Nojoto: Largest Storytelling Platform

New गुप्त सुरंग Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about गुप्त सुरंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गुप्त सुरंग.

    LatestPopularVideo

Axar pathak

संसद भवन कि गुप्त सुरंग। #story Courtesy - Manvendra Chauhan #Knowledge

read more

Krishna Rai

भारत का सबसे लम्बी सुरंग है ? (A) चेनानी– नैशारी सुरंग (B) जवाहर सुरंग (C) मलीगुड़ा सुरंग #वीडियो

read more

Rinku Pandey

टर्नल सुरंग #हॉरर

read more

Dr. Bhagwan Sahay Meena

जयपुर की सुरंग #फ़िल्म

read more

Khushboo Kumari

#अंधी सुरंग hindi #nojotohindi

read more
वो अंधी सुरंग आज भी रोशन हो जाती है,
उन जुगनुओं की बदौलत,
जो शाम ढलते ही सुरंग के पास आ जाते हैं, 
दरकती-बिखरती उन दिवारों से लिपटकर
अपनी मोहब्बत की रोशनी आजाद करते है।

यकीनन सुरंग कठोर है,
पर वो भी एक दिल रखती है,
रातों को अक्सर जुगनुओं को 
अपने सायें में छिपा लेती हैं,
बेशर्त प्यार से वो भी भर जाती है,
वो अंधी सुरंग आज भी रोशन हो जाती है..।
उन जुगनुओं की बदौलत..। #अंधी सुरंग #Nojotohindi

Arpit Mishra

गुप्त #कविता

read more
श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे!

सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे!

संसार देखे अब हमारे शत्रु रन में मृत पड़े!

करते हुए यह घोषणा हो गए उठकर खड़े!!







।

©Arpit Mishra गुप्त

Pankaj Palaksh

यादों के सुरंग ...... #विचार

read more
यादों के सुरंग से जब भी हम गुजरने लगें,
आंखों से लहू मेरे मुसलसल टपकने लगें। यादों के सुरंग ......

Facter Shivam.

सबसे लम्बी सुरंग #जानकारी

read more

Anuj Ray

अतीत की सुरंग से

read more
अतीत की सुरंग से

निकल नहीं सका मैं आज तक," अतीत की सुरंग से"
 डूबा हूं उसी झील में, काजल की बंधी डोर से..

 गेसुओं के रूप जाल से, लावण्य की सुगंध से ,
खोजने भटक रहा हूं, हार मोतियों के...

 उषा की  लालिमा के स्वप्न भरे भोर से ,
छीन गया कोई दिन, मेरी यादों के आनंद से ...
निकल नहीं सका मैं आज तक ,"अतीत की सुरंग से".. अतीत की सुरंग से

Arpit Mishra

मैथलीशरण गुप्त #Poetry

read more
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा,
मानों हवा के वेग से सोता हुआ सागर जगा ।
मुख-बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाल सा बोधित हुआ,
प्रलयार्थ उनके मिस वहाँ क्या काल ही क्रोधित हुआ ?

अथवा अधिक कहना वृथा है, पार्थ का प्रण है यही,
साक्षी रहे सुन ये बचन रवि, शशि, अनल, अंबर, मही ।
सूर्यास्त से पहले न जो मैं कल जयद्रथ-वधकरूँ,
तो शपथ करता हूँ स्वयं मैं ही अनल में जल मरूँ ।
 - मैथलीशरण गुप्त

©Arpit Mishra मैथलीशरण गुप्त
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile