ठिक है पर किसी भी तरह का लत मत लगाना क्योकि एक बार लत लग गई तो मरते दम तक नहीं छोडती प्यार मे मीलना या बात करना यार में खूद को भीड मे रह कर भी अकेला महसुस करता हूं प्यार के शिवा उस तन्हाई को कोई भी नहीं दुर कर सकता। ©RAMLALIT NIRALA जिवन को जिना है तो दूसोरो को रूलाना छोड दो
जिवन को जिना है तो दूसोरो को रूलाना छोड दो
read moreAshvani Kumar
मेरे चारो ओर जो मंज़र है, उसमें सुकून भर दो, थोड़ी सी मेरे करीब आ जाओ, और दिसंबर को जून कर दो।। ©Ashvani Kumar दिसंबर को जून कर दो
दिसंबर को जून कर दो
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