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नवनीत ठाकुर
तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा दर्द, तो और किससे वफा करूं। जो अश्क छुपा रखे हैं पलकों में, उन्हें कैसे रिहा करूं। जिन लफ्ज़ों में था तेरा जिक्र, अब उनका क्या सिलसिला करूं। तुम्हारी खामोशी है गवाही मेरी, तो शिकायत किससे भला करूं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
#नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
read moreLAKKI
White पैसा ही सबकुछ नहीं है, लेकिन इस बात का ध्यान रखे कि ऐसा बोलने से पहले आपके पास बहुत पैसा होना चाहिए। ©LAKKI पैसा ही सबकुछ नहीं है, लेकिन इस बात का ध्यान रखे कि ऐसा बोलने से पहले आपके पास बहुत पैसा होना चाहिए। motivational thoughts in hindi
पैसा ही सबकुछ नहीं है, लेकिन इस बात का ध्यान रखे कि ऐसा बोलने से पहले आपके पास बहुत पैसा होना चाहिए। motivational thoughts in hindi
read more+-InNocEnT BeWafa-+
कुछ लोग अपनी फिटरत् नही बदलना चाहते उनको घन्टा फर्क नही पड़ता है चाहे उनके अनेतिक बिहेबहार से सामने वाला मर ही क्यों ना जाये उनको जो करना
read morepuja udeshi
एक औरत घर तब छोड़ती हैं जब उसके आत्मसम्मान क़ो ठेस पहुँचती हैं वो बच्ची के साथ वो घर छोड देती हैं खुद आत्म निर्भर बनने वो दुबारा घर भी नहीं बसाती बच्ची की देखभाल और carrier की खातिर कठिन मेहनत करती हैं मर्द समाज क़ो देखता हैं पर औरत के प्यार क़ो नहीं पहचान पाता हाथ उठा कर मर्द बनता हैं ऐसे मर्द एकाकी जीवन जीते हैं.... ©puja udeshi एक औरत घर तब छोड़ती हैं जब उसके आत्मसम्मान क़ो ठेस पहुँचती हैं वो बच्ची के साथ वो घर छोड देती हैं खुद आत्म निर्भर बनने वो दुबारा घर भी नहीं
एक औरत घर तब छोड़ती हैं जब उसके आत्मसम्मान क़ो ठेस पहुँचती हैं वो बच्ची के साथ वो घर छोड देती हैं खुद आत्म निर्भर बनने वो दुबारा घर भी नहीं
read moreRakesh frnds4ever
White ना जाने ये मन किस ओर चला है ना रास्ता ना मंजिल ना कोई आसरा है तड़प रहे हैं हर पल छिन भटक रहे हैं हर पल हर दिन नम आंखे सूख नहीं पाई हैं किसी अपने ने ये आंखे दुखाई हैं रोया पछताया मैने क्या है कमाया इस दुनियादारी कि खातिर मैने क्या खोया क्या पाया,,,.... ........... 1 ........... ©Rakesh frnds4ever #रोया #पछताया ,,,,,,,, ना जाने ये #मन किस ओर चला है ना #रास्ता ना #मंजिल ना कोई #आसरा है तड़प रहे हैं हर पल_छिन भटक रहे हैं रोया