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shailendra Patidar

नवरात्रि के दौरान इस मंत्र का पावन श्रद्धा के साथ यथाशक्ति जप करें, माँ अवश्य ही आपकी समस्त विपदा को हर लेगी।

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“सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:॥” 

 

अर्थ :- मनुष्य मेरे प्रसाद से सब बाधाओं से मुक्त तथा धन, धान्य एवं पुत्र से सम्पन्न होगा- इसमें तनिक भी संदेह नहीं है। नवरात्रि के दौरान इस मंत्र का पावन श्रद्धा के साथ यथाशक्ति जप करें, माँ अवश्य ही आपकी समस्त विपदा को हर लेगी।

rajkumar

अष्टौ गुणा पुरुषं दीपयंति प्रज्ञा सुशीलत्वदमौ श्रुतं च। पराक्रमश्चबहुभाषिता च दानं यथाशक्ति कृतज्ञता च॥ अर्थात् : आठ गुण मनुष्य को सुशोभित #विचार

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Dr Manju Juneja

डर के आगे जीत है ,जो डर गया सो मर गया ।इसलिए जिस चीज से भी डर लगता है उसका सामना करे।अपने अंदर की यथाशक्ति को कमजोर ना होने दे ।डर आपको कमजो #हिम्मत #मिलकर #नोजोटोहिंदी #लगताहै #मुकाबला #सभीको #बढ़ाए #AdhureVakya

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डर सबको लगता है पर   डर सबको लगता है पर, आओ ,
हम सब मिलकर ,डर का ,सामना करे ,
खड़े हो ,एक कतार में ,हाथ से हाथ हो जुड़े ,
डट कर मुकाबला करें ,अपने डर से 
डर के आगे जीत हो, ना हम भयभीत हो ,
अगर, पड़ जाए ,हम में से कोई भी कमजोर ,
  तो मिलकर, एक दूसरे को ,हिम्मत बंधाये 
ना होने दे, कमजोर किसी को 
डर को ,हम अपने, जीत पाए
डर पर विजय पाना नही है असंभव 
आओ असम्भव को भी सम्भव कर दिखाए

©Dr Manju Juneja डर के आगे जीत है ,जो डर गया सो मर गया ।इसलिए जिस चीज से भी डर लगता है उसका सामना करे।अपने अंदर की यथाशक्ति को कमजोर ना होने दे ।डर आपको कमजो

रजनीश "स्वच्छंद"

समास।। मैं सार्थक संक्षिप्त हूँ, एक अर्थ से मैं लिप्त हूँ। मध्य पदों को छोड़ कर, मैं समस्त पद बना। पहले लगा जो पूर्वपद, अंत मे उत्तरपद जना। #Poetry #Quotes #Knowledge #kavita

