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Banarasi..
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब अपने इस अनमोल जीवन के समाप्त होने से पहले ही अपने श्रीपिरया-प्रीतम भगवान श्री राधे-कृष्ण को मन में बसा ले, तो हमने वह सब कर लिया जो हम इस धरा पर करने आए हैं, नही तो यह जीवन हमारा व्यर्थ में चला गया समझो, हम भगवतभक्ति व भगवत्प्राप्ति के लिए चूक गये, अब फिर 84 लाख योनियों में भटकने के लिए बाध्य हो गए।। ©N S Yadav GoldMine #VoteForIndia {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब अपने इस अनमोल जीवन के समाप्त होने से पहले ही अपने श्रीपिरया-प्रीतम भगवान श्री राधे-कृष्ण को म
Shivkumar
White बुराई दूर करने को यहाँ भगवान आते हैं । अधर्मी राक्षसों का नाश कर पृथ्वी बचाते हैं ।l पुराणों में कहा जाता धरा पर पाप बढ़ जाता l कभी श्री कृष्ण या श्री राम बन लीला रचाते हैं ।l धरा पावन बनाने को प्रभू सुत रूप में आए । लता- पत्ता सभी झूमें तथा नर- नार मुस्काए ।l घड़ी थी चैत्र की नवरात्रि नवमी मात कौशिल्या l अयोध्या राम की नगरी पिता अवधेश कहलाए ।l ll आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं ll ©Shivkumar #ramnavmi #ramnavmispecial #ramnavmi2024 #ramnavmi2025 #Nojoto #बुराई दूर करने को यहाँ #भगवान आते हैं । अधर्मी राक्षसों का #
N S Yadav GoldMine
Men walking on dark street {Bolo Ji Radhey Radhey} हम यहां मनोवन्थन के लिए, इस धरा पर आए है, मगर हम आज मनोवन्थन करने कि जगह, इस अनमोल सांसो, का खजाना, मनोरंजन में युही खर्च करने में लगे हैं, पता नही क्या परिणाम होगा।। ©N S Yadav GoldMine #Emotional {Bolo Ji Radhey Radhey} हम यहां मनोवन्थन के लिए, इस धरा पर आए है, मगर हम आज मनोवन्थन करने कि जगह, इस अनमोल सांसो, का खजाना, मन
Sangeeta Kalbhor
गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते धरा नटते अंबर नटते अवघी सृष्टी प्रेम मनात असणाऱ्याची प्रेमळ बनते दृष्टी चराचरात एकची नाद प्रेम पुरुन उरते हाकला कितीही आठवणींना प्रेम स्मरते विठ्ठू माऊलीच्या चरणी प्रेममळा रंगतो वारकरी घेऊनी वीणा जय जय हरीत रंगतो भूक कुठे नि कुठे तहान प्रेम प्रेमात असताना करावी लागत नाही खंत प्रेम शीतलता देताना नात्यांना येते कुंदन रुप बळकटी जाम देते संकट येता एकजूटीने संकटाला दूर नेते लेखणी होती न्हातीधुती साजशृंगार आगळा तो शब्द उमटता काळजावर प्रेमप्रेम सोहळा तो..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते ध
Sangeeta Kalbhor
प्यार हो जाता है..... ये कैसे तुम समझ पाओगे रंग तुम्हारा ही केवल मुझे भाता है तुम्हारे देखने भर से जिंदगी से प्यार हो जाता है मेरे चेहरे की हर मुस्कान पर नाम तुम्हारा ही लिखा होता है जाना होता है कही ओर रास्ता तुम्हारी तरफ ही ले आता है चाँद ,सितारे ,गगन ,धरा होने न होने से फर्क नही पड़ता है इक तुम्हारे होने से सभी के होने में होना होता है..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Holi प्यार हो जाता है..... ये कैसे तुम समझ पाओगे रंग तुम्हारा ही केवल मुझे भाता है तुम्हारे देखने भर से जिंदगी से प्यार हो जाता है मेरे च
Bharat Bhushan pathak
चित्रपदा छंद विधान:-- ८ वर्ण प्रति चरण चार चरण, दो-दो समतुकांत भगण भगण गुरु गुरु २११ २११ २ २ नीरद जो घिर आए। तृप्त धरा कर जाए।। कानन में हरियाली। हर्षित है हर डाली।। कोयल गीत सुनाती। मंगल आज प्रभाती। गूँजित हैं अब भौंरे। दादुर ताल किनारे।। मेघ खड़े सम सीढ़ी। झूम युवागण पीढ़ी।। खेल रहे जब होली। भींग गये जन टोली।। दृश्य मनोहर भाते। पुष्प सभी खिल जाते।। पूरित ताल तलैया। वायु बहे पुरवैया।। भारत भूषण पाठक'देवांश' ©Bharat Bhushan pathak #holikadahan #होली#holi#nojotohindi#poetry#साहित्य#छंद चित्रपदा छंद विध