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Death_Lover
White अब जीवन में सिर्फ़ एक ही मसला है, कि अब किसी से किसी भी तरह का कोई मसला ही नहीं है॥ ◆तत्वमसि◆ ©Death_Lover #GoodMorning #ब्रह्मसूत्र #तत्वमसि #जागृति #आध्यात्मिक #बोध #शायरी #जागरण #Awareness
Death_Lover
जो मर रहा है, वो अब पूरी तरह मर ही क्यों नहीं जाता "हिमांश" तू छोड़ ये जहां, कोई अपना नया जहां क्यों नहीं बनाता॥ (कवायदों से परे) ©Death_Lover #Exploration #बोध #नया_जहां #अपनी_दुनियाँ #My_New_World #शून्यकाल #प्रेम #मेरी_दुनियाँ
Death_Lover
*जिस शख्स में वफ़ा और हया ख़त्म हो जाती है न,* *वो शख्स न ख़ुद का हो सका है और न ही उस ख़ुदा का॥* ◆ख़ुदा हाफ़िज़◆ ©Death_Lover #lightning #ख़ुदा #खुद #आध्यात्मिक #जाग्रति #जागरूकता #बोध #प्रेम #Loveless
Death_Lover
अरे देखते हो "साहिब" ये इंसा अपनी मौत की यात्रा तक पहुँचने के लिए ख़ुद को इतने धोखे देता है कि उसको याद तक नहीं रहता है। वो अब दूसरों को भी धोखे देने लगा है। (एक बेहोशी ऐसी भी) ●परमात्मने नमः● ©Death_Lover #Grayscale #यथार्थ #बोध #अन्तिमयात्रा #बोधयात्रा #जीवनयात्रा #आध्यात्मिक #धोखाधड़ी
Death_Lover
"मक़सूद" एक ख़्याल रहा हमेशा कि मेरी मौत पर क्या होगा अब समझ आ गया न दुःख होगा न दर्द होगा किसीको, गर हुआ भी तो बस पलभर का अफ़सोस होगा॥ (एक ख़्याल ही है जिससे आपका कोई वास्ता नहीं) ◆परमात्मने नमः◆ ©Death_Lover #2023Recap #मेरी_मौत #ख़्याल #अफ़सोस #यथार्थ #बोध #आध्यात्मिक #जीवन_मरण #व्यथा
Death_Lover
कौन है जो तुमको संवारेगा, तुम्हारे हुस्न को छोड़ मन को निहारेगा सिलसिला क्यों रहेगा तुम्हारा भी तन संवारने का जारी, क्या तुम अब भी बन बैठी हो मन से नारी॥ "तुम्हारा मन मुक्तिबोध श्रृंगार में होना चाहिए, न कि दुनियाभर की लिप्तता में" ◆परमात्मने नमः◆ ©Death_Lover #मेरे_राम #बोध #प्रेम #आध्यात्मिक #जागृति #श्रृंगार #हुस्न #स्त्री #महिला #Women_Empowerment
Death_Lover
जिस्म है तो जिस्म रहने दो न, तौलते क्यों हो। अगर है प्रेम, तब करो सभी से बोलते क्यों हो॥ ◆मेरे_राम◆ ©Death_Lover #मेरे_राम #प्रेम #आध्यात्मिक #ज़िस्म #बोध #जीवन #Life #Love #MainAurMaa
Manish Raaj
बोध ______ तेरे लब पर जो ख़ामोशी है उसे टूट कर बिख़र जाने दो जो क़ैद है दर्द कहीं तेरे अंदर उसे आँखों से बरस जाने दो जो साँसों में बसी उम्मीद है ज़िंदगी की उसे मुस्कान बन खिलखिलाने दो धोखे ने शक़ के दायरे में रहने को बेहद मजबूर किया अब ज़रा विश्वास को ख़ुद में समाने दो ग़म की परछाईं से रिश्ता ख़ूब निभा लिया अब ख़ुशी की रौशनी को तुम अपना बन जाने दो तन्हाई की भीड़ में कहीं खो न जाओ किसी के साथ से बने महफ़िल में तुम ख़ुद को पा जाने दो ये जो तेरी नज़रें मेहरबां हो जाती है मदद को जाने-अंजाने अजनबियों पे एक दिल है मेहमाँ तेरा उसे अपना ईमान बन जाने दो यूँ जो बेवजह ख़ुद का गुनेहगार बने बैठे हो ख़ुदा को ख़ुद के इन्सां होने का गवाह बन जाने दो मनीष राज ©Manish Raaj #बोध
Ajay Amitabh Suman