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Manish Raaj
बोध ______ तेरे लब पर जो ख़ामोशी है उसे टूट कर बिख़र जाने दो जो क़ैद है दर्द कहीं तेरे अंदर उसे आँखों से बरस जाने दो जो साँसों में बसी उम्मीद है ज़िंदगी की उसे मुस्कान बन खिलखिलाने दो धोखे ने शक़ के दायरे में रहने को बेहद मजबूर किया अब ज़रा विश्वास को ख़ुद में समाने दो ग़म की परछाईं से रिश्ता ख़ूब निभा लिया अब ख़ुशी की रौशनी को तुम अपना बन जाने दो तन्हाई की भीड़ में कहीं खो न जाओ किसी के साथ से बने महफ़िल में तुम ख़ुद को पा जाने दो ये जो तेरी नज़रें मेहरबां हो जाती है मदद को जाने-अंजाने अजनबियों पे एक दिल है मेहमाँ तेरा उसे अपना ईमान बन जाने दो यूँ जो बेवजह ख़ुद का गुनेहगार बने बैठे हो ख़ुदा को ख़ुद के इन्सां होने का गवाह बन जाने दो मनीष राज ©Manish Raaj #बोध
Abhimanyu Dwivedi
🙏 *परम शान्ति के दिव्य शुभारंभ का मूल उद्घोष*🙏 1) *मैं ईश्वर का अंश हूं* 2) *मैं आनंदित हूं* 3) *मैं प्रफुल्लित हूं* 4) *मैं प्रसन्न हूं* 5) *मैं शांत हूं* 6) *मैं स्वस्थ हूं* 7) *मैं दिव्य चेतना हूं* 8) *मैं सच्चिदानन्दमय हूं* 9) *मुझ पर ईश्वर की अनंत कृपा है* 10) *मुझ पर परमात्मा का परम आशीर्वाद है* 🙏 *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः* 🙏 🙏 *अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)*🙏 ©Abhimanyu Dwivedi बोध
बोध #विचार
read moreSabir Khan
किसी कार्य को करने के पश्चात् यदि आपको अपराध बोध होता है तो आप समझ लीजिये कि आप ईश्वर की कृपा की छाया में हैं जो आपको आगामी गलत कार्य से बचाती है। #अपराध बोध
#अपराध बोध
read moreकवी - के. गणेश
भूतकाळ साक्षी ठेवून मी माझा शोध घेतो, मनाच्या तळाशी जावून आयुष्याचा बोध घेतो.! @kganesh आयुष्याचा बोध..
आयुष्याचा बोध..
read moreArora PR
White मैंने पूछा था एक बार उस नन्हें परिंदे से आखिर तुम क्या हासिल करना चाहते हो इतनी ऊँची उड़ाने भर कर? परिंदे ने कहा.... ऊँची उडानो मे पँख फड़फड़ाने क़ा मज़ा बिलकुल अलग हैं लेकिन तुम इंसान लोग ये बात नहीं समझ सकते वास्तविक बात तो ये हैं कि उन ऊंचाइयों पर हमें मुक्ति बोध का अहसास होता हैं जो जीवन का सबसे बड़ा आनंद हैं..... ©Arora PR मुक्ति बोध
मुक्ति बोध #कविता
read moreAbhimanyu Dwivedi
ॐ🌱ॐ *चैतन्य बोध* ॐ 🌱ॐ होश का संबध सोकर उठ जानें एवम नित्य मिट जानें वाली ताज़गी से कदापि नही अपितु ब्रह्मांड में विद्यमान संपूर्ण जीवन चेतना के दृष्टा एवम परम साक्षी हो जानें से है अर्थात शरीर की मृत्यु से पहले ही मृत्यु को जान लेने तथा जन्म एवम मृत्यु के बंधन से सदा के लिए मुक्त हो निर्वाण को उपलब्ध हो जाने से है 🍀अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)🍀 ©Abhimanyu Dwivedi बोध निधि
बोध निधि #विचार
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