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Ranveer Pratap Singh

कहानी मंत्री #ChuskiKeSaath #शायरी

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Yahya Bhati

चापलूस

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 चापलूस

BABA

एक चापलूसों की गुट होती है,
वह मति मारि के बीच में होती है।
जब कभी बात किसी से किसी की होती है,
तब चापलूसों की फौज वहां बत्ती सी होती है।
कुछ लोग चापलूस होते हैं,
जो बीच में आकर बैठते हैं।
खामखां नहीं ऐसा हो कहते हैं,
जैसे वही ज्ञान पुरुष सब करते हैं।
चापलूस सरकारी मोहर क्या लगवायेंगे,
खुद तबलमंज जलील हया हो जायेंगे।
यहां वहां की रंगत से,
क्या वीर वो कहलायेंगे।
चापलूस और चाटूकार ही,
दुनिया भर में कहलायेंगे।
बाबा


इसीलिये उनसे सम्बंध नहीं होते हैं। #चापलूस

M R Mehata(रानिसीगं )

चापलूस #ज़िन्दगी

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जय माता दी

©M R Mehata चापलूस

Kuldeep Shrivastava

चापलूसी की "कला" में 
निपुण "लोग" नदी के
पार होते
ही..
नदी पार करने वाले 
"नाविक" को लात मारने
की "कला" में भी 
निपुण होते 
हैं!

©Kuldeep Shrivastava #चापलूस

Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

चापलूस लोग #कविता

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चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है
दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है

जिस किसी भी बर्तन में ये शख्स रहते है,
उसका खाली कर देते पूरा ही संसार है

ज़रा चापलूसों से तू दूरी बरकरार रख,
इनसे दूरी रखने से ही होगा बेड़ा पार है

चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है
दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है

चापलूसों के कारण छूटा जीता उपहार है
चापलूस हर शेर का करते यहां बंटाधार है

चापलूसों को मत दे तू कभी यहां पनाह है
न तो तेरी उसी जगह बना देंगे कब्रगाह है

चापलूस उजाले को देते तम का हार है
जिस थाली में खाते,उसे कर देते बर्बाद है

चापलूसों की हर जगह हो रही भरमार है
दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है

चापलूस पवित्र गंगाजल को देते दाग है
चापलूसी गुलामी का एक अमिट दाग है

जो लोग करते इस संसार मे चापलूसी है
दुनिया मे कहलाते है,वो चारे की भूसी है

चापलूसी के कीड़े से जो होते बीमार है
अमृत जीवन पाकर भी रहते लाचार है

चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है
दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है

उनकी चापलूसी का न कोई पारावार है
जिन्होंने जन्म से पहना थैला रूपी हार है

चापलूसों का स्वाभिमान कुछ न होता है 
चापलूस होते स्वाभिमान की मृत गार है

चापलूसों की हो रही हर जगह भरमार है
दीमक बनकर चाट रहे सबका ये संसार है

चापलूसों से रिश्ता रखना साखी बेकार है
जो दूर रखते,न करते इनसे थोड़ा प्यार है

वही पाते दुनिया मे कामयाबी बेसुमार है
जो चापलूसों को मारते लाठी बारम्बार है

दिल से विजय चापलूस लोग

Sushmagupta

मंत्री जी की चाय #Motivational

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BANDHETIYA OFFICIAL

चापलूस कवि ! #selflove #कविता

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गफलत पाली जाती है,कविता नहीं।
तबियत की सब थाती है, कविता नहीं।
कभी सुना है,कवि दरबारों की शोभा थे,
थे प्रशंसक, आलोचक भी, सही आभा थे,
अब तो दरबार दलाल ! रचयिता नहीं।
अब तो गली-कूचों में तुकबंद-तुक्कड़,
उन गलियों में कवि सच्चा  घुमक्कड़,
कौन कम? चापलूस! वो सुघड़ता नहीं।

©BANDHETIYA OFFICIAL चापलूस कवि !
#selflove

prateek bajpai

चाप लूसो की चाटुकारिता ना जाने किस  हद तक जाएगी ।
जिस हद तक जाएगी वो उस हद तक जाएंगे ।
दिन वो भी आएगा बात जब स्वाभिमान तक आएगी ।
बागी बगावत कर लेगा , चापलूस चापलूस  रह जाएंगे ।
#लखनऊ #विश्वविद्यालय #बागी
#स्वाभिमान
#चापलूस

Shipra Pandey ''Jagriti'

#मंत्री जी #WForWriters मंत्री जी

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Mantri Ji  जनता बोली सुनो मंत्री जी,
आप मंत्री आप ही देश के संतरी..!
तो बताओ ये मंत्री जी, 
वादे के आपका क्या हुआ..? 
था विकास का वादा, वो किधर गया..? 
भूखी गरीब जनता पूछ रही सवाल 
रोटी मकान शिक्षा का वादा क्यों हो गया हवा..? 
किसको मिली नौकरी, कौन युवा हुआ रोजगार की दुकान..? 
सुनकर जनता का सवाल, मंत्री ने सोचा कहीं कर ना दे ये मूर्ख जनता बवाल..! 
मंत्री जी ने ली अपनी भृकुटी ली तान, तनिक तुनक कर फिर खोली अपनी ज़ुबाँ.., 
घोलकर अपनी वाणी में मिश्री की मिठास, फिर किया थोड़ा हास-परिहास..! 
मित्रों आगे की बात आप सुने, 
मंत्री जी ने शब्दों के कैसे कैसे जाल बुने.., 
मंत्री ने छोड़ा जनता पर अपने कुटिल ज्ञान मुस्कान का तीर, 
मैंने कर दिया वादा पूरा विकास का करके अपने घर और कस्बे का विकास, 
जनता को मिला रोटी कपड़ा और आलीशान मकान, 
बच्चे मेरे खाते बर्गर पिज़्ज़ा और पा रहे जाकर विदेश में उच्य शिक्षा, 
हर सदस्य के नाम किया एक मकान, 
फल फूल रहा पूरा खानदान
सड़क का कर दिया काया कल्प, 
मेरे दर पर उतर जाती अब पूरी की पूरी राशन की ट्रक
चलते हैं सब लेकर ए. सी. कार
बढ़ गया है मेरे तोंद का भी आकार, 
मेरे घर की जनता अब ना रही गरीब, 
हड़प के सबकी ज़मीन ना ली डकार, 
अब वादा है अगले पाँच सालों में बचा खुचा है जो वो पूरा होगा, 
सात पीढ़ी के रहने का पुख़्ता इंतिज़ाम होगा,  जनता का काम तमाम होगा..!! 
हम रहे तो अबकी अश्वथामा फिर मरेगा, 
आपके कृपा से जीत का मेरे डंका बजेगा, 
और फिर आगे चल दिये मंत्री जी 
लेकर संदेश मैडम का आ गया था उनका संतरी जी
लगाने लगा नारा जय हो जय हो हमारे मंत्री जी।। 

शिप्रा पाण्डेय 'जागृति'

©Kshipra Pandey #मंत्री जी

#WForWriters मंत्री जी
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