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Gaurav pawar
White जिन्दगी एक रात है। जिसमे न जाने कितने ख्वाब है, जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है...! ©Gaurav pawar #Thinking जिन्दगी एक रात है। जिसमे न जाने कितने ख्वाब है, जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है...!
#Thinking जिन्दगी एक रात है। जिसमे न जाने कितने ख्वाब है, जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है...!
read moreShruti Rathi
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अक्सर जो लोग अन्दर से टूट या मर जाते है ना, वो फिर ओरों को जीना सिखाते हैं। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अक्सर जो लोग अन्दर से टूट या मर जाते है ना, वो फिर ओरों को जीना सिखाते हैं।
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} अक्सर जो लोग अन्दर से टूट या मर जाते है ना, वो फिर ओरों को जीना सिखाते हैं।
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White एक अधूरा सफ़र एक सफ़र अधूरा रहा, ख्वाहिशों का साथ छूट गया। मंज़िल मेरी रूठ गई, मैं खुद से ही तो रूठ गया। दरिया में कश्ती डूब गई, पतवार मेरी टूट गई। मैं खुद से ही तो रूठ गया, मैं खुद से ही तो टूट गया। ख़्वाब सजाए आँखों ने, एक पल में सब टूट गया। सफ़र पर निकला जब, खुद ही रास्ता भटक गया। रुका मैं अभिलाषा में, मुश्किल दौर से गुज़र गया। माया के भंवर में फँसकर, भरी ज्येष्ठा में सर्द सा सिहर गया। एक महल बनाया रेत सा, जो पल भर में ढह गया। ख़्वाबों की दीवारें टूटीं, और दिल भी कहीं बह गया। साथ किसी का छूट गया, दर्द सा दिल में बैठ गया। मैं खुद से ही तो रूठ गया, मैं खुद से ही तो टूट गया। दिल मासूम फिर से टूट गया, मंज़िल मेरी फिर छूट गई। महबूब मुझसे रूठ गया, मैं खुद से ही तो टूट गया। मैं खुद से ही तो रूठ गया। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute एक अधूरा सफ़र एक सफ़र अधूरा रहा, ख्वाहिशों का साथ छूट गया। मंज़िल मेरी रूठ गई, मैं खुद से ही तो रूठ गया।
#sad_qoute एक अधूरा सफ़र एक सफ़र अधूरा रहा, ख्वाहिशों का साथ छूट गया। मंज़िल मेरी रूठ गई, मैं खुद से ही तो रूठ गया।
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
Unsplash कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है माना मुमकिन नहीं है अब लौट कर आना बस यही आश में अपनो से दूर हुए बैठे है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #leafbook कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है
#leafbook कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ुबाँ से कहूँ तो टूट जाती है ख़ामोशी, दिल से कहूँ तो बढ़ जाती है बेहोशी। आँखों में लफ्ज़ हैं, पर वो पढ़ते नहीं, दिल में सवाल है, पर वो सुनते नहीं। हर आह में छुपा है एक दर्द का समंदर, पर उनकी समझ से दूर है ये मुक़द्दर। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ुबाँ से कहूँ तो टूट जाती है ख़ामोशी, दिल से कहूँ तो बढ़ जाती है बेहोशी। आँखों में लफ्ज़ हैं, पर वो पढ़ते नहीं, दिल में सवाल
#नवनीतठाकुर ज़ुबाँ से कहूँ तो टूट जाती है ख़ामोशी, दिल से कहूँ तो बढ़ जाती है बेहोशी। आँखों में लफ्ज़ हैं, पर वो पढ़ते नहीं, दिल में सवाल
read moreनवनीत ठाकुर
तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार कर दिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन तेरी यादों ने हमें टूट कर जीने पर मजबूर कर दिया। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार करदिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन
#नवनीतठाकुर तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार करदिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ
#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा। कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान, ख़ुद तो संभल न सका, तू किसे क्या देगा। तू साया भी तो न बन सका किसी का ' नवनीत ', क्या और दिल को आराम देगा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
#नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
read moreनवनीत ठाकुर
White अंधेरों में उजाले का खिलना, दर्द के बाद राहत की उम्मीद का होना ज़रूरी। कभी टूट कर गिरना, फिर उठकर चलना, ज़िंदगी के इस सफर में संभलना ज़रूरी। मंज़िल तक पहुँचने के लिए रास्ते हों या कांटे, हर फिज़ा में संघर्ष का होना ज़रूरी। हर असफलता से कुछ सीखा है, सच्चाई यही, अच्छे दिन आने तक मेहनत का होना ज़रूरी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर अंधेरों में उजाले का खिलना, दर्द के बाद राहत की उम्मीद का होना ज़रूरी। कभी टूट कर गिरना, फिर उठकर चलना, ज़िंदगी के इस सफर मे
#नवनीतठाकुर अंधेरों में उजाले का खिलना, दर्द के बाद राहत की उम्मीद का होना ज़रूरी। कभी टूट कर गिरना, फिर उठकर चलना, ज़िंदगी के इस सफर मे
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