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PФФJД ЦDΞSHI
White हर बार different करो.... लेखक हो कलाकार हो, reels बनाते हो,एक जैसा देख कर पढ़ कर लोग bore होते हैं, इस्लिये कहा,जिनको पसंद नहीं करते उन्हें like मत करो सही देखो सही करो, जो गलत हैं उनको देख कर like कर बढ़ावा मत दो, इंटरनेट से गन्दगी साफ करनी हैं तो कला दिखाओ जिस्म नहीं, ये गन्दी reels बनाने वाली लड़कियों औरतो पर comment हैं पुरुष भी non veg types reels बनाते हैं और लड़कियां बन उनका मजाक उडाते हैं कैसे पुरष हो यार,, clean aap clean dirty things in mind ✌🏻 ©PФФJД ЦDΞSHI #Reels #लेखक #कलाकार
Sita Prasad
White लेेखन सौन्दर्य जब भी लिखी दास्तान दिल की कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया किसी ने कहा' वाह क्या बात है! ' किसी को मेरा नज़रिया न भाया हैं दिल की बातें भी अजीब इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते स्वांग न रचना न बातें बनाना सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है समझना तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ मेरा तो बस काम ही है लिखना पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।। सीता प्रसाद ©Sita Prasad #flowers #कविता #लेखक #लेखन
Rimpi chaube
कैसे रिझाऊं उनको,कैसे इजहार–ए–इश्क करूं। तुम तो हो महबूब दिलों के,ए चाँद तू ही कुछ सुझा।। ©Rimpi chaube #चाँद_तू_ही_कुछ_सुझा❤️ कैसे रिझाऊं उनको,कैसे इजहार–ए–इश्क करूं। तुम तो हो महबूब दिलों के, ए चाँद तू ही कुछ सुझा।।
Life is a journey Nidhi Priya
White ए जिंदगी मुझे जीने दे, अपनी तन्हाई में, अपने सपनों के संग जीने दे, ना कर बीच में पर्दा तू, जरा सरक ,मुझे सपनों के रंग में रंगने दे, ए जिंदगी मुझे जीने दे। स्वरचित:- निधि प्रिया ©Life is a journey Nidhi Priya #ए जिंदगी मुझे जीने दे प्रिया के सपने
Mehfuza
White हमेशा याद रहेगा यह दौर-ए-जहाँ हमको, क्या तरसाया है जहाँ ने उस शख़्स-ए-ग़ैर के लिए! ©Mehfuza #nightthoughts हमेशा याद रहेगा यह दौर-ए-जहाँ हमको, क्या तरसाया है जहाँ ने उस शख़्स-ए-ग़ैर के लिए! Meaning-
Gurudeen Verma
शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखक
Anju
#एहसास ए अंजुली आज ये प्रकृति चुप हैं कल वो प्रकृति चीख_चीख कर बोलेगी तुम गुनेगार हो मेरे और लग जाए तुम्हे मेरी उम्र ये दुआ हैं मेरी उस दिन मौत तुम्हारे करीब न आएगी और फैसला होगा उसकी अदालत में इश्क की सजा तुम्हे सुनाई जाएगी और रोओगे तुम उसे दिन और धीरे से में मुस्कुराउंगी 😠🙁😷😞😠😠 ©Anju एहसास ए अंजुली