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Neelam Modanwal
एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलना दरवाज़े का खुला रहना नल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती है प्रेस तो बंद कर दिया था न! आँगन का दरवाज़ा तो लगा दिया था न! किचेन का सीधा वाला नल बंद करना तो नहीं भूली! अरे! हाँ! वो सब्ज़ी वह मँहगी हरी पत्तियों वाली सब्ज़ी जो अभी कल ही तो लाई थी सटटी से प्लास्टिक से निकाल दिया था न! हाँ, हाँ अरे सब तो ठीक है आपको ध्यान है आलमारी लाक करना तो नहीं भूली अभी कल की ही तो बात है महीनों को बचाए पैसे से नाक की कील ख़रीदी थी । इस तरह वह बार-बार याद करती और परेशान होती है कि दूध वाले को मना करना भूल गई कि बरतन वाली से कहना भूल गई कि उसे कल नहीं आना था कि पड़ोसिन को बता ही देना था कि कभी कभी मेरे घर को भी झाँक लिया करतीं । इस तरह एक स्त्री निकलती है घर से जैसे निकलना ही उसका होना है घर में.... 💯💯✍️✍️❣️❣️ ©Neelam Modanwal एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलन
Khushi Prajapati
jai hind......... . . .j j ©Khushi Prajapati 28 जनवरी साल 1865 में 'पंजाब केसरी' के नाम से मशहूर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था. लालाजी कम उम्र में ही आजादी के संघर्ष म
Fact With Prateek
Mili Saha
// पांँच शिष्य // गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना जीवन अंधकार, गुरु से ज्ञान पाकर ही जीवन को मिलता आकार, एक आश्रम में एक गुरु के थे पांँच होनहार शिष्य, गुरु की प्रबल इच्छा, उज्जवल हो इनका भविष्य, पांँच शिष्य थे इच्छा, बल,बुद्धि,धैर्य और विश्वास, सभी खुद को बलशाली कहते लड़ते थे दिन-रात, पांँचों में नहीं बनती थी गुरुजी हो गए बड़े परेशान, सोचा इस समस्या का कुछ होना चाहिए समाधान, गुरुजी ने पांँचों शिष्यों को बुलाकर एक कार्य दिया, तख्ते पर लगी टेढ़ी कील को सीधा करने को कहा, इच्छा, बल, बुद्धि,धैर्य,विश्वास सब बारी बारी आए, खूब लगाई ताकत पर कील को सीधा ना कर पाए, हार चुके थे बल लगाकर सब तब गुरुजी ने बुलाया, अलग-अलग तुम्हारा महत्व नहीं सबको समझाया, बिना इच्छा किसी कार्य की ना हो सकती शुरुआत, इच्छा अधूरी रह जाती है अगर मन में न हो विश्वास, बल और बुद्धि जब मिल जाते हैं तो बन जाती बात, किंतु कार्य तभी पूर्ण होता है जब धैर्य देता है साथ, तभी एक शिष्य बोला सब तो ऊपर वाला करता है, हम सबका रिमोट उस ईश्वर के हाथों में ही रहता है, गुरुजी बोले रिमोट जरूर ईश्वर के हाथों में होता है, किंतु कर्म किए बिना कोई सफल नहीं हो सकता है, कर्म इच्छा, बल, बुद्धि, धैर्य,और विश्वास से होता है, जिस इंसान में ये गुण है वो कभी हार नहीं सकता है, यह सब सुनकर सभी शिष्य समझ गए गुरु की बात, टेढ़ी कील को सीधा किया सबने मिलकर एक साथ, चेहरे पर सब की चमक थी गुरु की शिक्षा काम आई, सबका महत्व एक बराबर है यह बात समझ में आई, शिष्यों के जीवन की कोरी स्लेट पर पड़ा ज्ञान का प्रकाश, अंधेरा हटा मन से एक हुए इच्छा, बल, बुद्धि, धैर्य,विश्वास। ©Mili Saha // पांँच शिष्य // गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना जीवन अंधकार, गुरु से ज्ञान पाकर ही जीवन को मिलता आकार, एक आश्रम में एक गुरु के थे पां
#suman singh rajpoot
सब शब्दों का निचोड़ है अकल बड़ी या भैस! सब सवाल का उत्तर है अकल बड़ी या भैंस! जूते ने कील से बचा लिया नग्न पैर में कांटा चुभा अकल बड़ी या भैंस! खुशबू कहीं दूर से आ रही थी कागज के फूल को सूंघ लिया! अकल बड़ी या भैंस। जब मोमबत्ती को अगरबत्ती समझ दिखा दिया! तब ख़्याल आया अकल बड़ी या भैंस! ©#suman singh rajpoot #WritersSpecial सब शब्दों का निचोड़ है अकल बड़ी या भैस! सब सवाल का उत्तर है अकल बड़ी या भैंस! जूते ने कील से बचा लिया नग्न पैर में कांटा चुभ
Arya Manish Singer
दोस्तों मुझे Follow करिये ❤️👍🏻 ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ वो दिन किस दिन के बाद में आएगा जिस दिन के बाद में तु किसी की बात में नहीं आएगा मैं रातों को जागता हूं और मसला ये है कि मेरा महबूब मासूम है रात को घर से बाहर नहीं आएगा दिल में उसकी तस्वीर कील से गड़ी हुई है तस्वीर निकल जाएगी निशान नहीं जाएगा राख बचती है जलने के बाद में और कौन पागल है जो राख से दिल लगाएगा..!! —————🖤🖤————— ©Arya Manish Singer वो दिन किस दिन के बाद में आएगा जिस दिन के बाद में तु किसी की बात में नहीं आएगा मैं रातों को जागता हूं और मसला ये है कि मेरा महबूब मासूम है
Amjad Hussain
Vedantika
छाती ठोकने वाले अक्सर भूल जाते है। उनकी खुशी किसी के गम की वजह है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_455 👉 छाती ठोकना मुहावरे का अर्थ - उत्साहित होना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ लिखने के बाद