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Amit Sharma
छोटी सी उम्र से जो पाठ सिखाया था, इस तरह भूल जाओगे उम्र के साथ मे। #ImageStories बूडा़ लाचार बाप
Sangeeta Patidar
काश! कभी हमें भी मिलता हमारे ख़तों का जवाब, मुँह फुला खड़े ना होते सवाल, होता जो पूरा ख़्वाब। आँसुओं में बूड़-बूड़, साँसों में उड़-उड़ कर लिखते हैं, दिल भी खिलखिलाता, अगर कोई समझता नायाब। क्या उन्हें भाते नहीं अल्फ़ाज़ और उसमें छुपा प्यार? दोगुना-चौगुना हो जाता, कहता कोई जब लाजवाब। चाँद-सितारे नहीं चाहिए, साथ कुछ लम्हे भी काफ़ी, छोड़ के ज़माना बातें करते, खोल दिल की किताब। किसी की फ़िक्र किए बिना दो लफ़्ज़ ही लिखे 'धुन', ख़ुशी-ख़ुशी बैठे-बिठाए दे देते जाने कितने ख़िताब। Rest Zone 'काव्य सृजन' आँसुओं में बूड़-बूड़, साँसों में उड़-उड़ कर लिखते हैं... -त्रिलोचन #restzone #rztask227 #rzलेखकसमूह #sangeetapati
Bhawna Sagar Batra
अबोध_मन//फरीदा
जो ऐस निहारो मोको कान्हा, द्युति लोचन की बढ़ जाय, सब रंग धनक मोरे सोख लियो, कृष्ण वर्ण में ऐसी बूड़ी हाय। अबोध_मन//”फरीदा” . ©अवरुद्ध मन जो ऐस निहारो मोको कान्हा, द्युति लोचन की बढ़ जाय, सब रंग धनक मोरे सोख लियो, कृष्ण वर्ण में ऐसी बूड़ी हाय। ©फ़क़त"फरीदा" ✍🏽 #अबोध_मन #कान्ह
Anshul Bhondele
JALAJ KUMAR RATHOUR
देश रक्षा की खातिर दांव लगा बैठा जो अपनी जान को ए खुदा सलामत रखना उस माँ के लाल को उमीद देना उस सुहागन के सिंदूर को,हौसला देना बेटे के इंतजार को झूठा ना होने देना बहन की राखी और बूड़े बाप के प्यार को , ए खुदा सलामत रखना ,उस माँ के लाल को ..........#जलज #IAF #ABHINANDAN #NojotoQuote देश रक्षा की खातिर दांव लगा बैठा जो अपनी जान को ए खुदा सलामत रखना उस माँ के लाल को उमीद देना उस सुहागन के सिंदूर को हौसला देना बेटे के इंत
Ansh Rajora
खोज मुसाफिर खोज रे जिन खोजा तिन पाइया बाहर मिलै कुछ नाहीं घट भीतर तेरा साईंया सत्य है जब एक दिन यहां से प्रत्येक को जाना है तो एक राहगीर से अधिक अस्तित्व ही क्या है किसी का...धनी हो या निर्धन बस एक मुसाफिर है मंज़िल सभी
Dr Upama Singh
“विरह वेदना” छोड़ चले बालम मुझको क्यों विरह की वेदना में “आंँसुओं में बूड़–बूड़ सांँसों में उड़–उड़कर” अब मैं तेरे बिन कैसे जीऊंँ रे अनुशीर्षक में👇👇👇 अब तो बता तो मेरे सजन क्या मुझसे इतनी ही थी लगन जीवन के बीच मझधार में छोड़ क्यों चल दिए सजन अब मैं तेरे बिन कैसे जीऊंँ रे बनाया था हमने प्य