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writer abhay
फ़ाइलातुन मुस्तफ़इलुन फ़ाईलुन वो जो सहरा-सहरा फिरा करता है. किस से मिल ने की वो दुआ करता है. प्यास में था साहिल कभी मुद्दत तक. आंख में अब दरया भरा करता है. हर तरफ यूं तहरीर होना तेरा. नाम कोई तेरा लिखा करता है. वो जो हर पल ख़ामोश ही मिलता है. आईने से बाते किया करता है. अर्थ :- सहरा - जंगल साहिल - किनारा तहरीर - लिखना
Parasram Arora
एक तरह से ये अच्छा ही हुआ कि रामायण काल के राम रावन युद्ध मे रावन जीत नहीं सका. वरना जीत. का सहरा रावन के सिर पर बंध जाता और इतिहास रावण क़ो महिमामंडित करता रहता और फिर राम का पुतला जलना तय था ©Parasram Arora जीत का सहरा
Rajnish Sharma
मै आज उसके दर पे हो आया प्यासे दिल को दरिया दिखा आया चलो इक बूंद ना सही नसीब में उस घर को सहरा का खिताब दे आया सहरा
हरीश भट्ट
वो इस तरह से मेरे ज़हन से गुजरता हैं । की एक शहर सा गुज़रा हो सहरा से जैसे ।। ©हरीश भट्ट #सहरा
संजीव निगम अनाम
जला जाता तपिश में आग का सहरा रहा हूं मै, नदी हो ज़िन्दगी बहती मगर ठहरा रहा हूं मै। चले जाना छुड़ा कर हाथ का तेरा बिना बोले, दिखा दे आंख कर चुगली,बसा गहरा रहा हूं मै। पुराना गीत तन्हाई,उदासी का सबब तेरा, दिलों में आज भी गहरेे,कहीं उतरा रहा हूं मै। सफर में मंजिले किस्मत,नहीं होती या खो जाती, वफ़ा ए इश्क़ जो होता,वहीं सजदा रहा हूं मैं। बड़ी कर आंख ना घूरो,जरा ये जान सच तो ले, तेरी आंखे जो चमकाए,वहीं कजरा रहा हूं मै। हज़ारों बंदिशे लांघे,जो मिलने तुम चले आते लगा पहला मिलन अपना,बहुत घबरा रहा हूं मै। संजीव निगम "अनाम" #सहरा
Satish Mapatpuri
जब से दिल का घाव, गहरा लग रहा है। तब से कातिल वक़्त, ठहरा लग रहा है। छोड़कर दिल तोड़कर , जब से गए वो, हँसता सा घर अपना,सहरा लग रहा है। …… सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri सहरा
shrikant yadav
ये वीराना ये सुनापन सहरा बना जैसे मेरे मन का दर्पण लगा देखकर ऐसे मौजूद जो अंदर है वही निकल आया हो बाहर बन के सहरा मेरा मन ©shrikant yadav #सहरा
writer abhay
मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन ख़ुलूस-ए-राह पे चल कर भला क्या मिलेगा. हमें इस दौर में हाथों मे कासा मिलेगा. पता है मूर्ख है सब ही यकीं हो गया था. तुम्हारे लब से बस हर साल वादा मिलेगा. मुझे वो बात जो तुम ने किये थे गज़ब थे. कि बस इतने महीने में हि इतना मिलेगा. बुरा लगता जिन्हें वो भक्त अब क्या करे की. उन्हे भी तो पता है आगे धोखा मिलेगा. अर्थ :- ख़ुलूस-ए-राह - सच्चाई का रास्ता कासा - भीख मांगने वाला कटोरा