Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लव सव द च कन ख र न Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लव सव द च कन ख र न from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.

    PopularLatestVideo

priya kumari

कैसे लोग इतने प्यारे रिश्तों 
को एक पल में भुला देते हैं,
जैसे उनसे कोई रिश्ता था ही नहीं कभी 
और एक हम हैं जो नींद में भी उनको ही 
याद करते हैं।

©priya kumari #Nojoto #दर्द #quaotes #thought 
#लव #Break

Anubha "Aashna"

आपके दिल से निकलने वाली हर दुआ कुबूल हो, उसकी नेमतें इतनी हो की अल्फाज़ शुक्रिया अता न कर सकें। जन्मदिन मुबारक साहिब..❤️ #विचार

read more
कुछ रिश्ते नामों के मोहताज नहीं होते, परे होते हैं बंधनों के, 
जो परे होते हैं समय की हर कसौटी के, 
रिश्ते जिन्हें निभाया नहीं जाता, निभाया जा ही नहीं सकता.. 
ऐसे रिश्ते जिन्हें जिया जाता है, 
रिश्ते जो आज़ाद होते हैं मन की तरह.. 
और साथ रहते हैं धड़कन बनकर आखरी साँस तक.. 
 रिश्ते जो जिए जाते हैं साथ रहकर, दूर होकर, यादें संजो कर..  
रिश्ते जो चले आते है लबों पर मुस्कान की तरह खुशी की निशानी बनकर.. 
रिश्ते जो बसते हैं रूह में.. 
ऐसा ही रूहानी रिश्ता देने के लिए शुक्रिया..

©Anubha "Aashna" आपके दिल से निकलने वाली हर दुआ कुबूल हो, उसकी नेमतें इतनी हो की अल्फाज़ शुक्रिया अता न कर सकें। 
जन्मदिन मुबारक साहिब..❤️

पथिक..

mute video

Devesh Dixit

#आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं #Poetry #sandiprohila

read more
mute video

Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी

#lovebeat वो सपने कभी पूरे न हुये #कलमसत्यकी ✍️©️ Life #शायरी

read more
mute video

ARTI JI

mute video

Ankit Singh

हे मनुष्य, तू पशुओं से अपनी श्रेष्ठता पर घमण्ड न कर, क्योंकि वे पापरहित हैं, और तू अपनी सारी महानता से जहां कहीं भी प्रकट होता है, पृय्वी को #Quotes #Animals

read more
mute video

Chetram Nagauri

mute video

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ #शायरी

read more
White ग़ज़ल :-
वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी ।
पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१
छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं ।
करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२
हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से ।
जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३
न था अपना कोई उसका मगर फिर भी ।
उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४
सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता ।
तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५
बताती हार है अब उन महाशय की ।
उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६
नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों ।
जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७
सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली ।
जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८
लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे ।
न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९
किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे ।
खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी ।
पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१
छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं ।
करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ

ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

City भक्ति hunarbaaz शायरी कविता मोटिवेशनल वीडियो विचार कॉमेडी लव

read more
mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile