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mauryajibhawalpur wale
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
White जहां भावनाओं की कदर होती है , वहाँ मन अपने आप झुक जाता है , भले ही उस रिश्ते का कोई नाम ना हो... ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #Moon #जहां भावनाओं की कदर होती है वहाँ मन अपने आप झुक जाता है भले ही उस रिश्ते का कोई नाम ना हो...
sujeeta
White मत खेल मेरे साथ अनाड़ी समझकर में ना जाने कितने ऐसे खेल कबका देख चुकी हु ©sujeeta ना खेल मेरे
Anjali Singhal
Ashutosh Mishra
White तू और तेरी यादें तू कहता था ना,,तेरा शहर तुझे सबसे प्यारा है आ,,देख ये कैसे सिसक सिसक कर रो रहा है। नहीं रही वो पहले सी चहल पहल उदास हो गया है एक के बाद एक ना जाने कितना दर्द सहा है। बड़ी बेरहमी से लूटा है लुटेरों ने इसकी आबरु को दर्द से कराह भी नही सकता,,दहशत में जी रहा है। कभी,,लगता था भाईचारे का मेला जहां इंसानियत वहीं तार तार हो रही है। सभी सामर्थवान सामर्थ की गंगा में हाथ धो रहें है असमर्थवान उनकी बनाई चक्की में पिस रहें है। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #City तू कहता था ना,,तेरा शहर तुझे सबसे प्यारा है आ,,देख कैसे सिसक सिसक कर रो रहा है। #शहर #तू_और_तेरी_यादें #दहशत #बेआबरू Babli BhatiBa
प्रेम कुमार रावत
White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है ©प्रेम कुमार रावत #City तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है
Sarfaraj idrishi
White अब गुज़री हुई उम्र को आवाज़ ना देना, अब धूल में लिपटा हुआ बचपन ना मिलेगा। ©Sarfaraj idrishi #Moon अब गुज़री हुई उम्र को आवाज़ ना देना, अब धूल में लिपटा हुआ बचपन ना मिलेगा।Internet Jockey jai shankar pandit indu singh sana naaz Anshu
zindagiesagar
White ये खूब है करिश्मा की सांझ बाकी है पंछियों का घर लौटना भी अभी बाकी है ठहर कर इंतजार करना थोड़ा मुमकिन हो अभी ना जाने किसका इंतजार बाकी है ©zindagiesagar #intezaar #Panchi #saanjh #evening ये खूब है करिश्मा की सांझ बाकी है पंछियों का घर लौटना भी अभी बाकी है ठहर कर इंतजार करना थोड़ा मुमकिन हो
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें आज भी हैं , आज उसे इक दफा गले लगाने को दिल कर रहा हैं , फकत अंजुमन कुछ भी तो कुछ बात बने , फ़ुर्क़त में उसे दाटने को जि कर रहा है , क्या समझाये की अब मुहब्बत नहीं हैं तुझसे , फकत तुझे महज़ इक याद की तरह रखी , तेरी तस्वीर आज भी इक पास रखी हैं , फिर जो कहीं मुहब्बत और नफ़रत की गुंजाइश हो तो याद करना , आखिर हम रक़ीबों से दिल लगा के आखिर करते क्या . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें
Mr RN SINGH
White बहुत अंधेरा है ऐ, इश़्क तेरी गलियों में हमने दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई ©Mr RN SINGH #City बहुत अंधेरा है ऐ, इश़्क तेरी गलियों में हमने दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई #MrRNSINGH #mrrnShayr Rajni Pandey Montu Pegu Disha sa