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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
जो भी करता प्रभू राम का , जीवन में गुणगान । दर्शन देने आ जाते हैं , देखो कृपानिधान ।। शबरी माता ने मन मंदिर , किया राम का धाम । तभी सुनो दर्शन देने को , आतुर थे श्री राम ।। चखे बेर फिर उनके मीठे , बहुत राम भगवान । दर्शन देकर बढ़ा दिया है , निज भक्तों की मान ।। जो भी करता प्रभू राम का , जीवन में गुणगान ..। मातु-शक्ति को देखा हमने , माँ तेरे ही रूप । भक्त नहीं था तुमसे बढकर , देख रहे थे भूप ।। तभी आज अपने चरणो में , दे दिया तुम्हें स्थान । हम भी अब तुमसा बन जाए ,करके प्रभु का ध्यान । जो भी करता प्रभू राम का , जीवन में गुणगान ....।। जो भी करता प्रभू राम का , जीवन में गुणगान । दर्शन देने आ जाते है , देखो कृपानिधान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जो भी करता प्रभू राम का , जीवन में गुणगान । दर्शन देने आ जाते हैं , देखो कृपानिधान ।। शबरी माता ने मन मंदिर , किया राम का धाम । त
Satya Prakash Upadhyay
भक्ति के रास्ते मे 3 शत्रु या बाधा हैं। दूसरा: बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक है यह। अभी साल दो साल बीता , और दम्भ के कारण आगे का रास्ता नही चलते,अपने आप को बहुत बड़े ज्ञानी और सिद्ध समझ प्रवचन करना और दुसरों से श्रेष्ठ समझना शुरू कर देते हैं। जहाँ बनावट ,दिखावट है वहां गिरावट है। शबरी माता को नवधा भक्ति का उपदेश करते हुए श्रीरामजी कहते हैं, नवम सरल सब सन छलहीना। मम भरोस हियँ हरष न दीना।। अर्थात,नौवीं भक्ति है छल कपट का मार्ग छोड़ दूर रहना और किसी भी अवस्था में हर्ष और विषाद का न होना। आज के युग की विडंबना है कि सरलता मिलना मुश्किल हो गया है। मैंने उसे बुद्धु बना दिया,ऐसे बात कही कि उसे समझ न आया और मूर्ख बना कर अपना काम निकाल लिया,इसमे लोग अपनी बड़ाई मानते हैं। अगर कोई चाहे कि सबको वश में कर लें, तो सरल हो जाइए, हमारी जटिलता हीं हमें सबसे अलग करती है, जैसे भीतर से हो वैसे हीं बाहर से हो जाए, या जैसे बाहर से हैं वैसे भीतर से हो जाएं। ॥जय श्री हरि॥ (part2,भाग२) satyprabha💕 दूसरा बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक ह
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
आप सभी देशवासियों को प्रभु श्री राम के भव्य मन्दिर के शिलान्यास की हार्दिक शुभकामनाएं🙏💐💐🙏 सज़ा दो घर को दीपों से,मेरे सरकार आए है 🪔🪔 लगे कुटिया भी दुल्हन सी, अवध में राम आए है 🛕🚩 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , शबरी माता के बेरों की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, केवट मल्लाह की टेरो की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , सरयू की पावन लहरों की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, हर ग्राम और हर शहरों की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है , फटे हुए तिरपाल की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, श्री राम चन्द्र कृपाल की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , शत्रुधन जैसे भाई की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, कैकेयी सुमित्रा माई की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , सिंहासन रखे खडाऊँ की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , स्वर्गवासी गिद्ध जटायू की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, ऋषि वशिष्ठ पाराशर की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है , विश्वामित्र गुरुवर की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, जनकनंदिनी सीता की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, रामचन्द्र परिणीता की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, वीर बली बजरंगी की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, वानर दल साथी संगी की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, सेवक सुमंत्र सारथी की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , जामवंत महारथी की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, सदियों के वनवास की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है, भक्तों के विश्वास की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज है , रामचरित रामायण की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , जन मानस धर्म परायण की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, लक्ष्मण की वधु उर्मिला की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज , पावन मात अहिल्या की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, भ्राता भरत मिलाप की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, माँ कैकेयी के संताप की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, बेटे लव कुश के बाणों की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, दशरथ के त्यागे प्राणों की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण राम, कौशल्या के पयपान की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, सारे ही हिन्दुस्तान की 🙏 हुई प्रतीक्षा पूर्ण आज, श्री राम के दीवानों की 🙏 जन्मभूमि हित गोली खाने वाले परवानो की 🙏 अवध से राम पधारे है,हमारे राम पधारे है 🚩 खड़े हैं स्वागत मे हनूमत,मेरे प्रभू राम पधारे है 🚩 आप सभी देशवासियों को प्रभु श्री राम के भव्य मन्दिर के शिलान्यास की हार्दिक शुभकामनाएं🙏💐💐🙏 सज़ा दो घर को दीपों से,मेरे सरकार आए है 🪔🪔 लगे कु
CM Chaitanyaa
"श्रीराम चरितावली" प्रस्तावना : जिनका मुख-मंडल देख, अश्रु जल छलके अविराम। वे हैं नील मणि की भाँति, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।। दशरथ के नंदन बड़े अद्भुत,
MUKESH KUMAR
संजीव निगम अनाम
आंख लगी अकुलाय जिया,सुध भूलि रही बस राह निहारे, आय रहे प्रभु राम सखा सम भ्रात समेत उसी घर द्वारे। आकुल व्याकुल घूमि रही,कित मान करे कित पांव पखारे, बेर बटोरि चखे सबरी,कटु फेंकि दये शहदी ढिंग डारे| संजीव निगम "अनाम" #शबरी