Find the Latest Status about बूढ़े from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बूढ़े.
abhishek sharma
जो लोग बूढ़े माँ बाप को छोड़ के चलें जातें है अपनी एक अलग दुनिया बसा लेतें हैं क्या वह ज़िंदगी भर खुश रहें जातें हैं वह लोग माँ बाप के प्यार को कैसे भूल जाते है ©mysterious boy बूढ़े माँ बाप #बूढ़ेमाँबाप मेरे शब्द
अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
Suna Hai Ki इश्क़ और हुस्न की राहों पर...... हर बुढ़े दिल भी जवां होते हैं....! कोई आंखों से सूई चुभोता है..... कोई अश्रू बहाते होते हैं.........!! #@pm #बूढ़े_दिल
Guri
बूढ़े हाथों को देख कुछ तो याद आया होगा तुमने भी अपने मां बाप को कभी तो रुलाया होगा guri बूढ़े हाथ
vinita chundawat
"धुंधलापन, अनगिनत झुर्रियां, कुछ अस्पष्ट वाक्य और मंद अस्तित्व के साथ, आज भी तंदुरुस्ती और पवित्र प्रेम अपने भीतर समेटे अलमारी के एक कोने में धड़क रहा है बूढ़े प्रेम पत्रों का हृदय। मुरझाए हुए खतों में आज भी महक रहा है माँ बाबा का अतुल्य विश्वास,सुगंधित इत्र बनकर!" _mirror of words❤ बूढ़े प्रेम पत्र!
मोहित "बेख़बर"
##शायरी## वर्षों का रिश्ता यूॅं पल मैं तोड़ मत देना। खिलते गुलाब की पंखुड़ी मरोड़ मत देना। बड़ी मन्नत से पाला है तुम्हें जान की तरह, उन बूढ़े माॅं बाप को तुम छोड़ मत देना।। ©Rohit Sharma ## बूढ़े माॅं बाप ## शायरी ##
Mohan Sardarshahari
हम उस दौर में जी रहे जहां बूढ़े शादी कर रहे और जवान प्रयोग कर रहे। कई लिव - इन अपना रहे कई नाम फ्रेंडशिप दे रहे ढूंढ रहे हैं साथी ऐसा जहां जिम्मेदारी का नाम ना रहे। गर बात आगे बढ़ भी गई कई हवा में प्रपोज कर रहे हवा पल में रूख बदलती है ऐसे ही प्रपोजल हवा हवाई हुए।। गर बात हल्दी रस्म पहुंची हल्दी उबटन में नहा रहे उबटन की गर्मी में ही कई प्रपोजल खाक हुए।। कई देहरी पहुंच गये साथ रिश्तेदार ना गये बिना जड़ों को गहराई के रिश्ते जल्दी उखड़ गये ।। हनीमून की ललक में देवी पूजन भूल गये बिन बेटी के तोरण के घर अब पवित्र ना रहे।। बिना संस्कारों के ये प्रपंच देख बूढ़े- बूढ़ी के मन भी डोल गये अपने लिए वो भी अब बुढ़ापे का आलम सुनाने को खुद जैसा ही कोई पुराना बरगद ढूंढ रहे।। हम उस दौर में जी रहे ... ©Mohan Sardarshahari बूढ़े शादी कर रहे
kumaarkikalamse
सेवा की भावना रखना, और सेवा करना बात अलग है, घर के बूढ़े सदस्यों को भी, बच्चा ही समझना चाहिए!! #kumaarsthought #समझनाचाहिए #बूढ़े #सेवा
Priyambada Singh
बहुत सारी जिम्मेदारिया उठाई हैं ,इस बूढी कंधों ने शायद इसे अब आराम की जरूरत है, लेकिन जिम्मेदारी भी कुछ ऐसी होती हैं, जो शायद जिम्मेदारी की जगह मजबूरी का नाम ले लेती हैं , अब बस इस मजबूरी को खत्म करना है , इन बूढी आंखों पर लगे चश्में के शीशे भी कभी धुंधला जाते हैं , लेकिन उन्ही मजबूरियों की वजह से ये उसे बदलते नहीं बस ये सोच कर रह जाते हैं कि अच्छा घर की इस जरूरत को पूरा करने के बाद जरूर बदल दूंगा , लेकिन जिम्मेदारी तो कभी खत्म ही नहीं हुई और ना ही उन बूढ़ी आंखो पर लगे चश्मे के शीशे बदले गए. बूढ़े कंधे कि बड़ी जिममेदारी