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समास।।

मैं सार्थक संक्षिप्त हूँ,
एक अर्थ से मैं लिप्त हूँ।
मध्य पदों को छोड़ कर,
मैं समस्त पद बना।
पहले लगा जो पूर्वपद,
अंत मे उत्तरपद जना।
नकचढ़ी या हथकड़ी,
मैं हूँ शब्दों की लड़ी।
एक वाक्य को समा लिया,
किया लघु तेरी घड़ी।
तेरे मुख चढ़ा रहा,
मैं भक्तियों का लोप कर।
कभी बदल दूँ अर्थ तो,
न दुख मना न क्षोभ कर।
भेद मेरे जान ले,
सिमटता हूँ छः प्रकार में।
काव्य गीत लेख कथा,
गूंजता हूँ अलंकार में।
अव्यय जो आगे चल रहा,
अव्ययीभाव मुझको बोलते।
प्रथमपद प्रधान है,
जो वाणी-तुला ले तोलते।
प्रतिदिन, प्रतिपल,
यथाशीघ्र यथाशक्ति हो।
आमरण निर्विकार भी,
अनुरूप यथाभक्ति हो।
प्रधान हुआ जो दूसरा,
मैं तत्पुरुष बन जाता हूँ।
कारकों का लोप कर,
नवशब्द हो तन जाता हूँ।
तुलसीदासकृत धर्मग्रंथ,
राजपुत्र रचनाकार हूँ।
देशभक्ति राजकुमार,
मनुजहित गीतासार हूँ।
कर्मधारय मैं हुआ,
उत्तरपद ही प्रधान है।
विशेष्य संग विशेषण,
उपमेय संग उपमान है।
प्राणप्रिये चंद्रमुखी,
श्यामसुंदर नीलकमल।
अधमरा देहलता,
परमानन्द चरणकमल।
उत्तरपद और पूर्वपद का,
सामंजस्य खास है।
आगे अंक या पीछे अंक,
यही द्विगु समास है।
पंचतंत्र या नवग्रह,
ये त्रिलोक त्रिवेणी है।
चौमासा नवरात्र कहो,
ये पंचप्रमान अठन्नी है।
पद न कोई गौण हो पाए,
दोनों रहें प्रधान ही।
द्वंद्व समास कहायें ये,
रखते दोनों का ध्यान भी।
नर-नारी और पाप-पुण्य,
सुख-दुख ऊपर-नीचे है।
अपना-पराया देश-विदेश,
गुण-दोष आगे-पीछे है।
मैं छीनू परधानी सबकी,
पद मैं तीजा बनाता हूँ।
अपना मतलब रहूँ छुपाये,
बहुब्रीहि कहलाता हूँ।
वीणापाणि और दशानन,
लंबोदर पीताम्बर हूँ।
चक्रधर और गजानन,
मैं घनश्याम श्वेताम्बर हूँ।
मेरी बातों को गांठ बांध लो,
काम तेरे मैं आऊंगा।
ले रहा जो छोटा विराम अभी,
फिर आ मैं भरमाउंगा।

©रजनीश "स्वछंद" समास।।

मैं सार्थक संक्षिप्त हूँ,
एक अर्थ से मैं लिप्त हूँ।
मध्य पदों को छोड़ कर,
मैं समस्त पद बना।
पहले लगा जो पूर्वपद,
अंत मे उत्तरपद जना।

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक गाँव में आग लग गई । आग बढ़ती जा रही थी और गाँव वाले अपनी जान #समाज

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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

एक गाँव में आग लग गई । आग बढ़ती जा रही थी और गाँव वाले अपनी जान बचाने ईधर उधर भाग रहे थे । एक चिडिया ने यह दृश्य देखा और अपनी चौच में पानी भरकर आग बुझाने कि कोशीश करने लगी वो बार बार अपनी चौंच में पानी लाती और आग पर डालती । जब गाँव वालो ने चिडिया को आग पर पानी डालते देखा तो उनमें भी जोश आ गया और बोले कि अगर यह चिडिया प्रयास कर सकती है तो हम क्यों नहीं कर सकते सबने प्रयास किया और आग बुझ गयी । ये सब एक कौआ देख रहा था । उसने चिडिया से कहा तेरे पानी डालने से कुछ होना तो था नही , फिर भी तु ये क्यो कर रही थी ? चिडिया बोली, मेरे पानी  डालने से कुछ हुआ या नही लेकिन मुझे गर्व है जब भी इस आग की बात होगी तो मेरी गिनती आग बुझाने वाले में होगी तेरे जेसे तमाशा देखने वाले मैं नहीं...,

छोटी सी जिंदगी में हम एक आदर्शमय व्यक्तित्व बनाना चाहते है तो दोस्तों ! कभी भी किसी की सहायता करने में अपना योगदान देने का मानस हमेशा बनाये रखना....,

चिड़िया की तरह आप भी यथाशक्ति सहयोग करना चाहते हो तो हमारी संस्था सर्वधर्म समाधान से जुड़िये और अपने जीवन में एक नई  ऊर्जा -सकारात्मकता -विचारधारा और भी बहुत कुछ नया महसूस कीजिये ,जुड़ने हेतु व्यक्तिगत व्हाट्सप्प कीजिये  🙏

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अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
सर्वधर्म समाधान

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

एक गाँव में आग लग गई । आग बढ़ती जा रही थी और गाँव वाले अपनी जान

N S Yadav GoldMine

#wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा #पौराणिककथा

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डॉ जे सी सोनी

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