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dilkibaatwithamit
White ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ जो मेरा होने का दावा करते थे झूठे निकले यार वो सारे, ठीक हुआ उसको इनाम में इक और दुनिया मिली मेरे हिस्से आए ख़सारे, ठीक हुआ पाँव मलते-मलते उसकी बस्ती से घर को लौटे हम बेचारे, ठीक हुआ उसकी छत पे जाने से तो बेहतर था रातें गुज़ारी गिनकर तारे, ठीक हुआ ©dilkibaatwithamit ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ जो मेरा होने
ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ जो मेरा होने
read moreAnant Nag Chandan
White अश्क आँखों से गिरते-गिरते रह गए, हम ख़ुदकुशी को सोचते-सोचते रह गए। अनंत ©Anant Nag Chandan #Sad_Status अश्क आँखों से गिरते-गिरते रह गए, हम ख़ुदकुशी को सोचते-सोचते रह गए। अनंत
#Sad_Status अश्क आँखों से गिरते-गिरते रह गए, हम ख़ुदकुशी को सोचते-सोचते रह गए। अनंत
read moreMSA RAMZANI
White सितारों से आगे जहां और भी है अभी अश्क के इम्तिहां और भी है तु शाहीन है परवाज है काम तेरा तेरे सामने आसमां और भी है 30/3/15 ©MSA RAMZANI सितारों से आगे जहां और भी है अभी अश्क के इम्तिहां और भी है तु शाहीन है परवाज है काम तेरा तेरे सामने आसमां और भी है Pooja Udeshi Deepika
सितारों से आगे जहां और भी है अभी अश्क के इम्तिहां और भी है तु शाहीन है परवाज है काम तेरा तेरे सामने आसमां और भी है Pooja Udeshi Deepika
read moreRuhi
Unsplash एक दिन मैं सब कुछ छोड़ जाऊंगी तुमसे दूर और अपनों से मु मोड़ जाऊंगी ज़माने भर से क्या मतलब.... मैं जहां से आई थी फ़िर उन्हीं राहों से लौट जाऊंगी । एक दिन मैं यूं ही किसी मिट्टी में हवा बन उड़ जाऊंगी,, एक दिन तुम सब देखोगे और मैं सबके आंखों से धार बन कर बह जाऊंगी,, एक दिन मैं इस दुनियां को अपनी से पराई कर जाऊंगी। एक दिन तुम देखोगे लाश मेरी और मैं कब्र में आंखे मूंद सो जाऊंगी। ©Ruhi मेरे बहते आंखों के अश्क कह रहे हैं तुमने मजबूरियां देखी है और लोगों ने तुम्हें मजबूर किया है।
मेरे बहते आंखों के अश्क कह रहे हैं तुमने मजबूरियां देखी है और लोगों ने तुम्हें मजबूर किया है।
read moreनवनीत ठाकुर
हर चेहरा नया है, मगर दर्द वही है, दिल के किसी कोने में, दबी आवाज़ वही है। किरदार बदलते गए, पर कहानी वही है, साँसें बदल रहीं हैं, पर धड़कन की राग वही है। हर रास्ता अलग है, फिर भी सफर वही है, जो खुशी थी कभी, आज उसकी कसक वही है। आसमान बदलता है, मगर रंग वही हैं, सितारे टूटते हैं, पर अरमान वही हैं। रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये नाटक, बस परछाईं वही है। दिल की ज़ुबां पर सवालों का शोर वही है, ज़िंदगी के हर मोड़ पर, सन्नाटा घना वही है। वक्त ने हर चीज़ को बदला, पर जख्म पुराने वही हैं, वो बातें जो छूट गईं थीं, अफसाने वही हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
#नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
read moreनवनीत ठाकुर
तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा दर्द, तो और किससे वफा करूं। जो अश्क छुपा रखे हैं पलकों में, उन्हें कैसे रिहा करूं। जिन लफ्ज़ों में था तेरा जिक्र, अब उनका क्या सिलसिला करूं। तुम्हारी खामोशी है गवाही मेरी, तो शिकायत किससे भला करूं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
#नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
read moreVs Nagerkoti
Red sands and spectacular sandstone rock formations किस तरह आपको मिला हुआ वरदान भी आपके लिए श्राप साबित हो जाता है । जब आपका लोगों को आसानी से पढ़ लेना ही आपको बेहद तकलीफ देता है । जब आपको महशुश होता है की जिन्हे आप सबसे ज्यादा पसंद करते है वही आपसे सबसे ज्यादा नफरत करते है ।सोचो कैसा लगता होगा उस वक्त । मन की क्या दशा होती होगी । वो इंसान रोज आपके सामने एक ही नाटक करता है।और आपको पता भी होता है। फिर भी आप कुछ नहीं कहते । ©Vs Nagerkoti #Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे
#Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे
read moreMayuri Bhosale
नाटक.... जीवन आहे एक न संपणार नाटक, सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. नाटक असते एक रंगभूमी, पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. इथे सादर करतात अनेक कला, प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा, सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा. पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत, शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत. असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा. ©Mayuri Bhosale नाटक
नाटक
read moreMayuri Bhosale
नाटक.... जीवन आहे एक न संपणार नाटक, सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. नाटक असते एक रंगभूमी, पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. इथे सादर करतात अनेक कला, प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा, सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा. पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत, शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत. असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा. ©Mayuri Bhosale नाटक
नाटक
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
चिलमन=पर्दे ख़लिश=शिकायत राफ़्ता= संबंधित दरमियां ए साहिल= मझधा, मुकद्दर(भाग्य) स्वलिखित गज़ल शीर्षक समंदर आंखों का विधा गज़ल भाव वास्त
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