Find the Latest Status about द्विपक्षीय जाल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, द्विपक्षीय जाल.
ज़ख्मी दिल
White मछलियां भी खुश हो गई ये बात जानकर, की आदमी ही आदमी को जाल में फसाने लगा है…! ©सत्यमेव जयते #जाल में फसाने लगा है…!
Devesh Dixit
युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका विस्तार।। मात पिता का फर्ज़ है, उनको दें संस्कार। गलत दिशा भटकें नहीं, दोष करें स्वीकार।। युवा शक्ति को है परख, हो कैसा व्यवहार। सही बात पर हों अटल, गलत बात पर वार।। भटक गए कुछ हैं अभी, देते हैं आघात। युवा शक्ति पर चोट है, मुश्किल हैं हालात।। युवा शक्ति अब मोहती, फैंक प्रेम के जाल। जो भी इसमें है फँसी, होती बाद हलाल।। संस्कारों को छोड़ कर, नित्य करें ये काम। मात पिता को कर दुखी, खूब डुबाते नाम।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #युवा_शक्ति #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका
ARTI DEVI(Modern Mira Bai)
Himanshu Prajapati
दिखावे के माया जाल का कब तक स्वेटर बुनते रहोगे, थोड़ी अहमियत दे दो खुद को कब तक दूसरों की बात सुनते रहोगे..! ©Himanshu Prajapati #truecolors दिखावे के माया जाल का कब तक स्वेटर बुनते रहोगे, थोड़ी अहमियत दे दो खुद को कब तक दूसरों की बात सुनते रहोगे..!
लेखक ओझा
शब्दों का जाल बुनता हूं कुछ खट्टी कुछ मीठी बातों से ही तो मैं दिखता हूं “लिखता हूं”।। ©लेखक ओझा #kitaab शब्दो का जाल
Ashraf Fani【असर】
लोगों ने कई तमाशे पाल रखे हैं ख़ुद को उलझाने को जाल रखे हैं ख़ुश फहमी या गलत फ़हमी समझो भरम के पीछे ख़ुद को बेहाल रखे हैं लोगों ने कई तमाशे पाल रखे हैं ©Ashraf Fani【असर】 लोगों ने कई तमाशे पाल रखे हैं ख़ुद को उलझाने को जाल रखे हैं ख़ुश फहमी या गलत फ़हमी समझो भरम के पीछे ख़ुद को बेहाल रखे हैं लोगों ने कई तमाशे
Ravishankar Nishad
कहाँ आजाद परिंदों की जिन्दगी आसान होती है, कभी बाज से तो कभी शिकारी के जाल से परेशान होती है. ©Ravishankar Nishad कहाँ आजाद परिंदों की जिन्दगी आसान होती है, कभी बाज से तो कभी शिकारी के जाल से परेशान होती है.
Andy Mann
उस के ही बाज़ुओं में और उस को ही सोचते रहे जिस्म की ख़्वाहिशों पे थे रूह के और जाल भी ©Andy Mann #जाल Neel Geet Sangeet 0 Sethi Ji Sana naaz.
Devesh Dixit
अपराधों की श्रृंखला (दोहे) अपराधों की श्रृंखला, का फिर से विस्तार। जगह-जगह से मिल रही, खबर देख हर बार।। कई तरह के जुर्म हैं, जिसको दें अंजाम। बिना डरे ही ये करें, दहशत वाले काम।। जीना ही दुश्वार है, शैतानों के बीच। कर्म करें ये कौन सा, जाने कैसे नीच।। अपराधों से है भरा, देख आज अखबार। कितनों की गिनती करें, छोड़ें भी हर बार।। प्रेम जाल में जो फंँसी, हो श्रृद्धा सा हाल। अपराधों में यह जुड़ा, हुआ देख विकराल।। सख्त हुआ कानून है, फैंका ऐसा जाल। मुजरिम को फिर है धरा, खींची उसकी खाल।। न्याय मिले जब देर से, परिजन हैं लाचार। अपराधी हैं घूमते, पीड़ित करें गुहार।। न्याय प्रणाली चुस्त हो, अपराधी भयभीत। जुर्म मिटे तब हों सुखी, तभी मिले फिर जीत।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अपराधों_की_श्रृंखला #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अपराधों की श्रृंखला (दोहे) अपराधों की श्रृंखला, का फिर से विस्तार। जगह-जगह से