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bhim ka लाडला official
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
BeHappy #लिखूंगा_एक_दिन'... एक प्रेम से भरा पुरुष कैसे भीड़ के साथ होते हुए अकेलेपन में, अपने प्रेम को हृदय में लिए त्यागता है अपने प्राण! एक दिन मैं अपनी ही मृत्यु लिख दूंगा.. ✍️ ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #beHappy #लिखूंगा_एक_दिन'... एक प्रेम से भरा पुरुष कैसे भीड़ के साथ होते हुए अकेलेपन में, अपने प्रेम को हृदय में लिए त्यागता है अपने प्राण
Shivkumar
शक्ति बिना शिव अधूरे, शिव बिना शक्ति भी अधूरी ! शिव शक्ति का प्रेम अनूठा, जन्मोजन्म का इनका नाता !! शिव के गले पड़ी मुंडमाल सर्प उनके गले पर जैसे हार ! भूत, प्रेत,पिशाच है, उनके सेवादार अघोरी, नंदी बैल करते हैं उनके काम !! भोले है शिव तो,अम्बा है उनकी शक्ति धूनी रमाए शिव,करे माँ शिव की भक्ति ! तन है शिव तो, प्राण है शक्ति शक्ति से है शिव, शिव से ही शक्ति !! ©Shivkumar #mahashivaratri #shivratri #mahadev #Nojoto // शिव शक्ति //
Bharat Bhushan pathak
छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है। मापनी- लगागागा लगागागा १२२२ १२२२ चमकती जब,यहाँ चपला। करे हे यह,बहुत घपला। सदा यह प्राण लेती है। कभी ना त्राण देती है।।१ रहम भी खूब ये करती। इसी से है, हरी धरती।। चमकना शान्त हो ऐसे। चमकता चाँद हो जैसे।।२ ©Bharat Bhushan pathak #Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} जिस किसी भी भक्त का मन, प्राण, अंतरआत्मा, भगवान श्री कृष्ण जी मैं लगातार लगा रहता है, बस वही व्यक्ति भगवान श्री हरि के लिए जीता है, उसका जीवन धन्य हैं।। ©N S Yadav GoldMine #SunSet {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस किसी भी भक्त का मन, प्राण, अंतरआत्मा, भगवान श्री कृष्ण जी मैं लगातार लगा रहता है, बस वही व्यक्ति भगव
अभय राजपूत बीजेपी
लखन राजपूत बीजेपी ©अभय राजपूत बीजेपी जिदंगी है तो हम है
Poet Kuldeep Singh Ruhela
मातृ भूमि की रक्षा खातिर अपने जिसने प्राण दिय डाली जिसने बुरी दृष्टि मातृ भूमि पर दुश्मन के शीश धड़ से काट दिय । ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #। मातृ भूमि की रक्षा खातिर अपने जिसने प्राण दिय डाली जिसने बुरी दृष्टि मातृ भूमि पर दुश्मन के शीश धड़ से काट दिय ।